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सड़कों पर मौतों के ग्राफ में तेजी, 2024 में ज्यादा हादसे; देहरादून जिले की हालत खराब

  • हरिद्वार जिले में भी स्थिति गंभीर है, जहां 2024 में 375 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 241 मौतें और 304 लोग घायल हुए। उधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में भी सड़क हादसों की संख्या चिंताजनक है। जिससे सुरक्षा उपायों की आवश्यकता और अधिक हो जाती है।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, हिन्दुस्तानWed, 6 Nov 2024 05:59 PM
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उत्तराखंड में तमाम तैयारियों के बीच सड़क हादसों की संख्या और इनमें होने वाली मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। तीन वर्षों की तुलनात्मक रिपोर्ट में दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

वर्ष 2024 में कुल 1,448 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की गईं। जबकि, वर्ष 2023 में 1,367 और वर्ष 2022 में 1,366 सड़क हादसे हुए हैं। देहरादून सड़क दुर्घटनाओं के मामले में सबसे आगे है। यहां इस साल 435 मामले सामने आए।

जबकि 2023 में 373 और 2022 में 363 मामले दर्ज किए गए थे। देहरादून में इस वर्ष अब तक 158 लोगों की मृत्यु हुई, जो 2023 में 151 थी। घायलों की संख्या में भी वृद्धि हुई है, जो इस वर्ष 376 तक पहुंच गई, जबकि 2023 में यह 322 थी।

हरिद्वार जिले में भी स्थिति गंभीर है, जहां 2024 में 375 दुर्घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 241 मौतें और 304 लोग घायल हुए। उधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में भी सड़क हादसों की संख्या चिंताजनक है। जिससे सुरक्षा उपायों की आवश्यकता और अधिक हो जाती है।

प्रदेश में 176 ब्लैक स्पॉट

प्रदेश में 176 स्थान ऐसे ब्लैक स्पॉट बन गए हैं, जहां बार-बार हादसे हो रहे हैं। इनमें देहरादून में सबसे अधिक 56, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में 40-40 स्थान चिह्नित किए गए हैं। नैनीताल में इनकी संख्या 17 है।

ओवरलोडिंग के खिलाफ चलेगा व्यापक अभियान

उत्तराखंड में दस नवंबर से पुलिस ओवरलोड, डग्गामार, शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ व्यापक स्तर पर चेकिंग अभियान शुरू करेगी। डीजीपी अभिनव कुमार ने मंगलवार को पुलिस अफसरों की समीक्षा गोष्ठी में यह निर्देश दिए। डीजीपी ने प्रदेश में अपराध की भी समीक्षा की।

डीजीपी अभिनव कुमार ने अपने कार्यालय में यह बैठक ली। जिसमें कई अफसर उनके कार्यालय में पहुंचे तो अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े। बैठक में हाल में अल्मोड़ा के सल्ट में हुए बस हादसे के बाद पहाड़ी मार्गों पर यातायात प्रबंधन का मुद्दा भी उठा।

डीजीपी ने कहा कि ओवरलोडिंग के कारण होने वाली सडक दुर्घटना को रोकने के लिए वाहन मालिक, ड्राइवर, कंडक्टर के खिलाफ अनिवार्य रूप से मुकदमा दर्ज किया जाए। प्रदेश में पिछले दस वर्षों में ओवरलोडिंग के कारण हुई सड़क दुर्घटना के हाटस्पॉट वाले स्थानों को चिन्हित कर विशेष साइनएज बोर्ड, ग्लोइंग बोर्ड, क्रैश बैरियर लगाने के निर्देश दिए।

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