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Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़government teachers Hunger strike to cancel principal recruitment in Uttarakhand from September 2

सरकारी शिक्षकों की प्रधानाचार्य भर्ती निरस्त करने को भूख हड़ताल, 2 सितंबर से उत्तराखंड में चल रहा आंदोलन

  • शिक्षक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी और प्रांतीय संयुक्त मंत्री जगदीश बिष्ट ने कहा कि शिक्षक एक ही पद पर भर्ती होकर उसी में रिटायर हो जाता है। शिक्षकों ने शिक्षा निदेशालय परिसर स्थित धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, हिन्दुस्तानSun, 15 Sep 2024 08:17 AM
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उत्तराखंड में प्रधानाचार्य भर्ती को पूर्ण रूप से निरस्त करने और प्रमोशन प्रक्रिया शुरू करने की मांग को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने शनिवार से भूखहड़ताल शुरू कर दी। संघ के देहरादून के जिला मंत्री अर्जुन पंवार, बीरोंखाल के ब्लॉक अध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट और अगस्त्यमुनि के ब्लॉक मंत्री अंकित रौथाण शिक्षा निदेशालय परिसर स्थित धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठ गए।

संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा कि यदि सरकार ने जल्द निर्णय न लिया तो आंदोलन को प्रदेश स्तर पर शुरू कर दिया जाएगा। शिक्षक पूर्ण कार्यबहिष्कार को मजबूर होंगे। पंवार, बिष्ट और रौथाण ने कहा कि प्रधानाचार्य पद शतप्रतिशत प्रमोशन का पद है। 

इस पर विभागीय सीधी भर्ती कर सरकार शिक्षकों के साथ नाइंसाफी कर रही है। प्रधानाचार्य शैक्षिक कैडर का सर्वोच्च पद है। वर्षों से शिक्षक प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार का ध्यान प्रमोशन कराने पर कतई नहीं है।

शिक्षक संघ प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी और प्रांतीय संयुक्त मंत्री जगदीश बिष्ट ने कहा कि शिक्षक एक ही पद पर भर्ती होकर उसी में रिटायर हो जाता है। यह अन्याय है। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष-गढ़वाल श्याम सिंह सरियाल, मंडलीय मंत्री हेमंत पैन्यूली, मंडलीय अध्यक्ष-कुमाऊं डॉ. गोकुल सिंह मर्तोलिया,मंडलीय मंत्री रविशंकर गुसाईं, राजमोहन सिंह रावत,जयकृत भंडारी आदि मौजूद रहे।

शिक्षकों की पीड़ा, अफसर नहीं ले रहे सुध

प्रधानाचार्य भर्ती पर सरकार ने शिक्षकों की पहली मांग स्वीकार करते हुए भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया है। साथ ही एलटी शिक्षकों को इसके दायरे में लाने के लिए नियमावली में बदलाव की कसरत भी शुरू कर दी है। शिक्षक इसके लिए सरकार को धन्यवाद तो दे रहे हैं, लेकिन नाराज भी हैं। 

उनका कहना है कि सरकार ने एकतरफा निर्णय लेते हुए भर्ती को स्थगित कर दिया है। दो सितंबर से आंदोलन चल रहा है, लेकिन एक भी अफसर ने शिक्षकों से बात करने की जहमत नहीं उठाई। शिक्षा निदेशालय से अपर निदेशक माध्यमिक डॉ. मुकुल कुमार सती जरूर धरना स्थल पर आए, लेकिन लिखित रूप से कोई आश्वासन देने की स्थिति में न होने की वजह से उनका आना भी कारगर न रहा।

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