रोड एक्सीडेंट में मृतकों के परिजनों को राहत राशि तक नहीं दे पाई सरकार, सिर्फ चुकाई इतनी रकम
- शासनादेश धरातल पर लागू होता नहीं दिख रहा है। इसकी तस्दीक प्रशासन के आंकड़े कर रहे हैं। इस दौरान हुई 34 सड़क दुर्घटनाओं में 32 लोग मारे गए, जबकि 37 घायल हुए।
सड़क दुर्घटनाओं को रोकना तो दूर हादसों में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को सरकार तय दो लाख रुपये की राहत राशि तक नहीं दे पा रही है। बीते एक साल की ही बात करें तो जिले में हुए हादसों में 32 लोगों ने जान गंवाई, लेकिन सरकार राहत राशि के नाम पर महज 12.20 लाख रुपये ही दे पाई।
जबकि हादसे में मरने वाले प्रति व्यक्ति के परिजन को दो लाख रुपये देने का प्रावधान है। सल्ट के कूपी में हुए भीषण हादसे के बाद सिस्टम पर तमाम सवाल उठे हैं। बसों की हालत से लेकर ओवरलोडिंग पर शासन-प्रशासन पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
अब मामला मृतकों के लिए तय राहत राशि का सामने आया है। धामी सरकार ने सड़क परिवहन दुर्घटना राहत निधि 2011 में तृतीय संशोधन करते हुए सड़क दुर्घटना में मारे जाने वाले लोगों के परिजनों को एक की जगह दो लाख रुपये दिए जाने का शासनादेश जारी किया था।
लेकिन शासनादेश धरातल पर लागू होता नहीं दिख रहा है। इसकी तस्दीक प्रशासन के आंकड़े कर रहे हैं। इस दौरान हुई 34 सड़क दुर्घटनाओं में 32 लोग मारे गए, जबकि 37 घायल हुए। सरकार ने इन दुर्घटनाओं के पीड़ित परिवारों को राहत राशि के रूप में महज 12.20 लाख ही दिए गए। नतीजा है कि आज भी कई परिजन राहत राशि के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
भतरौंजखान हादसे के प्रभावित निराश
पांच साल पूर्व वर्ष 2019 में भतरौंजखान के पास हुई बस दुर्घटना में पांच लोगों ने जान गंवाई थी। उस समय तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की थी। लेकिन आज तक उन्हें राहत राशि नहीं मिली। एक पीड़ित ने बताया कि उन्होंने मुआवजे के लिए दफ्तरों के चक्कर काटे, लेकिन उन्हें राशि नहीं मिली।
हादसों का ब्योरा
बस दुर्घटनाएं- 34 मामले
मृतकों की संख्या- 32 लोग
सामान्य घायल- 37 लोग
पूरी हुई जांचें- 21 मामले
लंबित जांचें- 11 मामले
वितरित राशि- 12.20 लाख रुपये
सड़क दुर्घटनाओं के प्रभावितों को राहत निधि से मुआवजे की राशि दी जाती है। सल्ट हादसे में मरने वाले परिजनों को राहत राशि दी जा चुकी है। अगर कोई पिछला मामला लंबित है तो इसकी जानकारी ली जाएगी।
आलोक कुमार पांडेय, डीएम अल्मोड़ा।
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