Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़free ration Game of reduction in poor consumers lose so much money every month

फ्री राशन में घटतौली का ‘खेल’, उपभोक्ताओं को हर महीने इतने रुपयों का नुकसान

  • राशन में गेहूं और चावल का भार बोरे समेत 50-50 किलो होना चाहिए, लेकिन रामनगर की सस्ता गल्ला की दुकानों तक यह राशन कम पहुंच रहा है। सस्ता गल्ला दुकानदारों के अनुसार, अधिकांश बोरों में दो से तीन किलो कम यानि 47 किलो तक ही गेहूं-चावल निकल रहा है।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, रामनगर, राजू वर्माTue, 15 Oct 2024 03:57 PM
share Share

गरीबों को फ्री राशन की दुकानों के जरिए मुहैया कराए जाने वाले खाद्यान्न में घटतौली का ‘खेल’ सामने आया है। आरएफसी गोदाम से रामनगर समेत अधिकांश पहाड़ी इलाकों के लिए हर माह गेहूं, चावल आदि की सप्लाई होती है।

लेकिन आरएफसी गोदाम से सप्लाई इस खाद्यान्न के बोरों में एक से तीन किलो तक कम राशन निकल रहा है। इसके पीछे बड़ा ‘खेल’ होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि पूर्ति विभाग ने कोटेदारों से गोदाम में अपने सामने राशन तुलवाने के लिए कहा है।

रामनगर के आमडंडा स्थित आरएफसी गोदाम से कुमाऊं और गढ़वाल के कई जिलों को सरकारी राशन की सप्लाई होती है। वहीं रामनगर शहर और गांव की 95 सस्ते गल्ले की दुकानों में आरएफसी गोदाम के अधिकारियों को गेहूं, चावल, चीनी सप्लाई कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

गेहूं और चावल का भार बोरे समेत 50-50 किलो होना चाहिए, लेकिन रामनगर की सस्ता गल्ला की दुकानों तक यह राशन कम पहुंच रहा है। सस्ता गल्ला दुकानदारों के अनुसार, अधिकांश बोरों में दो से तीन किलो कम यानि 47 किलो तक ही गेहूं-चावल निकल रहा है।

ऐसे में आरएफसी गोदाम से पहाड़ों को सप्लाई होने वाले राशन में घटतौली का बड़ा ‘खेल’ होने की आशंका है। सस्ता गल्ला दुकानदारों ने पूर्ति अधिकारी कमल तिवारी से खाद्यान्न की घटतौली की शिकायत की है।

हर माह होती है सप्लाई

आरएफसी गाोदाम के सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर मनोज मनराल ने बताया कि रामनगर की सस्ते गल्ले की दुकानों में हर माह 1841 कुंतल गेहूं और 4686 कुंतल चावल की सप्लाई होती है। मनराल ने कहा कि राशन विक्रेता अपने सामने वजन कराकर खाद्यान्न ले जा सकते हैं।

कम वजन पर किसानों को लौटा देते हैं खाद्यान्न

आरएफसी गोदाम में राइस मिलरों से गेहूं-चावल की सप्लाई होती है। किसान जगतार सिंह, सतपाल सिंह, गुरमीत सिंह ने बताया, तैयार गेहूं व धान की फसल बेचने जाते हैं, तो उनसे पूरा वजन कराकर ही लिया जाता है। वजन कम होने पर लौटा दिया जाता है या तय कीमत के अनुसार उन्हें रुपये नहीं दिए जाते हैं।

शंकरपुर भूल स्थित दुकान में 3 किलो कम निकला गेहूं

शंकरपुर भूल में विधायक दीवान सिंह बिष्ट आवास के पास के सस्ता गल्ला की दुकान में गेहूं की कुछ बोरियों में 47 किलो खाद्यान्न मिला। वहीं मालधन की दुकान में भी गेहूं और चावल में घटतौली से विक्रेता परेशान हैं। पूर्ति अधिकारी कमल तिवारी ने बताया कि गेहूं और चावल का भार बोरे में 50-50 किलो होना चाहिए।

सस्ता गल्ला के दुकानदारों को पूरा खाद्यान्न दिया जाता है। ठेकेदार वाहनों से दुकान तक गेहूं-चावल पहुंचाता है। घटतौली की शिकायत मिलने पर जितना वजन कम होता है, उतना गेहूं-चावल अलग से दे दिया जाता है।

मनोज मनराल, सीनियर मार्केटिंग ऑफिसर, आरएफसी गोदाम, आमडंडा।

राशन में घटतौली अफसरों की लापरवाही है। कैसे सप्लाई कम पहुंच रही है, ये संबंधित अफसरों की अनदेखी है। इस शिकायत पर शासन स्तर से काईवाई कराएंगे।

दीवान सिंह बिष्ट, विधायक, रामनगर

मामले में शिकायत मिली है। जानकारी आरएफसी के अधिकारियों को दे दी गई है। दुकानदारों से भी अपने सामने राशन को तुलवाकर सप्लाई कराने के लिए कहा जा रहा है। कुछ दुकानदार मेरे पास आए थे।

कमल तिवारी, पूर्ति अधिकारी, रामनगर।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें