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दिल्ली में अब नहीं बनेगा केदारनाथ धाम, सीएम धामी की सख्ती का दिखा असर

दिल्ली में केदारनाथ धाम के नाम पर मंदिर का निर्माण नहीं होगा। सरकार के सख्त कानून के बाद ट्रस्ट बैकफुट पर है। अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने इस्तीफा दिया। नए अध्यक्ष सुमन मित्तल ने मंदिर निर्माण न करने और...

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनSun, 25 Aug 2024 07:50 PM
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दिल्ली में अब नहीं बनेगा केदारनाथ धाम, सीएम धामी की सख्ती का दिखा असर सरकारी सख्ती के बाद बैकफुट पर दिल्ली ट्रस्ट, अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने किया इस्तीफे का ऐलान

देहरादून, मुख्य संवाददाता।

दिल्ली में अब केदारनाथ धाम के नाम पर किसी भी तरह के मंदिर का कोई निर्माण नहीं होगा। उत्तराखंड से हुए भारी विरोध और सरकार की ओर से बनाए गए सख्त कानून के बाद श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट बैकफुट पर है। ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला ने इस्तीफे का ऐलान करते हुए कहा कि अब कोई मंदिर का निर्माण नहीं होगा।

ट्रस्ट के नए अध्यक्ष के रूप में सुमन मित्तल की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है। जो रविवार को दिन भर सोशल मीडिया पर वायरल होता रहा। इस पत्र में भी मंदिर न बनाने, ऑनलाइन क्यूआर कोड से चंदा न लेने और ट्रस्ट को बंद किए जाने की प्रक्रिया का जिक्र किया गया है। पहले अध्यक्ष रहे सुरेंद्र रौतेला ने रविवार को कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। अब सुमन मित्तल अध्यक्ष हैं। मंदिर का निर्माण नहीं होगा। न ही कोई चंदा लिया जाएगा।

सरकार की ओर से इस मामले में विवाद उठने के बाद कैबिनेट से सख्त कानून बनाया गया। कानून में साफ प्रावधान किया गया कि उत्तराखंड के चारों धामों और अन्य प्रतिष्ठित मंदिरों, धामों के नाम से जुड़े किसी भी तरह का कोई अन्य मंदिर बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस कानून के बाद दिल्ली ट्रस्ट की ओर से ट्रस्ट को बंद करने के साथ ही निर्माण पर रोक की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

सीएम धामी ने सख्ती बरतने का किया था ऐलान

श्री केदारनाथ धाम के नाम का दुरुपयोग न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्ती बरतने का ऐलान किया था। साफ किया गया था कि उत्तराखंड के धामों के नामों और उनके मूल स्वरूप की तरह दूसरा कोई भी मंदिर बनाने की कोई इजाजत नहीं दी जाएगी। सरकार ने कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर सख्त कानून बनाया। इस कानून में सख्त प्रावधान कर धामों के सम्मान को सुनिश्चित किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि भविष्य में दोबारा कोई इस तरह का प्रयास न कर सके। सरकार के इन सख्त कदमों को लेकर साधु संतों ने मुख्यमंत्री का आभार भी जताया।

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