मजार तोड़ने वाले अधिकारियों पर हो कार्रवाई
दून के विभिन्न सामाजिक संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर दून अस्पताल परिसर में स्थित 200 साल पुरानी मजार को तोड़ने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कश्मीरी...

दून के विभिन्न सामाजिक संगठनों और विपक्षी पार्टियों ने सोमवार को राज्यपाल को ज्ञापन भेजा। इसमें संगठनों ने दून अस्पताल परिसर स्थित मजार को तोड़ने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही कश्मीरी छात्रों को दून छोड़ने की धमकी देने और चकराता में ईसाई समुदाय के लोगों को परेशान करने के मामले में भी हस्तक्षेप की मांग की। जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद स्थानीय प्रशासन को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। इसमें कहा गया कि दून अस्पताल के बाहर 200 साल पुरानी जिस मजार को प्रशासन ने रात अंधे में तोड़ दिया, उसका संचालन वक्फ बोर्ड करता आ रहा था। बोर्ड से दो कर्मचारी भी तैनात थे। आमदनी का सात प्रतिशत सेस सरकार को दिया जा रहा था। सिर्फ एक व्यक्ति की शिकायत पर यह कार्रवाई की गई। जबकि मजारें हिंदू-मुस्लिम एकता बढ़ाने की सेतु रही हैं। प्रशासन ने बिना सोचे समझे गैरकानूनी तरीके से इसे तोड़ा है। उन्होंने देहरादून की मलिन बस्तियों को उजाड़ने के मामले में भी हस्तक्षेप करने की मांग की है। ज्ञापन उत्तराखंड इंसानियत मंच, उत्तराखंड महिला मंच, चेतना आंदोलन, भारत ज्ञान विज्ञान समिति, एसएफआई उत्तराखंड, उत्तराखंड मसीह समाज, किसान सभा उत्तराखंड, पेंशनर्स एसोसिएशन उत्तराखंड, हिन्द स्वराज मंच, सर्वोदय मंडल उत्तराखंड, एनएपीएसआर, नेताजी संघर्ष समिति, पीपुल्स फोरम, उत्तराखंड, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई एमएल, समाजवादी पार्टी, जनता दल एस, ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन, मजदूर सहायता समिति, नागरिक विकल्प मंच, सीटू सहित अन्य ने सौंपा। इस मौके पर कमला पंत, डॉ. रवि चोपड़ा, नंदनंदन पांडेय, अनंत आकाश, लताफत हुसैन, अलख नारायण दुबे, त्रिलोचन भट्ट, तुषार रावत, हिमांशु चौहान, चंद्रकला, कमलेश खंतवाल, लेखराज, आरिफ खान, हरिजिन्दर सिंह, सुशील सैनी, अलमासुद्दीन सिद्दीकी, अरुण श्रीवास्तव, शंभु प्रसाद ममंगाईं, कुलदीप कुमार, रंजन सोलंकी, भगवंत सिंह पयाल, डॉ. एसएन सचान, सुरेन्द्र सिंह सजवाण, निर्मला बिष्ट, विजय नैथानी, हेमलता नेगी मौजूद रहे।
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