उत्तराखंड में 10 नए बड़े बिजली घर बनने से सुधरेगी आपूर्ति, उपभोक्ताओं को यह होगा फायदा
- विद्युत नियामक आयोग की ओर से पिटकुल की कई नई परियोजनाओं को भी मंजूरी दी जानी है। पूर्व में 220 केवी घनसाली सब स्टेशन को मंजूरी दी जा चुकी है। यहां भी जल्द निर्माण शुरू होगा। 220 केवी खोदरी झाझरा लाइन को भी प्रस्तावित 220 केवी सेलाकुईं स्टेशन से जोड़ा जाएगा।
उत्तराखंड में पिटकुल ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूत करने को 10 नए बड़े पावर सब स्टेशन तैयार करेगा। नई बिजली ट्रांसमिशन लाइनों को तैयार कर पावर सप्लाई नेटवर्क को मजबूत किया जाएगा। इससे नई जल विद्युत परियोजनाओं, सोलर प्रोजेक्ट से तैयार होने वाली बिजली बर्बाद नहीं होगी।
उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने पिटकुल की ओर से दी गई इन्वेस्टमेंट अप्रूवल को मंजूरी दी है। इसके तहत पिटकुल 220 केवी जीआईएस सब स्टेशन बनबसा, टनकपुर में तैयार होगा। इसके साथ ही 220 केवी लीलो टनकपुर सीबी गंज लाइन तैयार होगी।
132 केवी ट्रांसमिशन लाइन 132 केवी खटीमा सब स्टेशन से प्रस्तावित बनबसा 220 केवी सब स्टेशन तक तैयार होगी। 132 केवी लाइन को प्रस्तावित 220 केवी बनबसा सब स्टेशन से प्रस्तावित 132 केवी सब स्टेशन लोहाघाट तक तैयार किया जाएगा।
इसके अलावा 220 केवी सेलाकुईं और 220 केवी मंगलौर सब स्टेशन तैयार होंगे। इन दो बड़े सब स्टेशनों से औद्योगिक क्षेत्रों की पावर सप्लाई को बड़ा लाभ मिलेगा। इसी के साथ 132 केवी आराघर, धौलाखेड़ा हल्द्वानी, खटीमा और लोहाघाट सब स्टेशन भी तैयार होंगे।
विद्युत नियामक आयोग की ओर से पिटकुल की कई नई परियोजनाओं को भी मंजूरी दी जानी है। पूर्व में 220 केवी घनसाली सब स्टेशन को मंजूरी दी जा चुकी है। यहां भी जल्द निर्माण शुरू होगा। 220 केवी खोदरी झाझरा लाइन को भी प्रस्तावित 220 केवी सेलाकुईं स्टेशन से जोड़ा जाएगा।
नैटवाड़ प्रोजेक्ट की बिजली का भी इंतजाम
पिटकुल की ओर से 220 केवी मोरी देहरादून लाइन को भी तैयार किया जाएगा। इससे सतलुज जल विद्युत निगम के 60 मेगावाट के नैटवाड़-मोरी हाइड्रो प्रोजेक्ट से तैयार होने वाली बिजली का इस्तेमाल होगा। सिंगोली भटवाड़ी, तपोवन विष्णुगाड़ और विष्णुगाड़ पीपलकोटी हाइड्रो प्रोजेक्ट की बिजली के इस्तेमाल को 400 केवी खंदूखाल रामपुरा लाइन का 380 किमी निर्माण होगा।
पिटकुल की प्रस्तावित परियोजनाओं को इन्वेस्टमेंट अप्रूवल दे दी गई है। साफ किया गया है कि इन सभी परियोजनाओं का काम तय समय के भीतर पूरा किया जाए। ताकि योजनाओं की लागत किसी भी सूरत में न बढ़े।
एमएल प्रसाद, कार्यवाहक अध्यक्ष विद्युत नियामक आयोग
राज्य के पावर ट्रांसमिशन सिस्टम को मजबूत किए जाने को लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रस्तावित परियोजनाओं की इन्वेस्टमेंट अप्रूवल के प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग को भेजे गए हैं। कुछ की मंजूरी मिल गई हैं। मंजूरी वाली योजनाओं पर अब तेजी के साथ काम शुरू होगा। पीसी ध्यानी, एमडी पिटकुल
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