केदारनाथ उपचुनाव में BJP प्रत्याशी तय करने के लिए कराएगी सर्वे, जीत के लिए कांग्रेस का क्या दांव?
- कांग्रेस ने भी जीत के लिए पूरी तैयारी कर ली है। दरअसल, भाजपा पिछले दो महीनों से केदारनाथ उपचुनावों की तैयारी में जुटी हुई है।
मंगलौर और बदरीनाथ उपचुनाव में हार के बाद केदारनाथ उपचुनाव में मजबूत प्रत्याशी की तलाश के लिए बीजेपी की ओर से गोपनीय सर्वे शुरू कराया गया है। इसके लिए पार्टी हाईकमान की ओर से विशेष टीम केदारनाथ क्षेत्र में भेजी गई है।
जबकि, कांग्रेस ने भी जीत के लिए पूरी तैयारी कर ली है। दरअसल, भाजपा पिछले दो महीनों से केदारनाथ उपचुनावों की तैयारी में जुटी हुई है। पांच कैबिनेट मंत्रियों के साथ ही संगठन की पूरी टीम चुनाव तैयारियों में लगाई गई है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि पार्टी प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया आधिकारिक रूप से चुनाव की तिथि घोषित होने के बाद शुरू करेगी। लेकिन उससे पहले आंतरिक रूप से मजबूत चेहरे की तलाश का काम शुरू हो गया है।
इसके लिए पार्टी का राज्य संगठन और केंद्रीय संगठन अलग अलग तरीके से पता लगाने की कोशिश कर रहा है। पार्टी के कई नेताओं ने केदारनाथ उपचुनाव के मैदान में उतरने की इच्छा जताई है लेकिन उसमें से चार नेताओं के नाम पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
जिसमें महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक आशा नौटियाल, दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत, कुलदीप रावत और दायित्वधारी चंडी प्रसाद भट्ट के नाम शामिल हैं। इसी बीच पार्टी नेता कुलदीप रावत ने जनता के बीच जाकर वोट मांगने शुरू कर दिए हैं।
केदारनाथ उपचुनावों को लेकर पार्टी पिछले कई महीनों से जनता के बीच है। चुनावों का ऐलान होने के बाद प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। फिलहाल किसी को भी दावेदारी या तैयारी करने के लिए मना नहीं किया गया है।
आदित्य कोठारी, प्रदेश महामंत्री भाजपा
पांच मंत्री लगाए, फिर भी कांग्रेस जीतेगी माहरा
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करना माहरा ने कहा है कि केदारनाथ चुनाव प्रभावित करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। वहां अलग-अलग विभागों के पांच काबीना मंत्रियों को जिम्मा दिया गया है।
सीएम दो माह में केदारनाथ में 38 घोषणाएं कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद यह चुनाव कांग्रेस जीतेगी। माहरा ने सोमवार को यहां एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए।
वहीं कहा कि भारत से कैलास दर्शन यात्रा का जिम्मा पीढ़ियों से रह रहे स्थानीय ग्रामीणों को न देकर सरकार ने कुमाऊं मंडल विकास निगम को दिया है। यह गलत है।
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