योगी सरकार ने संभल में 1978 में हुए दंगों पर मांगी रिपोर्ट, एक सप्ताह की डेडलाइन भी तय
यूपी की योगी सरकार ने संभल में करीब 46 साल पहले हुए दंगे से जुड़ी रिपोर्ट मांगी है। संभल में 29 मार्च 1978 को भड़का दंगा कई दिनों तक चली था। इसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। इसमें 169 मामले दर्ज किए गए थे।
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संभल में 1978 में हुआ सांप्रदायिक दंगा एक बार फिर चर्चा में है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार 1978 के दंगों के पीड़ितों की न्याय दिलाने की बात करते रहे हैं। इसी बीच बुधवार रात से 1978 के दंगे की दोबारा जांच शुरू होने की सूचना तेजी से वायरल हो गई। इस बारे में एसपी द्वारा डीएम को लिखा गया पत्र भी सोशल मीडिया पर पहुंच गया। हालांकि दोपहर बाद एसपी ने वीडियो संदेश जारी कर दंगे के दोबारा जांच से सिरे से इनकार कर दिया। उन्होने बताया कि एमएलसी श्रीशचंद्र शर्मा के पत्र के आधार पर शासन ने उक्त दंगों की आख्या एक सप्ताह में मांगी गई है। इसके लिए कार्य किया जा रहा है। दंगों की दोबारा जांच की बात भ्रामक है।
यूं तो संभल ने कई दंगों के दंश सहे हैं लेकिन 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया था। इसमें कई हिंदुओं की हत्या और व्यापक हिंसा ने सामाजिक सौहार्द को गहरी चोट पहुंचाई थी। दंगों के पीड़ित परिवार पिछले 45 वर्षों से न्याय की आस लगाए बैठे हैं। बुधवार रात जब सोशल मीडिया पर दंगे की दोबारा जांच की सूचना तेजी से वायरल हुई को पीड़ित परिवारों को भी न्याय की आस जगी।
इस संबंध में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई द्वारा डीएम को लिखा पत्र भी सार्वजनिक हो गया। इसमें एसपी ने शासन द्वारा मांगी गई संयुक्त रिपोर्ट के लिए एएसपी श्रीशचंद्र को नामित करने के साथ ही डीएम से प्रशासन के एक सक्षम अधिकारी को नामित करने का अनुरोध किया था। एसपी को यह पत्र उप सचिव गृह सत्येंद्र प्रताप सिंह ने एमएलसी श्रीशचंद्र शर्मा के 17 दिसंबर के लिखे पत्र के आधार पर भेजा था।
आख्या के लिए एकत्र कर रहे रिक़ॉर्ड-एसपी
एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने स्पष्ट किया कि 1978 के दंगों की दोबारा जांच नहीं की जानी है। शासन ने दंगे से संबंधित जानकारी मांगी है। इसके लिए जानकारी जुटाई जा रही है। उन्होंने बताया कि एमएलसी श्रीशचंद्र शर्मा द्वारा 17 दिसंबर को दिए गए आवेदन के आधार पर शासन ने इस घटना की आख्या मांगी थी। इस क्रम में सभी उपलब्ध रिकॉर्ड का अध्ययन कर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी। एसपी ने साफ किया कि यह कार्रवाई केवल दंगे की जानकारी संकलित करने की प्रक्रिया है, न कि किसी नए सिरे से जांच।
गौरतलब है कि संभल में 29 मार्च 1978 को भड़का दंगा कई दिनों तक चला था। इसमें कई लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए थे। इसमें 169 मामले दर्ज किए गए थे। हालात इतने गंभीर थे कि शहर में दो महीने के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था। आधिकारिक तौर पर दगे में 24 लोगों की मौत बताई गई थी। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले महीने कहा था कि संभल में 1978 के दंगों के दौरान 184 लोगों को सामूहिक रूप से जिंदा जला दिया गया था और कई लोग बेघर हो गए थे।