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धनवर्षा गिरोह ने लड़कियां फंसाने को रखे आर्टिकल, कारीगर-मीडिया जैसे कोडवर्ड, होती थी तंत्र क्रिया

  • आरोपी प्रोफेसर दशरथ सिंह ने पुलिस को बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। वह कम समय में अमीर बनने के चक्कर में इस गिरोह से जुड़ा था और मीडया के अन्य लोगों द्वारा बनाए गए धनवर्षा के वीडियो को देखकर लालच में आ गया था।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, संभलSat, 5 April 2025 06:38 AM
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धनवर्षा गिरोह ने लड़कियां फंसाने को रखे आर्टिकल, कारीगर-मीडिया जैसे कोडवर्ड, होती थी तंत्र क्रिया

एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि इस धनवर्षा गिरोह में तीन पार्टी शामिल हैं, पहली पार्टी जो लड़कियों (आर्टिकल) को देती है। धनवर्षा के रुपयों में से 30 प्रतिशत लड़कियों (आर्टिकल) और उनके परिजनों को मिलता है। दूसरी पार्टी लड़कियों को कारीगर से मिलवाती है, जिसे मीडिया कहते हैं और तीसरी पार्टी अच्छे गुरु की तलाश करती है। गुरु वह लोग होते हैं, जो पूरी तंत्र क्रिया करते हैं। लड़की को इस बात की जानकारी पहले से नहीं दी जाती है। तंत्र क्रिया करने वाले गुरु भी डिमांड पर आते हैं। शुक्रवार को गिरफ्तार मथुरा का प्रोफेसर मीडिया का सदस्य है। उसकी आर्टिकल और गुरु से अच्छी जान पहचान है।

आरोपी प्रोफेसर दशरथ सिंह ने पुलिस को बताया कि उसकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। वह कम समय में अमीर बनने के चक्कर में इस गिरोह से जुड़ा था और मीडया के अन्य लोगों द्वारा बनाए गए धनवर्षा के वीडियो को देखकर लालच में आ गया था। आरोपी के मोबाइल से पुलिस को जो वीडियो बरामद हुआ है उनमें लड़कियों को फीते से नापते हुए और धनवर्षा कराते हुए की वीडियो शामिल है। कई ऑडियो रिकॉर्डिंग भी प्रोफेसर के मोबाइल से मिली हैं।

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गिरोह का यूनिवर्सिटी कनेक्शन तो नहीं?

धनारी थाना पुलिस द्वारा गिरफ्तार दशरथ सिंह उर्फ डीएस सिसौदिया मथुरा की प्राइवेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर है। ऐसे में हो सकता है कि यूनिवर्सिटी में भी कुछ छात्राओं को इसने धनवर्षा का लालच देकर फंसाया हो। पुलिस इसकी भी जांच कर रही है लेकिन स्पष्ट है कि यह गिरोह गरीब लड़कियों को टारगेट करता था।

इस तरह हुआ गिरोह का खुलासा

राजपाल नामक युवक के अपहरण और तंत्र क्रिया कर उसे मारने के प्रयास की सूचना थाना धनारी पुलिस को मिली थी। पीड़ित राजपाल ने 21 मार्च को थाने पहुंचकर पुलिस को बताया था कि 11 मार्च को लाखन, रिंकू, अजय सिंह और दुर्जन उसे एटा ले गए थे। जहां संतोष और शिवम के साथ मिलकर उसे जबरन आगरा में एक अज्ञात स्थान पर ले जाकर हाथ-पैर बांधकर तंत्र क्रिया के नाम पर उसके ऊपर सफेद कपड़ा डालकर जान से मारने का प्रयास करने लगे। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोगों के एकत्रित होने पर आरोपी भाग निकले थे।

किसी तरह बचकर राजपाल दो दिन बाद अपने घर पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी थी। पुलिस ने इस गिरोह के 14 सदस्यों को गिरफ्तार किया था। जिनमें तीन गुरु और बाकी गिरोह के अन्य सदस्य शामिल हैं। 28 मार्च को पुलिस ने आगरा के यमुना ब्रिज के स्टेशन मास्टर रघुवीर पुत्र बाबूराम निवासी श्याम बिहार कॉलोनी ट्रांस यमुना आगरा भी शामिल था। इनमें गुरु राघवेंद्र पुत्र स्व. देवी दयाल भास्कर निवासी अमर बिहार कालोनी ट्रांस यमुना आगरा, सोनू उर्फ अन्ना पुत्र बलराम निवासी गांव व थाना भरतना इटावा फिरोजाबाद, पप्पू पुत्र छोटे लाल निवासी ग्राम जलालपुर फतेहाबाद आगरा थे।

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इसके अलावा रिंकू पुत्र हरिओम निवासी लहरा नगला श्याम थाना जुनावई संभल, अजय सिंह पुत्र जमुना सिंह निवासी चमरपुरा थाना रजपुरा संभल, दुर्जन पुत्र स्व. बलवन्त सिंह निवासी मोहल्ला करम घरम नरौरा थाना नरौरा बुलन्दशहर, संतोष पुत्र मुलायम सिंह निवासी नगला मदिहा थाना कोतवाली देहात एटा जिला एटा, राघवेन्द्र पुत्र स्व. देवी दयाल भास्कर निवासी अमर विहार कालोनी थाना ट्रांस यमुना जनपद आगरा, आकाश पुत्र शीलेन्द्र सिंह निवासी गढी कल्याण थाना नारकी जिला फिरोजाबाद, कप्तान सिंह पुत्र गुलाब सिंह निवासी विघापुरम थाना ट्रांस यमुना जनपद आगरा, संजय चौहान पुत्र एल एस चौहान पुत्र निवासी न्यू आगरा थाना न्यू आगरा, डी.एन त्रिपाठी पुत्र रामललित निवासी शास्त्रिपुरम थाना सिकन्दरा जिला आगरा, जयप्रकाश भारद्वाज पुत्र पूरनन्द निवासी सेक्टर 07 बधूला थाना जगदीशपुरा जिला आगरा, लाल सिंह पुत्र रामबीर निवासी ग्राम धौर्रा थाना अहमदपुर जिला आगरा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने इनके खिलाफ बीएनएस की धारा 126(2)/ 140(1)/ 109/111 (2)/143 बीएनएस, 9/11/27/51 वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, धारा 67 आईटी एक्ट और धारा 4/25 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।

ऐसे काम करता था गिरोह

धनवर्षा गिरोह लोगों को नोटों की बारिश कराने का लालच देता है। वे किसी दुर्लभ वस्तु (जैसे- 20 नख का कछुआ, दो मुंहा सांप, उल्लू, विशेष नंबर के नोट) पर तांत्रिक क्रिया की बात करते थे। युवतियों को टीटी (कोड भाषा) कहा जाता था और इन्हें तांत्रिक क्रिया के लिए तैयार किया जाता था। गिरोह के सदस्य गरीब परिवारों को यह कहकर फंसाते थे कि उनकी लड़की विशेष गुणों वाली है और उसके ऊपर तांत्रिक क्रिया करने से धन की बारिश होगी। जिसमें से आपको भी पैसा मिलेगा।

लड़कियों के परिजन लालच में आकर तंत्र क्रिया कराने के लिए तैयार हो जाते थे। जब धनवर्षा होती थी तो उसमें से 30 प्रतिशत पैसा लड़की के परिवार को मिलता था। तंत्र क्रिया के लिए परिवार के लोग साथ जाते थे लेकिन जब तंत्र क्रिया होती थी तो परिवार के लोगों को बाहर रखा जाता था। आरोपियों के मोबाइल से मिले वीडियो से खुलासा हुआ है कि लड़कियों का यौन शोषण भी किया जा रहा था।

आर्टिकल के लिए तैयार करते थे लिस्ट

आर्टिकल के लिए गिरोह के सदस्य लिस्ट तैयार करते थे और सब कोडवर्ड में बात करते थे। गुरु के लिए इनके पास कोई लिस्ट नहीं होती जो जितना फेमस, उसकी उतनी डिमांड होती थी। जैसे ज्योतिष फेमस हो जाते हैं, वैसे ही गुरु भी फेमस हो जाते हैं। गुरु की जानकारी के लिए व्हाट्सऐप पर भी जानकारी दी जाती थी। बरामद ऑडियो में बनारस के गुरु का भी जिक्र किया गया है।

गिरोह के सरगना को नहीं तलाश पाई पुलिस

धनवर्षा गिरोह 7-8 साल पुराना है लेकिन गिरोह का सरगना कौन है इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। आरोपी एक दूसरे के लिए व्हाट्सएप कॉल करते थे, जिस कारण पुलिस को यह सब ट्रेस करने में समय लग रहा है। गिरोह तंत्र क्रिया से धनवर्षा का झांसा देकर गरीब लड़के-लड़कियों की तस्करी कर यौन शोषण करता था और दुर्लभ वन्य जीवों की अवैध तस्करी में भी शामिल था।

गिरोह का नेटवर्क दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान समेत कई राज्यों में फैला हुआ था। यह लोग किसी विशेष वस्तु (जिसे आर्टिकल कहा जाता था) पर तंत्र क्रिया के नाम पर लोगों को ठगते थे। वर्तमान में आगरा में गिरोह का नेटवर्क तेजी से फल फूल रहा था। अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों को पकड़ने के प्रयास में जुट गई है। यह गिरोह सात-आठ वर्षों से सक्रिय हैं और सैकड़ों लोगों को अपना शिकार बना चुका है।

पुलिस ये सामान कर चुकी बरामद

गिरोह से पुलिस मोबाइल फोन, तांत्रिक विधाओं में प्रयुक्त सामग्री, दुर्लभ कछुआ और अवैध हथियार बरामद कर चुकी है। गिरोह के मोबाइल फोन से 200 से अधिक आपत्तिजनक वीडियो और तमाम ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस को मिली हैं। जिनसे इनके काले कारनामों का खुलासा हुआ है। गिरोह के सदस्य युवतियों के नग्न वीडियो बनाकर उन्हें पोर्न साइट्स पर अपलोड कर रुपये कमाते थे।

युवतियों को यह नहीं बताया जाता था कि उन्हें कहां और क्यों ले जाया जा रहा है। उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर लाकर नग्न अवस्था में नोटों की बारिश कराई जाती थी। इस दौरान उन्हें प्रताड़ित किया भी जाता था। पुलिस ने एक ऑडियो भी बरामद किया है जिसमें गिरोह के सदस्य करोड़ों रुपये के लेन-देन और युवतियों की जानकारी लेते हुए सुने जा सकते हैं।

गिरोह का असली मकसद केवल रुपये ऐंठना नहीं था, बल्कि इसमें बड़े पैमाने पर महिलाओं के साथ यौन शोषण और मानव तस्करी की साजिश भी शामिल थी। पुलिस को जांच के दौरान एक युवती का स्टेटमेंट मिला, जिसने इस घिनौने अपराध की पोल खोली। इसमें महिलाओं के साथ गंदी हरकत करने का भी मामला सामने आया है।

इनके बारे में भी जानिए

धनारी पुलिस द्वारा पकड़ा गया दशरथ सिंह सिसौदिया मथुरा लाइब्रेरी में इंफोरमेशन साइंस का प्रोफेसर है, जबकि आगरा का संजय चौहान माइक्रोबॉयोलॉजी से एमएससी पास है। रघुवीर सिंह फिरोजाबाद में स्टेशन मास्टर है और वह नारियल पर बैठकर लट्टू की तरह घूम जाता है।

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