महाकुंभ में कहीं मिले 37 साल पुराने सहपाठी, कहीं वीडियो कॉलिंग से डिजिटल स्नान
- महाकुंभ मेला क्षेत्र के फायर स्टेशन मुख्यालय के सामने फायर ऑफिसर संजीव कुमार सिंह को अपनी सहपाठी रश्मि गुप्ता दिखीं। दोनों ने एक-दूसरे को देखा तो अचरज में पड़ गए। वर्ष 1988 के कॉलेज के दिनों की उनकी यादें ताजा हो गई।
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महाकुंभ मेला क्षेत्र के फायर स्टेशन मुख्यालय के सामने फायर ऑफिसर संजीव कुमार सिंह को अपनी सहपाठी रश्मि गुप्ता दिखीं। दोनों ने एक-दूसरे को देखा तो अचरज में पड़ गए। वर्ष 1988 के कॉलेज के दिनों की उनकी यादें ताजा हो गई। इतना ही नहीं संजीव ने इसका वीडियो भी बनाया, जो सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर खूब वायरल हो रहा है। इसमें वे कहते हैं कि ये केकेबी डिग्री कॉलेज लखनऊ में शिक्षिका हैं। कॉलेज के बाद आज मुलाकात हो रही है। रश्मि बोलती हैं कि संजीव कॉलेज के दिनों में गुमसुम रहते थे। इस बीच संजीव बोले पहले हम भोंदू थे, अब 55 वर्ष उम्र हो गई है। यह बहुत अच्छा हुआ कि महाकुंभ ने दोस्तों को मिला दिया। यहां आने का अनुभव पूछा तो उन्होंने बताया कि बहुत सुंदर है।
वीडियो कॉलिंग से डिजिटल स्नान
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की आस्था के अनगिनत रंग देखने को मिल रहे हैं। अभी तक आपने इंसानों को ही डुबकी लगाते देखा होगा लेकिन आस्था का ऐसा ही एक रंग सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। जो डिजिटल महाकुंभ को साकार करने जैसा है, जहां एक महिला अपने किसी रिश्तेदार को वीडियो कॉलिंग के जरिए डिजिटल स्नान कराते हुए दिखाई दे रही हैं। वीडियो कॉलिंग के साथ महिला मोबाइल को कई बार डुबकी लगवाती हैं। कई यूजर तंज कसते हुए लिखते हैं कि वाकई पहली बार अनूठे अंदाज में डिजिटल स्नान देखने को मिल रहा है।
चार हजार फीट से हवाई यात्री देख रहे कुंभ का भव्य नजारा
महाकुंभ के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं की भीड़ के साथ ही आसमान में भी हलचल बढ़ गई। आमतौर पर 35000 फीट की ऊंचाई पर उड़ने वाले विमान कुंभनगरी में लैंडिंग के पहले करीब तीन हजार से चार हजार फीट पर उड़ते देखे गए। इससे यात्रियों को महाकुंभ का अद्भुत दृश्य नजदीक से देखने को मिला। कई यात्रियों ने इस अनोखे अनुभव का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा भी किया।
महाकुंभ जैसे वैश्विक आयोजन के चलते प्रयागराज और आसपास के इलाकों में हवाई यातायात का दबाव बढ़ गया। सुरक्षा कारणों से विमानों की लैंडिंग और टेकऑफ़ में अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) ने विमानों को निर्देश दिया कि वे निर्धारित समय पर ही निर्धारित ऊंचाई पर उड़ान भरें, जिससे श्रद्धालुओं की भीड़ और एयर ट्रैफिक दोनों का संतुलन बना रहे।
विमानों की लैंडिंग के दौरान ट्रैफिक समस्या के कारण कई बार विमान कम ऊंचाई पर आकर कुंभनगरी का चक्कर लगाते नजर आए। इस दौरान उनकी ऊंचाई तीन से चार हजार फीट मोबाइल रडार एप पर देखी गई। कम ऊंचाई पर उड़ान भरने के कारण यात्रियों को महाकुंभ का अद्वितीय दृश्य देखने का अवसर मिला। गंगा, त्रिवेणी संगम, और दूर दूर तक फैले तंबुओं के शहर का विहंगम दृश्य यात्रियों के लिए अविस्मरणीय बन गया।