महाकुंभ में हर दिन करोड़ से अधिक ने लगाई संगम में डुबकी, 7 दिन में 20 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे
- बीते सात दिनों से संगम में प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। आस्थावानों का सैलाब जो 26 जनवरी से संगम की ओर बढ़ा तो अब तक नहीं ठहरा।
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शनिवार दोपहर का कोई 12:30 का समय होगा। संगम नोज की ओर श्रद्धालुओं का हुजूम बढ़ता जा रहा था। इसी भीड़ का हिस्सा थे 70 वर्षीय बुजुर्ग ओम प्रकाश। ग्वालियर से आए बुजुर्ग आगे जा रहे थे। उन पर नजर पड़ी तो सहज सवाल किया कि बाबा भीड़ में तकलीफ हो रही है तो वो बोल पड़े बिल्कुल नहीं, यही भीड़ तो यहां तक लेती आई। इतने लोग साथ चल रहे थे कि मालूम ही नहीं चला कब पांच किलोमीटर की दूरी पूरी हो गई और अब तो सामने संगम है।
दरअसल संगम की आभा ही कुछ ऐसी है। 70 वर्षीय बुजुर्ग ओम प्रकाश जैसे न जाने कितने लोग यहां आकर पुण्य स्नान का लाभ कमाना चाहते हैं। विशेषकर मौनी अमावस्या के पहले से वसंत पंचमी के बाद तक। क्योंकि महाकुम्भ में सबसे प्रमुख स्नान पर्व यही हैं। यही कारण है कि बीते सात दिनों से संगम में प्रतिदिन एक करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। आस्थावानों का सैलाब जो 26 जनवरी से संगम की ओर बढ़ा तो अब तक नहीं ठहरा।
मौनी और वसंत पंचमी के आसपास मेला प्राधिकरण ने 45 दिनों के मेले में जितने श्रद्धालुओं का अनुमान लगाया था, उसके आधे तो इसी समय आ गए। प्राधिकरण ने 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान जताया था, जबकि सात दिनों में ही 20 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान कर लिया।
भीड़ का हिस्सा बनने आए हैं
पशुपति नाथ नेपाल से आए श्रद्धालु से जब पूछा कि यहां क्यों आए हैं तो उन्होंने कहा, सोचा इतने सारे लोग यहां पहुंचे हैं तो हम क्यों नहीं चलते। हम भी इसी भीड़ में शामिल होकर पुण्य की डुबकी लगाएंगे। बिहार से आए अजय और मनीष ने कहा कि इतनी भीड़ का हिस्सा नहीं बना तो फिर क्या किया। जब दुनिया से लोग यहां पर आए हैं तो हम तो भारतीय हैं।
संगम में एक समाह के डुबकी के आंकड़े
तारीख, कुल स्नानार्थी
26 जनवरी, 1.74 करोड़
27 जनवरी, 1.18 करोड़
28 जनवरी, 4.99 करोड़
29 जनवरी, 7.64 करोड़
30 जनवरी, 2.06 करोड़
31 जनवरी, 1.82 करोड़
01 फरवरी, 2.03 करोड़