Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़UP Prayagraj Mahakumbh Bade Hanuman temple Akshat from Nepal gifts received

नेपाल में महाकुंभ को लेकर उत्साह, श्रीराम की ससुराल मिथिला से हनुमान जी के लिए आया अक्षत

  • माता सीता के मायके नेपाल (मिथिलानगरी) से अब तक आए 50 लाख से अधिक लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। यहां बड़े हनुमान मंदिर के लिए विशेष रूप से भगवान राम की ससुराल से पवित्र अक्षत आया।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, वरिष्ठ संवाददाता, प्रयागराजThu, 20 Feb 2025 01:55 PM
share Share
Follow Us on
नेपाल में महाकुंभ को लेकर उत्साह, श्रीराम की ससुराल मिथिला से हनुमान जी के लिए आया अक्षत

माता सीता के मायके नेपाल (मिथिलानगरी) से महाकुंभ को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। प्रशासनिक दावे के मुताबिक महाकुंभ में अब तक नेपाल से आए 50 लाख से अधिक लोगों ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। यहां बड़े हनुमान मंदिर के लिए विशेष रूप से भगवान राम की ससुराल से पवित्र अक्षत व अन्य सामान लेकर लोग पहुंचे। यहां से गंगा जल और संगम की माटी अपने साथ नेपाल भी ले जा रहे हैं। वहां के श्रद्धालुओं में बड़े हनुमान मंदिर और अक्षय वट के प्रति अद्भुत आस्था देखने को मिल रही है।

संगम की रेत और गंगा जल ले जा रहे नेपाल नेपाल एसोसिएशन ऑफ टूर एंड ट्रेवेल्स एजेंट्स बांके चैप्टर के अध्यक्ष राम। सिग्देल ने बताया कि नेपाल से विशेष रूप से भगवान श्रीराम की ससुराल जनकपुर से पवित्र अक्षत महाकुम्भ में लाया गया है। जिसे संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान जी को अर्पित किया गया है। वहीं, नेपाल के श्रद्धालुओं ने संगम की रेत और गंगा जल को सबसे अमूल्य धरोहर मानते हुए माथे पर लगाया और इसे अपने साथ घर ले गए। ये श्रद्धालु इन पवित्र वस्तुओं को ले जाकर अपने धार्मिक अनुष्ठानों में उपयोग भी कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें:LIVE: हर रोज एक करोड़ से ज्यादा कर रहे स्नान, रेलवे का इमरजेंसी प्लान खत्म

नेपाल में अयोध्या और काशी के प्रति बढ़ा आकर्षण

अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण और काशी में विश्वनाथ धाम कॉरिडोर को लेकर नेपाल के श्रद्धालुओं में इन धार्मिक स्थलों के प्रति विशेष आकर्षण बढ़ा है। हर दिन लाखों की संख्या में नेपाल से श्रद्धालु संगम स्नान के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। उनकी आस्था और श्रद्धा महाकुम्भ की दिव्यता को और अधिक बढ़ा रही है।

नेपाल से आए खास उपहार

नेपाल से मां जानकी के मायके से नए वस्त्र, आभूषण, फल, मेवा, पकवान, धोती-कुर्ता, गमछा आदि भेंट स्वरूप लाए गए। यह उपहार महाकुम्भ की धार्मिक समृद्धि को और बढ़ा रहे हैं।

अगला लेखऐप पर पढ़ें