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महाकुंभ 2025: संगम की रेती पर तंबुओं से सजने लगी अध्यात्म की नगरी, साधु-संत पहुंचे

  • प्रयागराद में महाकुंभ 2025 के लिए संगम की रेती पर तंबुओं से अध्यात्म की नगरी सजने लगी है। जूना सहित तीन अखाड़ों के साधु-संत और नागा सन्यासी मेला क्षेत्र पहुंचे हैं। सभी सेक्टरों में संतों-महंतों के शिविर बनाने का तेजी से काम चल रहा है।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अभिषेक मिश्र, प्रयागराजWed, 1 Jan 2025 08:03 AM
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महाकुंभ 2025: संगम की रेती पर तंबुओं से सजने लगी अध्यात्म की नगरी, साधु-संत पहुंचे

महाकुम्भ में अब महज 12 दिन शेष हैं। संगम तट पर तंबुओं से सजी अध्यात्म की नगरी आकार लेने लगी है। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा स्नान के साथ दुनिया का यह सबसे बड़ा धार्मिक मेला शुरू हो जाएगा। तेरह में से जूना और दो अन्य अखाड़ों के साधु-संत तथा नागा संन्यासियों के मेला क्षेत्र में पहुंचने से मेला क्षेत्र गुलजार हो गया है। शेष दस अखाड़ों के साधु-संत भी जनवरी के पहले सप्ताह तक मेला क्षेत्र में प्रवेश कर जाएंगे। 25 सेक्टर में बांटे गए इस सबसे बड़े अस्थाई शहर में संतों और कथा वाचकों के विशाल शिविर बनाने का काम भी इन दिनों जोरों पर चल रहा है।

25 में से सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर 20 है। यहां पर उन अखाड़ों के शिविर लगाए गए हैं, जो पूरे महाकुम्भ के दौरान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के केंद्र में रहेंगे। जूना, अग्नि और आवाहन अखाड़े के पांच हजार से अधिक साधु-संतों की चहल कदमी के साथ इस सेक्टर की रौनक बढ़ गई हैं, जो अन्य अखाड़ों के आने के बाद आगे और भी निखरेगी। इस सेक्टर में नागा संन्यासियों की दिनभर की गतिविधियां लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गईं हैं। इन्हें देखने के लिए अभी से लोग आ रहे हैं। मेला क्षेत्र में सात संन्यासी और तीन वैरागी अखाड़ों की फहरती धर्म ध्वजा यह बता रही है कि महाकुम्भ के लिए संत अब तैयार हो चुके हैं।

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बड़े संतों के आकर्षक शिविर

मुक्ति मार्ग पर जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि का विशाल शिविर बन रहा है। इसे तैयार करने में लकड़ी के साथ ही फूस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। शिविर के चारों ओर अतिथियों के लिए कॉटेज तैयार किए जा रहे हैं, वहीं भोजन के लिए अलग से रसोईघर बनाया जा रहा है। मॉड्यूलर किचन में सात्विक भोजन तैयार होगा। खुद जूना पीठाधीश्वर बुधवार को इसकी तैयारी देखेंगे। वहीं, सेक्टर सात में निरंजनी पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि का भव्य शिविर बन रहा है। कथा पूजा का पंडाल देखते ही बन रहा है। कर्षणी ऋषि, दिव्य प्रेम सेवा मिशन के शिविर के बीच नेत्र कुम्भ का विशाल पंडाल भी सजकर लगभग तैयार हो चुका है।

पक्के घाट बने आकर्षण का केंद्र

दशाश्वमेध घाट, वीआईपी घाट, अरैल घाट, नागरेश्वर घाट, शहीद चंद्र शेखर आजाद घाट अब पक्के हो चुके हैं। गंगा तक जाने के लिए सीढ़ियां और इन घाटों पर छोटी-छोटी शेड दिन के वक्त देखने में आकर्षक लग रही हैं। शाम के समय यहां पर टिमिटमाती लाइट इसे और भी आकर्षक बना रही हैं।

सजाया जा रहा पूरा शहर

शहर का सिविल लाइंस मार्ग हो या फिर दयानंद मार्ग, हर सड़क पर स्ट्रीट लाइट के पोल पर स्पाइरल लाइट लगा दी गई है। साथ ही कहीं शंख तो कहीं त्रिशूल के आकार की लाइट दिखाई दे रही है। चौराहों पर लगे म्यूरल, शहर के किनारे लगी विभिन्न आकृतियां लोगों को लुभा रही हैं। कहीं हाथी तो कहीं घोड़ा, कहीं नाव तो कहीं समुद्र मंथन का मनोहारी दृश्य देखने को मिल रहा है। पेंट माई सिटी के तहत दीवारों पर उकेरी गईं आकृतियां महाकुम्भ की तैयारियों को और आकर्षक बना रही हैं।

तैयारी परखने इस माह पांचवीं बार आए सीएम

सीएम योगी आदित्यनाथ महाकुम्भ को लेकर कितने संजीदा हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को वह महाकुम्भ की तैयारी देखने के लिए पांचवीं बार प्रयागराज आए। उन्होंने महाकुम्भ के कार्यों का निरीक्षण करने के साथ ही गंगा पूजन कर मां गंगा से महाकुम्भ की कुशलता के लिए प्रार्थना की। बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन-पूजन कर अफसरों के साथ बैठक भी की।

महाकुम्भनगर के डीएम, विजय किरन आनंद ने बताया कि महाकुम्भ की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। हम लगभग 90 फीसदी काम पूरा कर चुके हैं। सभी काम पांच जनवरी तक पूरे हो जाएंगे। संस्थाएं भी यहां आने लगी हैं।

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