महाकुंभ में एक परिवार के 50 लोग एक साथ करेंगे कल्पवास, मुंबई-नागपुर और इन शहरों से पहुंचे
- प्रयागराज में एक परिवार के 27 सदस्य कल्पवाल करने पहुंच गए हैं। उन्होंने बताया कि परिवार के कुल 50 लोग यहां पहुंचेंगे। ये सभी मुंबई, नागपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज से यहां पहुंच रहे हैं। एक महीने सभी शिविर में ही रहेंगे।
स्नान पर्व महाकुंभ शुरू होने से पहले संगम लोअर मार्ग पर सेक्टर 17 के एक शिविर में चहल-पहल अधिक है। महाकुम्भ में कल्पवास करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्से से पुरुष और महिलाएं पहुंची हैं। शिविर में चहल-पहल देखने के बाद यही प्रतीत होता है कि सभी का एक- दूसरे से रिश्ता पुराना है। गुरुवार दोपहर एक बजे शिविर के अंदर जाने के बाद हकीकत सामने आई। कल्पवास करने के लिए शिविर में पहुंचे सभी एक- दूसरे के रिश्तेदार हैं। कोई भाई-बहन तो कोई साला-जीजा। महाकुम्भ के पहले सभी रिश्तेदारों ने एक-दूसरे से बात कर तय कर लिया इस साल सब साथ रहकर कल्पवास करेंगे।
महाकुम्भ का पहला स्नान पर्व नजदीक आने के साख एक-एक रिश्तेदारों का शिविर में आगमन शुरू हो गया। अभी तक मुंबई, नागपुर, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज के 27 लोग संकट मोचन धाम (रायबरेली) के शिविर में पहुंच चुके हैं। और रिश्तेदार एक-दो दिन में आएंगे। सभी एकसाथ प्रतिदिन गंगा स्नान कर विधिविधान से कल्पवास करेंगे। इसके लिए सभी ने तैयारी शुरू कर दी है।
शिविर का प्रबंधन कर रहे नवाबगंज (प्रतापगढ़) के शैलेश मिश्रा ने बताया कि उनकी चार बहन, दो भाई और उनके रिश्तेदार आए हैं। एक तरह से शिविर में सभी परिवार के सदस्य हैं। मुंबई, नागपुर, रायबरेली और प्रयागराज के कीडगंज से परिवार के 27 सदस्य पहुंच चुके हैं। कुल 50 लोगों को शामिल होना है। बाकी लोग दो दिन में आएंगे। सभी कल्पवास नहीं करेंगे लेकिन एक महीना शिविर में रहेंगे। शैलेश के मुताबिक, संकट मोचन धाम के गुरु शिविर में कथा सुनाएंगे। शिविर में प्रवास के दौरान रहने के लिए व्यवस्था की जा रही है।
तेरहवीं पर करेंगे भंडारा
सेक्टर 17 के शिविर में परिवार के एक और सदस्य मुंबई से आने वाले थे। शैलेश मिश्रा ने बताया कि रानीगंज प्रतापगढ़ के रहने वाले उनके जीजा की मुंबई में मृत्यु हो गई। तेरहवीं संस्कार रानीगंज में होगा लेकिन उनके नाम पर शिविर में भंडारा किया जाएगा।