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महाकुंभ में तीन दिन के तप के बाद बनेंगे 12 हजार नागा संन्यासी, आधी रात को होगी पूजा

  • इस महाकुम्भ में अखाड़ों में 12 हजार नागा संन्यासी बनाए जाएंगे। 14 जनवरी को अखाड़ों का पहला अमृत स्नान होने के बाद इसमें और तेजी आएगी। उन्हें तप करने को वन भेजा जाएगा। मान्यता वन भेजने की है पर ऐसे संत अपना शिविर छोड़ देते हैं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, अभिषेक मिश्र, प्रयागराजSun, 12 Jan 2025 07:31 AM
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इस महाकुम्भ में अखाड़ों में 12 हजार नागा संन्यासी बनाए जाएंगे। ये वो संत होंगे जो सांसारिक मोह माया तो त्याग माता- पिता और खुद का पिंडदान कर संन्यासी बनने के बाद अखाड़ों में सक्रिय हैं। नागा बनाने का अनुष्ठान महाकुम्भ के दूसरे अमृत (शाही) स्नान से पहले शुरू किया जाता है पर इसकी तैयारी काफी पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है। अखाड़े तैयारी कर रहे हैं, 14 जनवरी को अखाड़ों का पहला अमृत स्नान होने के बाद इसमें और तेजी आएगी।

स्नान से पहले काटते हैं शिखा
मौनी अमावस्या का स्नान 29 जनवरी को है। 27 जनवरी से अखाड़ों में अनुष्ठान शुरू होगा। परंपरा के अनुसार पहले दिन आधी रात में विशेष पूजा की जाएगी। जिसमें दीक्षा ले चुके नागा बनने वाले सामान्य संतों को गुरु के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। संन्यासी मध्य रात्रि गंगा में 108 डुबकी लगाएंगे। इस स्नान के बाद उनकी आधी शिखा (चोटी) काट दी जाएगी। इसके बाद उन्हें तप करने को वन भेजा जाएगा। मान्यता वन भेजने की है पर ऐसे संत अपना शिविर छोड़ देते हैं। उन्हें मनाकर बुलाया जाएगा।

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तीसरे दिन ने नागा भेष में आएंगे और उन्हें अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के सामने लाया जाएगा। इस दौरान गुरु की पर्ची हाथ में होगी, जो यह साबित करेगी कि वह संत नागा बनने के काबिल है। इसके बाद उसे नागा संन्यासी बनाया जाएगा। मौनी अमावस्या स्नान के पूर्व सुबह चार बजे गुरु इनकी पूरी शिखा काट देंगे। अखाड़े जब मौनी अमावस्या स्नान के लिए जाएंगे तो इन्हें भी अन्य नागाओं के साथ स्नान को भेजा जाएगा।

जूना अखाड़े में बनाए जाएंगे सर्वाधिक नागा संन्यासी

जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि ने बताया कि जूना अखाड़े में लगभग पांच हजार नए नागा संन्यासी बनाए जाएंगे। वहीं, निरंजनी अखाड़े में साढ़े चार हजार नए नागा संन्यासी बनाने के लिए उनके गुरु से जानकारी मांग ली गई है। एक हजार नागा आवाहन अखाड़े में बनाए जाएंगे, जबकि महानिर्वाणी में 300, आनंद अखाड़े में 400, अटल अखाड़े में 200 नए नागा संन्यासी बनाए जाएंगे।

ये बनते हैं नागा संन्यासी

अखाड़ों में सबसे पहले सामान्य संत बनते हैं। इसके बाद इन लोगों की गतिविधि पर नजर रखी जाती है। पूरी तरह से पूजा पाठ और धर्म कार्यों में मन लगने वाले संतों को कई साल की निगरानी के बाद नागा संन्यासी बनाया जाता है।

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