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ला नीना के न आने से सर्दी में देरी, हवाएं भी शांत, जानें क्या कहते हैं मौसम वैज्ञानिक

यूपी में अभी तक भी सर्दियों का एहसास नहीं हो रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ला नीना के न आने से सर्दी पर ब्रेक लगा है। मौसम वैज्ञानिक बोले-ऐसी स्थितियां रहीं तो आगे भी सर्दी प्रभावित हो सकती है। हवा की दिशा न बदलने और शांत होने से सर्दी नहीं आई हैं।

Srishti Kunj हिन्दुस्तान, कानपुरSat, 9 Nov 2024 07:29 AM
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नवंबर का एक हफ्ता बीत चुका है और सर्दी का अहसास तक नहीं। ला नीना की स्थितियां न बनने से सर्दी पर ब्रेक लग गया है। मौसम विज्ञानी इस बात से चिंतित हैं कि अभी तक ला नीना क्यों नहीं बन पाया है। ऐसा ही रहा तो आगे पड़ने वाली सर्दी भी प्रभावित हो सकती है। इससे चरम दिवसों की संख्या बढ़ सकती है। ला नीना की स्थितियां उदासीन यानी न्यूट्रल बनी हैं। इस कारण अधिकतम तापमान में जो गिरावट दर्ज की जानी थी, वह नहीं हो पाई। न्यूनतम पारा सामान्य से अधिक चल रहा है। ज्यादा तो दूर गुलाबी सर्दी का अहसास भी नहीं हो रहा है। अधिकतम तापमान अप्रत्याशित रूप से 36 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक यह सब पूर्वानुमान के विपरीत है। अक्तूबर में दिन का औसत तापमान सामान्य से अधिक रहा। ऐसी ही स्थितियां नवंबर में भी बन रही हैं। उत्तर-पूर्वी हवाओं का दबाव खत्म नहीं हो रहा, इसलिए उत्तर-पश्चिमी हवाएं नहीं चल पा रहीं। बंगाल की खाड़ी में हल्के चक्रवात अभी भी बनने से पूर्वी हवाएं हावी हैं। इससे तापमान घटने के बजाए बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।

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मौसम विशेषज्ञ डॉ. एसएन सुनील पांडेय के मुताबिक अब तक भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जाड़े का पूर्वानुमान जारी नहीं किया है। जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक स्तर पर मौसम में बदलाव है। ला नीना अब तक न्यूट्रल स्थिति में बना है जिसे एक माह पहले बदल जाना चाहिए था। उनके मुताबिक ला नीना की स्थितियां न बनने से नवंबर की सर्दी में अपेक्षित बदलाव नहीं आ रहा है। यही स्थितियां रहीं तो जाड़े की शुरुआत देर से होगी। इस दौरान जाड़े का चरम भी दिखाई देगा।

क्या है अल नीना
प्रशांत महासागर के भूमध्य रेखा पर समुद्र का तापमान औसत से कम होने की घटना को ला नीना कहते हैं। यह स्थितियां नवंबर से जनवरी तक बन जाती हैं। इस साल नवंबर से अगले साल जनवरी तक ऐसी स्थितियां बनने से देश के उत्तर और उत्तर-पश्चिम हिस्से में तापमान गिरना चाहिए लेकिन अब तक संकेत नहीं मिले हैं।

हवा फिर शांत, दिन का पारा गिरा
हवा की दिशा और गति शुक्रवार को शांत रही। परिणाम स्वरूप सर्दी का अहसास नहीं हो सका। दिन का तापमान 31.4 डिग्री पहुंच गया। पांच नवंबर को भी इतना ही पारा था। रात का तापमान 18 डिग्री सेल्सियस रहा। अंतर कम हो जाने से मामूली सर्दी बढ़ी है। मौसम विशेषज्ञ का कहना है कि हल्के बादल दिन में छाए रहे जिससे पारा गिरा है। आगे तापमान धीरे-धीरे गिरने की संभावना है।

नवंबर अधिकतम न्यूनतम
05 31.4 16.0
06 32.2 17.8
07 31.8 18.0
08 31.4 18.0

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