महाकुंभ के चलते राम मंदिर प्रथम वर्षगांठ उत्सव में नहीं आ सकेंगे साधु-संत, 11 से 13 जनवरी होगा आयोजन
रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की पहली वर्षगांठ पर तीन दिवसीय उत्सव का आयोजन 11 से 13 जनवरी 2025 के मध्य होगा। इस पहले उत्सव को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने प्रयोग के तौर पर सीमित स्तर पर मनाने का निश्चय किया है। उसका सबसे प्रमुख कारण प्रयागराज के महाकुंभ पर देश-दुनिया का फोकस है।
रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की पहली वर्षगांठ पर तीन दिवसीय उत्सव का आयोजन 11 से 13 जनवरी 2025 के मध्य होगा। इस पहले उत्सव को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने प्रयोग के तौर पर सीमित स्तर पर मनाने का निश्चय किया है। उसका सबसे प्रमुख कारण प्रयागराज के महाकुंभ पर देश-दुनिया का फोकस है। इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह भी है कि देश भर के धर्माचार्य व अयोध्या के संत-महंत भी इस आयोजन में सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। अयोध्या के सभी प्रमुख पीठ के महंतों की ओर से हमेशा की तरह प्रयागराज के महाकुंभ में शिविर लगाए गये है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय कहते हैं कि अयोध्या संतों की नगरी है। उन्होंने ही राम मंदिर के संघर्ष में अग्रणी भूमिका के साथ समाज का मार्गदर्शन किया। उनकी ही अगुवाई में पूरा देश एक साथ खड़ा हुआ और सफलता भी मिली। अब उनकी उपस्थिति नहीं हुई तो आयोजन फीका हो जाएगा।
उत्सव के कार्यक्रम पर चल रहा विचार विमर्श
तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने स्पष्ट किया कि प्राण-प्रतिष्ठा की तर्ज पर पहले वर्षगांठ का आयोजन देशव्यापी नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यह तीन दिवसीय उत्सव का शुभारम्भ 11 जनवरी को होगा और 13 जनवरी तक चलेगा। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के अन्तर्गत कार्यक्रम का निर्धारण किया जा रहा है। समय आने पर कार्यक्रम की घोषणा भी कर दी जाएगी।
राम मंदिर निर्माण जारी
श्रीरामजन्म भूमि परिसर के चतुर्दिक दिशाओं में प्रस्तावित प्रवेश द्वारों में से उत्तरी प्रवेश द्वार का निर्माण सबसे पहले शुरू हुआ था। इस प्रवेश द्वार के दोनों तरफ पूरी ऊंचाई में 12 कालम खड़े हो गये है। इस अब स्लैब डालने की तैयारी की जा रही है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की इस परियोजना का काम उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) को सौंपा है। यूपीआरएनएन के अभियंता अभिमन्यु सिंह ने बताया कि यह स्लैब 18.425 फिट लंबा व 10.30 फिट चौड़ा होगा। उन्होंने बताया कि इस भव्य गेट की लंबाई 18.425 मीटर व चौड़ाई 3.10 मीटर है जबकि इसकी ऊंचाई 6.425 मीटर निर्धारित की गयी है।
बताया गया कि उत्तरी गेट के ही आकार-प्रकार का दूसरा पश्चिम में भी प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि उत्तरी प्रवेश द्वार के अलावा क्रासिंग 11 पर भी प्रवेश द्वार निर्माण की तैयारी है। इसके पहले यहां सुरक्षा के दृष्टिकोण से कंटीले तारों की फेनसिंग लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि करीब 18 करोड़ की लागत नवनिर्मित रामलला मंदिर से स्वीकृत इन प्रवेश द्वारों का निर्माण कार्य एक साथ के बजाय क्रमशः पूरा किया जाना है।
बताया गया कि इस परियोजना के साथ दूसरी परियोजना में पांच सौ दर्शकों की क्षमता वाले प्रेक्षागृह एवं अतिथि गृह के अतिरिक्त तीर्थ क्षेत्र के कार्यालय का भी निर्माण किया जाना है। बताया गया कि तीर्थ क्षेत्र का कार्यालय प्रेक्षागृह से सम्बद्ध है। इसके अलावा प्रेक्षागृह, अतिथि गृह व कार्यालय का टेंडर हो गया है और फाइनेंशियल बिड को लेकर निगोशिएशन चल रहा है।