वरुण, संतोष गंगवार, संघमित्रा...ब्रज के आधे सांसदों की होली पर टिकट का साया; धड़कनें बढ़ीं
कई दिग्गज भी इस भंवर में फंसे हैं, जिनके टिकट पर संशय बरकरार है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, वरुण गांधी, स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा और सतीश गौतम जैसे नाम शामिल हैं।
Lok Sabha Election 2024: ब्रज क्षेत्र के आधे सांसदों की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। उनमें से कइयों की होली में रंगों की बहार बनी रहेगी या फिर इस होली रंग बदलेंगे..? असल में उनके नाम भाजपा की पहली सूची में नहीं थे। पार्टी ने अभी यह सीटें होल्ड कर रखी हैं। कई दिग्गज भी इस भंवर में फंसे हैं, जिनके टिकट पर संशय बरकरार है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, वरुण गांधी, स्वामी प्रसाद मौर्य की पुत्री संघमित्रा और सतीश गौतम जैसे नाम शामिल हैं। जिन सात सीटों पर अभी प्रत्याशियों की घोषणा होनी है, उनमें फिरोजाबाद, हाथरस और हारी हुई मैनपुरी सीट पर बदलाव लगभग तय माना जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश को संगठनात्मक दृष्टि से छह क्षेत्रों में बांट रखा है। ब्रज क्षेत्र इन्हीं में शामिल है, जिसमें 14 लोकसभा सीटें हैं। पार्टी पहली सूची में आगरा, फतेहपुर सीकरी, मथुरा, एटा, आंवला, धौरहरा और शाहजहांपुर सीटों पर मौजूदा सांसद चेहरों को ही रिपीट कर चुकी है। मगर फिरोजाबाद, हाथरस, मैनपुरी, बदायूं, बरेली, अलीगढ़ और पीलीभीत सीट पर अभी प्रत्याशियों का ऐलान बाकी है।
संघमित्रा के टिकट पर स्वामी की छाया ब्रज क्षेत्र में भाजपा का प्रदर्शन बीते लोकसभा और विधानसभा चुनावों में अच्छा रहा है। मुलायम सिंह के निधन के बाद मैनपुरी सीट पर उपचुनाव में सपा की डिंपल यादव ने भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को बड़े अंतर से मात दी थी। पार्टी इस बार कोई नया चेहरा यहां उतार सकती है।
बदायूं लोकसभा सीट पर 1996 से लेकर 2014 तक सपा का कब्जा रहा है। मगर 2019 में भाजपा प्रत्याशी के रूप में स्वामी प्रसाद की पुत्री संघमित्रा मौर्य ने सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया था। स्वामी तब भाजपा में प्रदेश सरकार का हिस्सा थे। अब वे न सिर्फ भाजपा से अलग हैं बल्कि पार्टी और सनातन को लेकर लगातार हमलावर हैं। ऐसे में उनकी बेटी का टिकट भी पार्टी ने होल्ड कर रखा है।
अलीगढ़,हाथरस,फिरोजाबाद में विधायक दावेदार
अलीगढ़ से दो बार के सांसद सतीश गौतम भी प्रदेश नेतृत्व की पसंद होने के बावजूद भी पहली सूची में जगह नहीं पा सके। इस लोकसभा सीट के टिकट को लेकर भी कश्मकश बरकरार है। इस सीट पर कई दिग्गज टिकट की दौड़ में शामिल हैं। इसी तरह हाथरस और फिरोजाबाद में क्या होगा? इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व चेहरा बदलने पर मंथन कर रहा है इसीलिए इन सीटों पर नाम घोषित नहीं किए गए। फिरोजाबाद में तो भाजपा सरकार के एक मंत्री व एक विधायक टिकट की दौड़ लगा रहे हैं।
नेतृत्व की पसंद में फंसे वरुण और गंगवार
पीलीभीत के फायर ब्रांड सांसद वरुण गांधी के टिकट को लेकर भी निर्णय नहीं हो सका है। वरुण का नाम पहली सूची में शामिल नहीं था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बरेली से आठ बार के सांसद संतोष गंगवार को लेकर भी असमंजस अभी बरकरार है। वे 2009 को छोड़कर 1989 से लगातार बरेली से जीतते रहे हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या पार्टी नेतृत्व इस सीट पर चेहरा बदलेगा या फिर उन पर ही भरोसा जताया जाएगा।