भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा का टूट गया भरोसा, निर्दलीयों ने ध्वस्त कर दिए सियासी सूरमाओं के समीकरण
भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा अपने-अपने मतदाओं के भरोसे जीत का दम भर रही थीं। वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों ने ताल ठोंककर ऐसे सियासी सूरमाओं के चुनावी समीकरण को ध्वस्त कर दिया।
भाजपा, सपा, कांग्रेस और बसपा अपने-अपने मतदाओं के भरोसे जीत का दम भर रही थीं। वहीं निर्दलीय प्रत्याशियों ने ताल ठोंककर ऐसे सियासी सूरमाओं के चुनावी समीकरण को ध्वस्त कर दिया। जो सीट राजनीतिक दलों के प्रत्याशी जीत रहे थे वहां निर्दलीयों ने खेल बिगाड़ दिया। कहीं खुद जीते तो कहीं दूसरों को हरा दिया।
नगर निगम चुनाव में 80 सीटों पर 521 प्रत्याशी चुनावी मैदान में खड़े थे। इनमें से 11 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। वार्ड एक बिहारीपुर सिविल लाइंस में 8 प्रत्याशी खड़े थे। इनमें से पांच निर्दलीय बाकी भाजपा, सपा, बसपा के रहे। तीनों दल के प्रत्याशी लड़ते रहे निर्दलीय प्रत्याशी संतोष जीत गई। वार्ड दो जाटवपुरा में 13 प्रत्याशी खड़े थे जिनमें से 7 निर्दलीय थे। यहां मुकाबला भाजपा, सपा के बीच था। सिर्फ 56 वोट अधिक लेकर भाजपा की प्रत्याशी गरिमा कमांडों जीत गई जबकि इस वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशियों ने 4 हजार वोट हासिल किए।
वार्ड 5 नेकपुर में पांच प्रत्याशी मैदान में थे। भाजपा को 1394, सपा को 1262 मत मिले। तीनों निर्दलीय प्रत्याशी 700 से अधिक वोट ले गए। वार्ड 28 फरीदापुर चौधरी में 10 प्रत्याशी थे। विजेता को 1269 वोट मिले। छह निर्दलीयों 550 से अधिक वोट ले गए।