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रामपुर उपचुनाव में 20 राउंड तक सपा ने बनाए रखी बढ़त, लखनऊ तक टेंशन देती रही काउंटिंग; अंत में खिला कमल  

रामपुर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा की शुरुआती बढ़त ने लखनऊ तक को टेंशन में डाल दिया। दोपहर एक बजे तक सपा आगे चलती रही। इस दौरान लखनऊ से लेकर रामपुर तक फोन घनघनाते रहे।

Ajay Singh हिन्‍दुस्‍तान, रामपुरFri, 9 Dec 2022 01:23 PM
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Rampur By Election Result 2022: रामपुर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी आसिम राजा की शुरुआती बढ़त ने लखनऊ तक बीजेपी नेताओं को टेंशन में डाल दिया था। दोपहर एक बजे तक सपा आगे चलती रही। इस दौरान लखनऊ से लेकर रामपुर तक फोन घनघनाते रहे और मतगणना का हाल जानते रहे। कई अफसरों के फोन पर मतगणना का अपडेट लेते हुए नजर आए। हालांकि इन फोन के बीच ही भाजपा प्रत्याशी ने लंबी छलांग लगानी शुरू कर दी,जिसके बाद राहत की सांस ली।

सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर भी टिकी रही नजर 
रामपुर उपचुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाने के बाद अफसरों की नजर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकी रही। सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई थी, जबकि रामपुर में मतगणना जारी थी। 

अब तक सबसे कम मतदान, बीजेपी के लिए पथरीली जमीन पर पहली बार खिला कमल

रामपुर में बीजेपी की पथरीली जमीन पर आखिरकार कमल खिल ही गया। यह विधानसभा सीट छह बार कांग्रेस के खाते में रही और सर्वाधिक सात बार समाजवादी पार्टी का इस सीट पर कब्जा रहा। आजम कुल 10 बार इस सीट से विधायक रहे। पहली बार भाजपा ने इस सीट पर अपना खाता खोला है।

भाजपा के लिए रामपुर की सीट हमेशा से चुनौती रही है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 40 प्रतिशत हिन्दू और 60 प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। हमेशा से यह माना जाता था कि इस सीट पर कम मतदान की स्थिति में ही भाजपा को फायदा मिल सकता है।

इस चुनाव में ऐसा देखने को भी मिला। इस बार अब तक का सबसे कम 33.94 प्रतिशत मतदान हुआ और भाजपा के हाथ बाजी लग गई। आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां पहली बार विधानसभा का चुनाव 1951 में हुआ था जब कांग्रेस जीती जबकि 1957 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ने बाजी मारी। इसके बाद 1962 में कांग्रेस, 1967 में स्वतंत्र पार्टी, 1980 में जनता पार्टी (एस) 1985 में लोकदल, 89 और 91 में जनता पार्टी, 93 में सपा और 96 में कांग्रेस जीती। उसके बाद 2002 से 2022 के बीच हुए पांच चुनावों में सपा विजयी रही।

अब नफरती भाषण के मामले में तीन साल की सजा मिलने के बाद उनकी विधायकी खारिज कर दी गई है, जिसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा के आकाश सक्सेना ने जीत दर्ज कराई है। भाजपा ने जीत पर रामपर की जनता का धन्यवाद दिया है।

रामपुर सीट से कब कौन रहा विधायक
चुनाव वर्ष नाम विधायक पार्टी

1951 फजले हक खां कांग्रेस

1957 असलम खां निर्दलीय

1962 किश्वर आरा कांग्रेस

1967 अख्तर अली स्वतंत्र पार्टी

1969 मुर्तजा अली खां कांग्रेस

1974 मंजूर अली खां कांग्रेस

1977 मंजूर अली खां कांग्रेस

1980 आजम खां जनता दल (एस)

1985 मो.आजम खां लोकदल

1989 मो.आजम खां जनता दल

1991 मो.आजम खां जनता पार्टी

1993 मो.आजम खां सपा

1996 अफरोज अली खां कांग्रेस

2002 मो.आजम खां सपा

2007 मो.आजम खां सपा

2012 मो.आजम खां सपा

2017 मो.आजम खां सपा

2019 तजीन फात्मा सपा

2022 मो.आजम खां सपा

2022 आकाश सक्सेना भाजपा

निर्दलीय असलम खां ने रचा था इतिहास

वर्ष 1957 में इस सीट पर हुए चुनाव में कांग्रेस और नवाब के बीच मन मुटाव थे, जिसके चलते चुनाव में निर्दलीय असलम खां ने जीत हासिल की थी। वह इस सीट से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले अकेले प्रत्याशी हैं।

अब तक हो चुके 19 चुनाव
आजादी से लेकर अब तक विधानसभा सीट रामपुर पर कुल 19 चुनाव हुए हैं। जिनमें 2019 में उप चुनाव हुआ। बाकि, में सामान्य चुनाव रहा। इस बार 20 वें विधायक के चुनाव को वोट डाले गए थे। यानी, भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना रामपुर के 20वें विधायक चुने गए। 

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