चाचा-भतीजे के मिलन को सपा के लिए बेहतर माना जा रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि इससे न सिर्फ मुलायम परिवार बल्कि पार्टी भी मजबूत होगी लेकिन सवाल यह है कि क्या दोनों चाचा की दूरियां खत्म हो पाई?
हालिया चुनावों और उप चुनावों के नतीजों पर गौर करें तो पता चलता है कि जनता ने अलग-अलग हिस्से में अलग रुख का प्रदर्शन किया है।यूपी की 2 असेंबली और 1 लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में तीनों दलों की जीत हुई ।