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भाजपा के बड़बोले सहयोगी निकले दगे कारतूस, नतीजों में औंधे मुंह गिरे; अब आगे क्‍या? 

भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा यूपी के तीन छोटे दल इस चुनाव में औंधे मुंह गिरे हैं। बड़े जनाधार का दावा करने वाली BJP के सहयोगी इन 3 छोटे दलों की राजनीतिक जमीन इस चुनाव में खिसकती नजर आई है।

Ajay Singh हेमंत श्रीवास्तव, लखनऊWed, 5 June 2024 12:06 AM
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UP Lok Sabha Election Result 2024: भाजपा नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा यूपी के तीन छोटे दल इस चुनाव में औंधे मुंह गिरे हैं। इन तीनों दलों के नेताओं का बड़बोलापन ही इन्हें भारी पड़ा है। पूर्वांचल, बुंदेलखंड और मध्य उत्तर प्रदेश में जातीय राजनीति के ठेकेदार के रूप में खुद को प्रचारित करने वाले सुभासपा, निषाद पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) के नेताओं की मौकापरस्ती को मतदाताओं ने बेनकाब करने का काम किया है। इन दलों को समझौते में मिली चार सीटों में से महज मिर्जापुर सीट पर अद (एस) की अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ही लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने में सफल रही हैं।
 
दो सीटें हार गए दो पुराने सहयोगी दल
पूर्वांचल, बुंदेलखंड और मध्य उत्तर प्रदेश में बड़े जनाधार का दावा करने वाली भाजपा की सहयोगी इन तीनों छोटे दलों की राजनीतिक जमीन इस चुनाव में खिसकती नजर आई है। 2019 लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल की दो सीटों से जीत दर्ज करने वाले अपना दल (सोनेलाल) राबर्ट्सगंज की सीट हार गई है। निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद के पुत्र प्रवीण निषाद जो संतकबीरनगर से भाजपा के सांसद हैं वह भी इस बार चुनाव हार गए हैं। पूर्वांचल की तीन सीटें जो इन दोनों सहयोगी दलों के खाते में गिनी जाती थी, उसमें से महज मिर्जापुर की एक सीट ही इनके खाते में आई है।
 
लड़खड़ाते हुए जैसे-तैसे जीतीं अनुप्रिया
मिर्जापुर से अपना दल (सोनेलाल) की अध्यक्ष केंद्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल चुनाव जीत गई हैं। उन्होंने सपा प्रत्याशी को 37810 मतों से हराया है। वहीं पड़ोस की दूसरी सीट राबर्ट्सगंज जो समझौते के तहत इस चुनाव में भी अपना दल (सोनेलाल) को मिली थी, वहां से पार्टी प्रत्याशी रिंकी कोल सपा प्रत्याशी छोटेलाल खरवार से 129234 मतों से चुनाव हार गई हैं। पिछले चुनाव में राबर्ट्सगंज में अपना दल के टिकट पर पकौड़ी लाल कोल सासंद चुने गए थे। रिंकी कोल मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कोल की बहू हैं। अद (एस) की इन दोनों सीटों पर सपा ने भाजपा के दो बड़े नेताओं को चुनाव मैदान में उतारकर बाजी पलटने की कोशिश की थी। मिर्जापुर सीट से अंतिम समय में सपा ने अपना प्रत्याशी बदलते हुए भदोही से भाजपा के सांसद रमेश बिंद को प्रत्याशी बनाया जिन्होंने अनुप्रिया पटेल को कड़ी टक्कर दी। राबर्ट्सगंज से भाजपा से वरिष्ठ नेता छोटेलाल खरवार जो लगातार टिकट की मांग कर रहे थे सीट समझौते में अद (एस) के पास चले जाने से नाराज होकर सपा में शामिल हुए। अखिलेश ने इन्हें इस सीट से प्रत्याशी बनाकर अद (एस) से इस सीट को छीनने में सफलता हासिल की। मौजूदा सांसद पकौड़ी लाल कोल के विवादित बयान को भी अद (एस) की हार के कारणों के रूप में देखा जा रहा है।
 
राजभर और निषाद दोनों अपनी सीटें हार रहे हैं
निषाद पार्टी अध्यक्ष डा. संजय निषाद के सांसद पुत्र जो इस बार भी संतकबीरनगर से भाजपा के सिंबल पर चुनाव मैदान में थे, वह सपा प्रत्याशी पप्पू निषाद से 92170 मतों से चुनाव हार गए हैं। इस चुनाव में डा. संजय निषाद लगातार भाजपा से अपने सिंबल पर कोई सीट मांग रहे थे जो नहीं मिली थी। सपा ने निषाद बिरादरी से ही पप्पू निषाद को प्रत्याशी बनाकर निषाद वोटबैंक में सेंधमारी की। डा. संजय निषाद से निषाद बिरादरी की नाराजगी को भी इस सीट से हार के कारणों के रूप में देखा जा रहा है।

सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर को भाजपा से समझौते के तहत मिली इकलौती सीट घोसी से उनके पुत्र डा. अरविंद राजभर सपा प्रत्याशी राजीव राय से 162943 मतों के अंतर से चुनाव हारे हैं। ओम प्रकाश राजभर अपने विवादित बयानों से लगातार चर्चाओं में रहते हैं। सपा ने इस सीट से भूमिहार बिरादरी से राजीव राय को प्रत्याशी बनाकर अगड़ों के साथ ही पिछड़े और दलित समीकरण का बेहतर समायोजन किया। 2022 विधानसभा चुनाव में राजभर द्वारा भाजपा नेताओं को मंच से भला बुरा कहने को भी हार के कारणों में देखा जा रहा है। राजभर की हार के पीछे बसपा प्रत्याशी बालकृष्ण चौहान भी बड़़ा कारण हैं। चौहान बिरादरी जिसे भाजपा अपना वोटबैंक समझ रही थी, उसमें बड़ी सेंधमारी इन्होंने की है।
 
समझौते में मिली दोनों सीटें जीतने के करीब रालोद
वहीं ऐन चुनाव के वक्त सपा से अलग होकर एनडीए का हिस्सा बनी राष्ट्रीय लोकदल का प्रदर्शन बेहतर रहा। समझौते के तहत मिली दोनों सीटों पर रालोद प्रत्याशी चुनाव जीत गए हैं। बागपत से रालोद प्रत्याशी राजकुमार सांगवान सपा प्रत्याशी से 159459 मतों से तथा बिजनौर से रालोद प्रत्याशी चंदन चौहान भी सपा प्रत्याशी से 37508 मतों के अंतर से जीत गए हैं। रालोद का स्ट्राइक रेट इस चुनाव में 100% रहा।
 
सुभासपा
वर्ष 2019-1.3 फीसदी
वर्ष 2022-2.98 फीसदी
वर्ष 2024-अन्य के 3.96 फीसदी में शामिल

अपना दल
वर्ष 2019-1.21 फीसदी
वर्ष 2022-1.62 फीसदी
वर्ष 2024-0.92 फीसदी

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