यूपी में माध्यमिक शिक्षकों ने दिखाई ताकत, विस भवन कूच से पहले सरकार ने मांगें मानीं
यूपी में माध्यमिक शिक्षकों ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन आयोजित किया और अपनी ताकत दिखाई। कड़ी धूप में ही विस भवन कूच की तैयारी की। इससे पहले ही सरकार ने उनकी मांगें मान ली गईं।

माध्यमिक स्कूलों के शिक्षक सोमवार को सेवा सुरक्षा की बहाली के मुद्दे पर खूब गरजे। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के बैनर तले प्रदेश भर से आए हजारों शिक्षकों ने इको गार्डन में धरना देकर हुंकार भरी। शिक्षकों ने कहा कि सरकार शिक्षक सेवा सुरक्षा की धारा 12, 18, एवं 21 को नए आयोग में जोड़े और पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करे। तेज धूप और गर्मी में शिक्षक दरी और जमीन पर बैठे रहे। दोपहर बाद शिक्षकों के विधान भवन कूच करने की जानकारी होते ही सीएम कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने संगठन के प्रतिनिधिमण्डल को बुलाकर वार्ता की। उन्होंने मौके पर निदेशक को शिक्षकों की पदोन्नति का आदेश जारी करने को कहा और सेवा सुरक्षा के मामले जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया। प्रशासन के अधिकारियों को मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन भी दिया।
शिक्षकों के निलंबन और बर्खास्तगी के मामले बढ़े
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (एकजुट) के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा के नेतृत्व में सोमवार को प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के हजारों शिक्षक इको गार्डन पहुंचे। सोहन लाल वर्मा ने कहा कि उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 12, 18 एवं 21 को उप्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 से हटा दिया गया है। इससे सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के निलंबन और बर्खास्तगी के मामले बढ़ गए हैं।
धरने का संचालन कर रहे संगठन के प्रदेश महामंत्री राजीव यादव ने कहा कि स्कूलों के प्रबंधक और अधिकारी शिक्षकों का उत्पीड़न कर रहे हैं। शिक्षक सेवा सुरक्षा के अभाव में भयभीत एवं सशंकित हैं। इससे बच्चों को पढ़ाना मुश्किल हो रहा है। सरकार सेवा सुरक्षा को तत्काल बहाल करे। अशासकीय स्कूलों को पूरी तरह राजकीय करण किया जाए। अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार, स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा समेत शिक्षक प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की।
डेढ़ वर्ष से बंद है पदोन्नति
प्रदेश संरक्षक डॉ. हरिप्रकाश यादव तथा प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार कुशवाहा ने कहा कि डेढ़ वर्ष से सहायक अध्यापक से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति नहीं हुई है। पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू की जाए। इस मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष उपेंद्र वर्मा तथा प्रदेश मंत्री संदीप शुक्ल कहा कि सेवा सुरक्षा की धारा 21 के हटने से शिक्षकों का शोषण एवं उत्पीड़न बढ़ गया है। संगठन सेवा सुरक्षा की बहाली के लिए आर पार का संघर्ष करने के लिए तैयार है। संगठन के उपाध्यक्ष दीपक सिंह पुंडीर एवं प्रदेश मंत्री प्रमोद कुमार पाठक, कोषाध्यक्ष विजेंद्र वर्मा, प्रमोद कुमार, ध्रुव नारायण चौधरी, तीर्थराज पटेल, मो. जावेद, सुरेश पासी समेत हजारों शिक्षक शमिल हुए।
भीषण गर्मी में दरी में बैठे रहे शिक्षक
पुलिस और प्रशासन ने शिक्षकों को धरना स्थल पर टेंट व कुर्सियां नहीं लगाने दी। तो शिक्षक दरी बिछाकर धरना शुरू कर दिया। तेज धूप और गर्मी भी शिक्षक धरने पर डटे रहे। दोपहर बाद गर्मी बढ़ने पर छांव की तलाश में शिक्षक पेड़ों के नीच पहुंचे। प्रदेश भर से आए शिक्षकों ने सेवा सुरक्षा के मुद्दे पर बातें रखी। शिक्षकों ने कहा कि सेवा सुरक्षा की धारा 12,18, एवं 21 की बहाली जब तक नहीं होती है। शिक्षकों का आन्दोलन जारी रहेगा।