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ऐसा क्या बोल गए संभल जामा मस्जिद के अध्यक्ष जफर अली? पुलिस ने उठाया, थाने में पूछताछ

संभल में हिंसा के बाद सोमवार की दोपहर पुलिस ने जामा मस्जिद के अध्यक्ष एडवोकेट जफर अली को भी उठाया है। उनको थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। इससे पहले जफर अली ने प्रेस कांफ्रेंस करके मस्जिद के अंदर हुए सर्वे की कई बातें बाहर लाई थीं। अधिकारियों पर कई आरोप लगाए थे।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानMon, 25 Nov 2024 07:26 PM
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संभल में सोमवार की दोपहर जामा मस्जिद के अध्यक्ष एडवोकेट जफर अली को भी पुलिस ने उठाया है। उनको थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। जफर अली के साथ छह और लोगों को उठाया गया है। मस्जिद के अध्यक्ष को उठाने की जानकारी मिलने पर एक बार फिर इलाके में तनाव वढ़ गया है। जफर अली ने सोमवार की सुबह प्रेस काफ्रेंस की थी और मस्जिद के अंदर हुए सर्वे की कई बातें बाहर लाई थीं। प्रेस कांफ्रेस के बाद ही पुलिस एक्शन में आई और उन्हें हिरासत में लेकर थाने ले आई। डीआईज मुनिराज ने जफर को हिरासत में लेने पर कहा कि उन्होंने कुछ विरोधाभासी बयान दिया है। इसका वीडियो वायरल हो रहा है। इसी पर उनका स्पष्टीकरण लेने के लिए बुलाया गया है।

जफर अली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि मस्जिद से वुजू का पानी छोड़ने से लोग भड़के हैं। पानी छोड़ने से लोग भ्रम में आ गए। लोगों को यह भ्रम हो गया कि खुदाई हो रही है। एसडीएम संभल ने ही पानी खाली कराया है। एसपी और डीएम यह कह रहे थे कि डंडे से नाप लो लेकिन एसडीएम की जिद के कारण पानी खाली कराया गया। जैसे ही पानी छूटा लोगों में भ्रम फैल गया कि जामा मस्जिद की खुदाई हो रही है। जो भी हुआ है एसडीएम और सीओ संभल की साजिश के कारण हुआ है।

जफर अली ने शाही मस्जिद पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि एसडीएम ने सर्वे के दौरान हौद से जबरन पानी निकलवाया। पानी देख लोगों में अफवाह फैली कि मस्जिद में खुदाई हो रही है। लोग सच्चाई जानने मस्जिद के पास पहुंचे तो सीओ ने लाठीचार्ज करा दिया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने पथराव किया और बवाल बढ़ गया। जफर ने यह भी दावा किया कि दोबारा नियम विरुद्ध ढंग से सर्वे को टीम पहुंची थी।

एसपी-डीएम ने भी की पीसी, जफर की एक-एक बात को झुठलाया

जफर को हिरासत में लेने के बाद संभल के एसपी और डीएम ने भी प्रेस कांफ्रेंस की और उनकी बातों को पूरी तरह से झूठला दिया। डीएम ने कहा कि वुजू टैंग का पानी खाली कराने को लेकर जफर ने भ्रम फैलाया। जफर ने कहा कि वुजू खाने को नापाना चाहते थे। जबकि वुजू टैंक की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी होनी थी, इसलिए उसका टैंक खाली कराया गया। जफर साहब ने खुद बोला कि हर शुक्रवार को वुजू खाने को खाली कराया जाता है। आगे जफर ने कहा कि पानी बहने से लोगों में भ्रम फैला कि वुजू खाने की खुदाई हो रही है। जबकि जहां पानी बहने की बात वह कह रहे थे, वहां निरंतर पानी बहता रहता है। खुदाई में मिट्टी निकलती है, पानी नहीं बहता। वह नाप तोल की बात कह रहे थे, जबकि वहां कोई नाप तोल नहीं की गई थी।

डीएम ने कहा कि जफर ने पुलिस को फायरिंग करते हुए देखने का आरोप लगाया। डीएम ने पूछा कि जफर अंदर सर्वे करा रहे थे या बाहर पुलिस को फायरिंग करते देख रहे थे। जफर ने पहले कहा कि पुलिस असली हथियार चला रही थी। दूसरी बार कहा कि पुलिस तमंचे चला रही थी। आज लाइव पीसी में कहा कि मुझे नहीं पता कि पुलिस कौन से हथियार चला रही थी। कोई एक ही व्यक्ति तीन बार तीन तरह के बयान दे रहा है।

डीएम राजेंद्र पैसिया ने कहा कि जफर सर्वे की जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं, जबकि सभी पक्षों को सर्वे की बात बताते हुए लेटर भी रिसीव कराया गया है। डीएम ने कहा कि 19 तारीख को सर्वे के दौरान शाम में ही यह कह दिया गया था कि दोबारा सर्वे हो सकता है। इसके बाद 23 तारीख को सर्वे की बात आई तो इसकी कापी भी रिसीव कराई गई। जफर ने आरोप लगाया कि डीएम के आदेश पर दूसरी बार सर्वे किया गया, जबकि एडवोकेट कमिश्नर के आदेश पर सर्वे हुआ है।

गौरतलब है कि रविवार को दोबारा जामा मस्जिद का सर्वे करने के दौरान जमकर बवाल हो गया था। पथराव, फायरिंग में चार युवकों की मौत हो गई थी। पुलिस वालों समेत कई लोग घायल हो गए थे। इसी के बाद पुलिस ने उपद्रवियों के खिलाफ केस दर्ज कर दबिश तेज की है।

हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज करके 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। कुल 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि पुलिस ने संभल हिंसा मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज किये हैं जिनमें छह नामजद और 2750 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा पांच मुकदमे कोतवाली थाने में और दो नखासा थाने में दर्ज कराए गए हैं।

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उनका कहना था कि ये मुकदमे दारोगा शाह फैसल, उपनिरीक्षक दीपक राठी, उपजिलाधिकारी रमेश बाबू, पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार, पुलिस अधीक्षक के जनसम्पर्क अधिकारी और संजीव कुमार नामक एक व्यक्ति ने दर्ज कराए हैं।

विश्नोई ने बताया कि वारदात की सीसीटीवी और अन्य वीडियो फुटेज का अध्ययन कर दंगाइयों की पहचान की जा रही है तथा दंगाइयों के बारे में सूचना देने वालों को इनाम दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल 22 लोग कोतवाली थानाक्षेत्र से और तीन नखासा थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किये गये हैं तथा नखासा थानाक्षेत्र के गिरफ्तार किये गये तीन लोगों को विधिक कार्रवाई के तहत जेल भेजा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ड्रोन कैमरे से मिली फुटेज का अध्ययन कर लिया गया है तथा उनमें दिख रहे लोगों की तस्वीरें बनवाई जा रही है। उनके अनुसार बलवाइयों की पहचान के लिये इन तस्वीरों को प्रसारित किया जाएगा।

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