संभल जामा मस्जिद या हरिहर मंदिर, कोर्ट कमिश्नर ने पूरा किया सर्वे, जांच रिपोर्ट सौंपी
संभल जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे को लेकर दाखिल याचिका पर कराया गया सर्वे पूरा हो गया है। कोर्ट कमिश्नर ने गुरुवार को अपनी रिपोर्ट भी कोर्ट में सौंप दी।
संभल की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे पर चल रहे विवाद में कोर्ट कमिश्नर रमेश राघव ने गुरुवार को सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में गुरुवार को सर्वे रिपोर्ट पेश कर दी। रिपोर्ट 40 से 45 पन्ने की बताई जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए सर्वे रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में प्रस्तुत करने को कहा था। बता दें कि कोर्ट कमिश्नर ने रिपोर्ट तैयार करने के लिए 19 और 24 नवंबर को कड़ी सुरक्षा के बीच शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया था। इसी दौरान 24 नवंबर को हिंसा हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता विष्णु जैन ने जामा मजिस्द के हरिहर मंदिर होने का दावा 19 नवंबर को चन्दौसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर किया था। न्यायालय ने रमेश राघव को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उसी दिन सर्वे के आदेश दे दिए। शाम के समय कोर्ट कमिश्नर डीएम, एसपी व अन्य लोगों के साथ सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंचे गए। अंधेरा हो जाने के कारण उस दिन सर्वे पूरा नहीं हो सका था। इसीलिए 24 नवंबर को दोबारा सर्वे किया गया। दूसरे सर्वे के दौरान मस्जिद के बाहर विरोध-प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया। इसमें चार लोगों की जान चली गई जबकि 29 पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए थे।
कोर्ट कमिश्नर को 29 नवंबर को रिपोर्ट न्यायालय में पेश करनी थी, लेकिन रिपोर्ट तैयार न होने के कारण कोर्ट कमिश्नर ने अदालत से दो बार समय मांगा था। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने के बजाय इसे सील बंद लिफाफे में देने के निर्देश दिए थे। गुरुवार को कोर्ट कमिश्नर ने सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह को लिफाफा बंद सर्वे रिपोर्ट सौंप दी। कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि रिपोर्ट 40 से 45 पन्नों की है। रिपोर्ट में सर्वे के दौरान कराई गई वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी शामिल हैं। साथ ही वादी, प्रतिवादी व आपत्ति कर्ताओं के बयान शामिल किए गए हैं।
इस दौरान कोर्ट में भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। अब सबकी नजरें सिविल कोर्ट के अगले कदम पर टिकी हैं। अदालत इस रिपोर्ट का अध्ययन कर आगे की सुनवाई की रूपरेखा तैयार करेगी।
विपक्ष ने मामले को विधानसभा से लोकसभा तक उठाया
संभल में तो मामला हिंसा के बाद शांत हो गया लेकिन सड़क से संसद तक गूंजने लगा। सपा और कांग्रेस ने विधानसभा से लेकर लोकसभा और राज्यसभा में मामले को उठाया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ितों से मुलाकात के लिए संभल जाने की भी कोशिश की। लेकिन जिला प्रशासन ने बवाल बढ़ने की आशंका में किसी को दस दिसंबर तक वहां जाने नहीं दिया। इसी बीच सपा सांसद जियाउर्रहमान के खिलाफ भी हिंसा भड़काने का मामला दर्ज कर लिया गया। ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां शुरू कर दी गईं।
मुस्लिम बहुत इलाके में पुलिस प्रशासन और बिजली विभाग ने छापेमारी की शुरू की तो अवैध अतिक्रमण के साथ ही बिजली चोरी के बड़े पैमाने पर मामले सामने आए। यहां तक कि सपा सांसद के घर पर भी बिजली चोरी पकड़ी गई। कई मस्जिदों में बिजली चोरी मिली। इसी दौरान मुस्लिम बहुत इलाके में ऐतिहासिक मंदिर भी मिला। इसमें प्रशासन पूजा पाठ शुरू कराई और अन्य मंदिरों, बावड़ियों, कुंभों और कुपों की खोजबीन में भी सफलता लगातार हासिल हो रही है। अब जामा मस्जिद का मामला भले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण फिलहाल आगे नहीं बढ़ सकेगा लेकिन प्रशासन अन्य मंदिरों और सनातन धर्म के चिह्नों की खोजबीन में लगा हुआ है।