राष्ट्रीय लोक अदालत: 52 परिवारों के घर लौटी खुशी
प्रतापगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नीरज तिवारी और जिला जज अब्दुल शाहिद ने किया। इस अवसर पर 52 अलग रह रहे परिवारों को एक मंच पर विदाई दी गई। लोक अदालत में...
प्रतापगढ़, संवाददाता। न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति नीरज तिवारी, जिला जज अब्दुल शाहिद ने किया। मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर अदालत की शुरुआत हुई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रशासनिक न्यायमूर्ति ने वर्षों से अलग रह रहे 52 परिवार को एक मंच से विदाई कराई। वाद की वजह से ऐसे 52 पति, पत्नी अलग रह रहे थे। न्यायिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे अधिक से अधिक संख्या में आपसी समझौते से मुकदमों का निस्तारण लोक अदालत में करें। जिससे अधिक से अधिक वादकारियों को लाभ मिल सके। हिंदी दिवस पर न्यायमूर्ति सभी न्यायिक अधिकारियों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हिंदी भाषा के प्रयोग से वादकारियों को उनके वादों के बारे में पूर्ण जानकारी हो पाएगी।
144306 वाद का हुआ निस्तारण
शनिवार को लोक अदालत में कुल 144306 वादों का निस्तारण किया गया। 5130 फौजदारी वाद, 9 एनआई एक्ट, 215 विद्युत वाद, 32 मोटर दुर्घटना वाद, 52 वैवाहिक वाद, 104 सिविल वाद, 1041 बैंक ऋण, 15 बीएसएनएल वाद, प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से 120040 मामले, यातायात विभाग के 17660 वाद एवं उपभोक्ता फोरम छह एवं स्थायी लोक अदालत के 2 वादों का निस्तारण किया गया।
फौजदारी वादों में 733817 का अर्थदंड वसूल किया गया। मोटर दुर्घटना क्षतिपूर्ति वादों में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के अधिकारी दिवाकर चतुर्वेदी की ओर से कुल 32 मामलों में विपक्षी बीमा कम्पनियों से पीड़ित याचियों को 1 करोड़ 87 लाख 60 हजार का प्रतिकर दिलाया गया, उत्तराधिकार वादों में 68,89119 का उत्तराधिकार प्रमाणपत्र जारी किया गया। बैंकों के बकाया ऋण के 1041 मामलों में बैंक एवं बकायेदारों के मध्य 9 करोड़ 30 लाख एवं बीएसएनएल 15 वादों में 36,792 रुपये का समझौता हुआ।
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