एसएसपी ऑफिस परिसर में ही सिपाही-दारोगा में पटका-पटकी और लात-घूंसा, VIDEO वायरल
यूपी के झांसी का एसएसपी कार्यालय यानी जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी का दफ्तर परिसर ही सोमवार को दो पुलिस वालों के लिए अखाड़ा बन गया। दारोगा और सिपाही के बीच यहां पहले गाली-गलौज हुई उसके बाद जमकर मारपीट हुई। एक-दूसरे को ललकारते हुए दारोगा और सिपाही ने एक दूसरे पर खूब लात-घूंसे बरसाए।
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यूपी के झांसी का एसएसपी कार्यालय यानी जिले के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी का दफ्तर परिसर ही सोमवार को दो पुलिस वालों के लिए अखाड़ा बन गया। दारोगा और सिपाही के बीच यहां पहले गाली-गलौज हुई उसके बाद जमकर मारपीट हुई। एक-दूसरे को ललकारते हुए दारोगा और सिपाही ने एक दूसरे पर खूब लात-घूंसे बरसाए। एसएसपी ऑफिस में इस तरह का नजारा देखकर कई लोगों ने अपने मोबाइल फोन का कैमरा वीडियो मोड में ऑन कर दिया। सिपाही और दारोगा के पटका-पटकी का यह वीडियो वायरल हो गया।
एसएसपी कार्यालय में तैनात साथी स्टाफ ने किसी तरह बीच-बचाव कर दारोगा और सिपाही को अलग-अलग किया। झगड़े का कारण दारोगा की महिला कांस्टेबिल पत्नी का देहात से शहरी क्षेत्र में ट्रांसफर और जांच के कागजों को लेकर विवाद बताया जा रहा है। कानून व्यवस्था पर बार-बार जोर देने वाली योगी सरकार को घेरने के लिए यही वीडियो कांग्रेस के लिए हथियार बन गया। कांग्रेस ने वीडियो को एक्स पर पोस्ट कर यूपी पुलिस पर निशाना साधा है।
पुलिस लाइन कालोनी में रहने वाले दारोगा संदीप यादव की पोस्टिंग महोबा जीआरपी में है। उनकी पत्नी भी सिपाही हैं। वहीं सिपाही अनुज कुमार सीओ पेशी के रीडर कार्यालय में मुंशी के पद पर तैनात है। दोनों पुलिस कालोनी में आस-पास रहते हैं। सोमवार दोपहर दारोगा किसी विभागीय जांच के कागजों को लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचा और वहां सिपाही अनुज से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसी को लेकर दोनों उत्तेजित हो गए और गाली-गलौज के बाद एसएसपी कार्यालय के बाहर परिसर में दोनों गुत्थम-गुत्था हो गए और लात-घूंसे चलने लगे।
सिपाही वर्दी में था, जबकि दरोगा सादी ड्रेस में था। दो पुलिस वालों के बीच मारपीट शुरू होते ही हड़कंप मच गया। एसएसपी कार्यालय का स्टाफ दौड़कर बाहर आया और किसी तरह दोनों को अलग-अलग किया गया। सीओ सदर स्नेहा तिवारी ने बताया कि पुलिस कार्यालय में दारोगा और सिपाही के बीच वाद-विवाद की सूचना मिली है। इस सम्बंध में जानकारी मिली है कि दारोगा संदीप यादव महोबा जीआरपी में पोस्ट हैं और कांस्टेबिल अनुज कुमार रीडर कार्यालय में तैनात है। दोनों आपस में पड़ोसी है और पुलिस कालोनी में अगल-बगल रहते हैं। दारोगा संदीप की पत्नी सिपाही के पद पर झांसी में तैनात हैं। शहर क्षेत्र में समय पूरा होने के बाद उनकी पोस्टिंग देहात क्षेत्र में की गई।
दारोगा संदीप चाहता है कि उसकी पत्नी की पोस्टिंग एक बार फिर शहरी क्षेत्र में हो जाए। इसी को लेकर दोनों में विवाद हुआ है। पुलिस अनुशानात्मक फोर्स हैं, ऐसे में अनुशासनहीनता व समाज में पुलिस की छवि धूमिल करने पर एसपी जीआरपी को दारोगा के खिलाफ रिपोर्ट जारी की जा रही है। कांस्टेबिल अनुज के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई की जा रही है। सवाल उन कर्मचारियों का भी है कि जिनकी सूची जारी होते ही जिले से तत्काल रिलीव कर दिया गया।
वीडियो को पोस्ट कर कांग्रेस ने योगी सरकार पर हमला बोला है। एक्स पर लिखा कि झांसी में एसपी ऑफिस के बाहर दरोगा और सिपाही आपस में ही भिड़ गए। आसपास मौजूद पुलिसवालों ने जैसे-तैसे बीच-बचाव किया। जब लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने वाले वर्दीधारी गली के गुंडों की तरह कप्तान ऑफिस में ही लड़ने लग रहे हैं तो गुंडे-मवाली क्या करेंगे? वैसे यह झगड़ा क्यों हुआ था, इसका खुलासा तो होना ही चाहिए।