Now there no mercy for teachers working on fake documents UP government will run campaign फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की अब खैर नहीं, यूपी सरकार चलाएगी अभियान, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की अब खैर नहीं, यूपी सरकार चलाएगी अभियान

उत्तर प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की अब खैर नहीं। यूपी सरकार के शिक्षा विभाग जल्द ही गृह और वित्त विभाग की विशेष सेल की मदद से विशेष अभियान चलाकर ऐसे शिक्षकों की पहचान कर उनके खिलाफ धर-पकड़ अभियान चलाएगा।

Dinesh Rathour लाइव हिन्दुस्तान, लखनऊFri, 9 May 2025 08:06 PM
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फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की अब खैर नहीं, यूपी सरकार चलाएगी अभियान

उत्तर प्रदेश में फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे शिक्षकों की अब खैर नहीं। यूपी सरकार के शिक्षा विभाग जल्द ही गृह और वित्त विभाग की विशेष सेल की मदद से विशेष अभियान चलाकर ऐसे शिक्षकों की पहचान कर उनके खिलाफ धर-पकड़ अभियान चलाएगा। माना जा रहा है कि वर्ष 2010 से 2018 के बीच नियुक्त शिक्षकों में से फर्जी दस्तावेजों वाले शिक्षकों की बड़ी संख्या है। हाल ही में विभाग ने ऐसे 32 शिक्षकों के फर्जी दस्तावेजों की पहचान कर उन्हें बर्खास्त किया है। विभाग फर्जी दस्तावेजों के बल पर नौकरी कर रहे शिक्षकों के पकड़े जाने पर उनसे उन्हें वेतन-भत्ते के मद में दिए गए धन की भी वसूली करेगा।

पिछले दिनों मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए अभिसूचना (एलआईयू) का सहयोग लेने पर विचार किया गया। हालांकि बाद में यही तय किया गया कि पुलिस व अभिसूचना के सहयोग से अभियान चलाया जाए जिसमें वित्त का भी सहयोग लिया जाएगा। बताया जाता है कि बेसिक शिक्षा विभाग के पास जो सूचना है, उसके अनुसार फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वालों में राजकीय से अधिक एडेड स्कूलों में ऐसे शिक्षकों की संख्या नौ हजार से अधिक है।

हालांकि अब तक प्रदेश भर में बीते डेढ़ दशक के दौरान फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी करने वाले करीब 328 शिक्षकों की पहचान कर उनको बर्खास्त किया जा चुका है लेकिन आरसी जारी होने के बाद भी उनसे अब तक फूटी कौड़ी तक वसूल नहीं हो सकी है। इस बीच पिछले माह ही फर्जी दस्तावेजों के जरिये नौकरी कर रहे 32 शिक्षक बर्खास्त किए गए हैं। इनमें से 29 फर्जी शिक्षकों ने वेतन-भत्तों के रूप में करीब 3.37 करोड़ रुपये आहरित कर लिया था। इन सबके नाम आरसी जारी होने के बाद भी इनसे वसूली नहीं हो सकी है। विभाग अब वसूली के लिए रिमाइंडर भेजने की तैयारी में है।