अबू आजमी को निष्कासित करना है या नहीं, सपा तय करेगी; औरंगज़ेब विवाद पर बोलीं बागी विधायक पल्लवी पटेल
औरंगजे़ब की तारीफ कर महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी विधायक अबू आजमी मुश्किलों में फंस गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद अब सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अबू आजमी का निष्कासन करना है या नहीं ये सपा तय करेगी।

औरंगजे़ब की तारीफ कर महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी विधायक अबू आजमी मुश्किलों में फंस गए हैं। वह महाराष्ट्र और यूपी की भाजपा सरकार के निशाने पर आ गए हैं। बुधवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट सत्र में विधान परिषद में बिना नाम लिए अबू आजमी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को यूपी भेज दो, इलाज हम कर देंगे। सपा को ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए। सीएम के इस बयान के बाद अब सपा की बागी विधायक पल्लवी पटेल ने प्रतिक्रिया दी है।
सिराथू से विधायक पल्लवी पटेल ने कहा, "अबू आजमी जिस पार्टी के सदस्य हैं उनका निष्कासन वहां होगा या नहीं ये उस पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेंगे। रही बात यदि वह यहां आते हैं और मुख्यमंत्री उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे तो निःसंदेह यूपी की 25 करोड़ की जनता ने उनको नेतृत्व दिया है। अब वह अपने सूबे में आने वाले किसी व्यक्ति व्यक्ति के साथ क्या प्रतिक्रिया करेंगे क्या क्रिया करेंगे? इस पर सीएम योगी ही बेहतर बोल सकते हैं।" औरंगजे़ब को किस नजरिए पर देखती हैं के सवाल पर पल्लवी ने कहा कि एक शासक का कोई धर्म नहीं होता। एक शासक होना ही अपने आप में धर्म है।
अबू आजमी के पक्ष में आएं अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सपा विधायक अबू आजमी के पक्ष में खुलकर खड़े हो गए हैं। अखिलेश ने अबू आजमी की तारीफ की साथ ही विधानसभा से निलंबन पर प्रतिक्रिया भी दी। उन्होंने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। अखिलेश ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेख़ौफ़ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि निलंबन से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।"
अबू आजमी का बयान
विधायक अबू आजमी ने छावा फिल्म को लेकर बयान दिया था। उन्होंने इस फिल्म के चित्रण को लेकर आलोचना की और कहा था, "औरंगजे़ब अच्छा प्रशासक था। छावा फिल्म में गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। उसने कई मंदिरों का निर्माण कराया था। मुझे नहीं लगता कि वह एक क्रूर शासक था। औरंगजे़ब के शासन काल में भारत को सोने की चिड़ियां कहा जाता था।"
हालांकि विवाद बढ़ता देख सपा विधायक ने बाद में माफी मांग ली। उन्होंने कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। अगर किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो वह अपना बयान वापस लेने के लिए तैयार हैं।