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Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मिर्जापुरRising Ganga Water Levels Force Mass Evacuations in Mirzapur

जिले में बस्तियों में प्रवेश कर रहा गंगा के बाढ़ का पानी, लोगों की बढ़ी मुसीबत

मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया है, जिससे तटवर्ती गांवों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। प्रशासन ने 37 चौकियों पर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मिर्जापुरMon, 16 Sep 2024 08:20 AM
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मिर्जापुर। जिले में गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच गया है। गंगा के बाढ़ का पानी अब तटवर्ती गांवों के रिहायसी इलाके में प्रवेश कर गया है। इससे बड़ी संख्या में लोग अपना मकान छोड़ सुरक्षित स्थानों की तरफ पलायन करने के लिए विवश हो गए है। जिले में गंगा का जलस्तर 76.50 मीटर पहुंच गया है। यह जलस्तर चेतावनी बिंदु 76.724 मीटर से मात्र ढाई सेमी कम है। अब गंगा के जलस्तर में आधा सेमी प्रति घंटे वृद्धि हो रही है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक शाम तक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर जाएगा। वहीं प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 37 चौकियों पर कर्मचारियों की तैनाती कर बराबर नजर रख रहा है। जिले के कई तटवर्ती गांवों में गंगा के पानी में बस्तियाँ डूब रही हैं। रिहायशी आवासों में पानी लबालब हो जाने के बाद प्रभावित परिवारों को अब सुरक्षित ठौर-ठिकाने की तलाश है। जिले के पश्चिमी छोर पर स्थित चेहरा,काशी-सरपती,हरगढ,गोगांव ग्रामों में अफरा-तफरी का माहौल है। सोमवार की सुबह चेहरा गाँव में झोपड़ियों में पानी भरने के बाद मांझी बस्ती के लोग घर गृहस्थी समेटकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचने की जुगत में लगे हुए थे। हरिश्चंद्र,मुकुंद लाल,छोटकऊ,मुसई,लल्लू आदि ने बताया कि रविवार की दोपहर से ही झोपड़ियों में पानी भरने लगा। रतजगा कर किसी तरह सुबह होने का इंतजार किया गया। गंगा के पानी के साथ ही सांप,बिच्छू,गोहटा जैसे खतरनाक जीव जंतु आसपास दिखाई देने लगे। पीड़ित परिवारों ने बताया कि सरकारी अमला अभी तक उनके गाँव नहीं पहुंचा है। उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। वहीं चेहरा से लेकर बबुरा,अकोढ़ी तक गंगा की तराई में फसलें पानी में डूबकर सड़-गल रही हैं। जबकि गंगा की सहायक कर्णावती नदी में ऊफान आने से मुहाने पर बसे देवरी,महड़ौरा,बिरोही,अरंगी सरपती,भटेवरा गावों में सीवानों में बीरानगी छाई हुई है। दलहन,तिलहन व ज्वार-बाजरा की लहलहाती फसलें पानी में डूब जाने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।

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