बोले मेरठ : जरूरी श्रेणी में शामिल हो कारोबार, टेंट नगर का सपना भी करें साकार
Meerut News - शादी-विवाह के लिए टेंट कारोबार में गिरावट आई है, जो 40 से 50 फीसदी तक पहुंच गई है। महंगाई, मजदूरों की कमी और इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों की बढ़ती चुनौतियों के कारण व्यवसायियों की परेशानियाँ बढ़ रही हैं।...
शादी-विवाह की शान बढ़ाने वाला टेंट कारोबार अब मैरिज लॉन और बैंक्वेट हॉल के बढ़ते चलन से 40 से 50 फीसदी तक घट गया है। ऊपर से मजदूरों की कमी और महंगाई की मार भी कारोबारियों को झेलनी पड़ रही है। इतना ही नहीं विवाह समारोह में इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों के आ जाने से इस कारोबार की चमक फीकी पड़ रही है। टेंट व्यापारियों का कहना है कि अगर उन्हें कुछ सुविधाएं मिलें तो कारोबार को संजीवनी मिल सकती है। कारोबारी शहर में टेंट नगर बसाने और पार्क किराए पर देने की मांग कर रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि जीएसटी दर में कमी भी इस कारोबार को नया जीन दे सकती है। बांस, तिरपाल, सामियाना से शुरू हुआ टेंट हाउस आधुनिक डेकोरेशन के मुकाम तक पहुंच गया, लेकिन नए दौर में इवेंट मैनेजमेंट इनके लिए चुनौती बनकर उभरा है। विवाह मंडप की बढ़ती संख्या साथ में महंगी टेंट सामग्री, साज-सज्जा के बढ़ते दाम भी टेंट हाउस के लिए बड़ी चुनौती है। लॉकडाउन ने लोगों को वैवाहिक समारोह में कटौती करने का तौर तरीका सिखा दिया। टेंट हाउस की बढ़ती संख्या ने रेट को तोड़ मरोड़ दिया है। काम के बाद पार्टी द्वारा पेमेंट रोकना भी इनकी परेशानी का कारण है। महंगी होती टेंट सामग्री व्यवसायियों पर दोहरी मार कर रही है। सरकार टेंट हाउस कार्य को आवश्यक सेवा में शामिल नहीं कर रही है, ये अलग परेशानी है। मेरठ टेंट डेकोरेटर्स हायर्स एसोसिएशन में करीब 200 सदस्य हैं, लेकिन मेरठ जिले में 1500 से 2000 के आसपास टेंट कारोबारी हैं। ग्रामीण क्षेत्र व नए व्यवसायियों के जुड़ते ही यह संख्या और अधिक होगी। व्यवसाय के माध्यम से एक टेंट कारोबारी के जरिए 150 से 200 लोगों को रोजगार मिलता है।मेरठ टेंट डेकोरेटर्स हायर्स एसोसिएशन से जुड़े व्यवसायियों की चुनौतियां दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं। वह कहते हैं कि यह कार्य व्यक्तिगत, सामाजिक, प्रसाशनिक, धार्मिक सभी क्षेत्र से जुड़ा है। टेंट हाउस एवं डेकोरेशन से जुड़े व्यवसायियों ने कहा कि हमेशा से हमारा व्यवसाय चुनौतीपूर्ण रहा है। काम खराब होने पर सम्मान को ठेस पहुंचती है। वैवाहिक कार्यक्रम हो, मृत्यु भोज हो या अन्य किसी तरह का आयोजन, सेम डे पर काम करके देना ही होता है। हर हाल में काम पूरा करना होता है। मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है।आवश्यक सेवा श्रेणी में शामिल करे सरकार एसोसिएशन सदस्यों ने कहा टेंट एवं डेकोरेशन से जुड़े लोगों द्वारा जो काम किया जाता है, उससे समाज के लोगों का मान-सम्मान जुड़ा होता है। मौसम की मार झेलने के अलावा कई बार सड़क पर जाम, बंदी की परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। इसका खामियाजा आयोजकों को परेशानी में डाल देता है। उनके मान-सम्मान को ठेस पहुंचती है। सरकार हमारी सेवा को आवश्यक सेवा की श्रेणी में शामिल करे।
इवेंट मैनेजमेंट ने बढ़ाईं चुनौतियां
टेंट व्यवसाई कहते हैं कि बदलते दौर के साथ चुनौतियों का स्वरूप भी बदल रहा है। नए दौर में इवेंट मैनेजमेंट बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। दिखावे के दौर में इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर आम लोग जेब ढीला कर रहे हैं। डेकोरेटर को उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। कहा जो कार्य कल तक हमें पार्टी से प्रत्यक्ष तौर पर मिल रहा था। आज काम अप्रत्यक्ष तौर पर इवेंट मैनेजमेंट के नाम पर मिल रहा है। इससे हो ये रहा है हमारे लाभ का हिस्सा कोई और खा रहा है। पार्टी यह बात समझ नहीं पा रही है कि वो जिस काम का आर्डर दे रही है, उससे उसके जेब पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है।
सुझाव
मेडा और आवास विकास द्वारा विकसित जाने वाले कॉलोनियों में टेंट नगर बसाए जाएं
व्यापारियों का सामान लेकर जाने वाले ई-रिक्शा को पुलिस न रोके
दिल्ली की तर्ज पर यूपी में पार्कों को व्यापारियों को किराए पर दिया जाए
टेंट कारोबार पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर कम की जाए
विकास प्राधिकरणों द्वारा विकसित की जाने वाली कॉलोनियों में रियायती दरों पर प्लांट दिए जाएं
निजी या सरकारी कार्यक्रमों के लिए सामान लेकर जाने वाले वाहनों को न रोका जाए
शिकायतें
टेंट व्यवसाईयों पर जीएसटी टैक्स 18 फीसदी, रेस्टोरेंट में जीएसटी पांच फीसदी
पुलिस द्वारा टेंट व्यापारियों के पंजीकृत एवं अपडेट कागजों वाले ई-रिक्शा को पकड़ना
सघन बाजारों, भीड़ वाले इलाकों, आबादी में आ चुके व्यापारियों को लोगों द्वारा परेशान करना
एक दिन के काम के लिए तीन दिन लगना
लेबर का खर्च पांच साल में तीन से चार गुना तक बढ़ जाना
सामान लेकर जाने वाले वाहानों की नो एंट्री में रोका-टोकी
कहना इनका
टेंट व्यवसाय पर जीएसटी टैक्स 18 फीसदी लगता है, जबकि रेस्टोंरेंट पर टैक्स की दर पांच फीसदी है। सरकार को चाहिए कि टैक्स में रियायत दे ताकि शादी-समारोह वालों को राहत मिल सके।
नवीन कुमार अग्रवाल, निदेशक बालाजी कैटर्स
टेंट हाउस का कार्य सेम डे से जुड़ा है, इवेंट मैनेजमेंट का नया दौर शुरू हुआ है, जो हमारे लिए चुनौती बनता जा रहा है। काम हम करते हैं और प्रोफिट कोई और कमाता है। सस्ते दरों पर लोन उपलब्ध हो।
अभिषेक कुमार, निदेशक, कमल टेंट हाउस
सभी के प्रतिष्ठा से जुड़ा कार्य होने व सेम डे का कार्य होने के कारण सरकार द्वारा डेकोरेशन को आवश्यक श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए। इवेंट मैनेजमेंट चुनौती से निजात पाने तो ठोस निर्णय हो
रवि चौहान, निदेशक, दुर्गा टेंट हाउस
डेकोरेशन का कार्य व्यक्तिगत, सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक व धार्मिक सभी स्तर के आयोजनों से जुड़ा है। बेझिझक समय पर काम पूरा कर सकें, इसके लिए सरकार इस व्यवसाय को आवश्यक श्रेणी में शामिल करे।
-विपुल सिंघल, निदेशक, सात फेरे रेस्टोरेंट
एक दिन के काम में तीन दिन लगते हैं। पहले दिन सामान ले जाने और टेंट लगाकर तैयार करना। दूसरे दिन शादी-समारोह और तीसरे दिन टेंट हटाना। ऐसे में मेहनत-खर्च अधिक है। मजदूरी चार गुना बढ़ गई।
-अतुल कुमार गर्ग, अतुल टेंट हाउस
इवेंट मैनेजमेंट के चलते टेंट हाउस वालों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही है। टेंट एवं डेकोरेशन के कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। हमारे व्यवसाय और जीवन पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
अनुज कुमार, निदेशक शिवानी टेंट हाउस
गली-मोहल्लों में कार्यक्रम के मद्देनजर टेंट व्यापारियों ने ई-रिक्शा बनवाए हुए हैं। पुलिस इन्हें सामान लेकर जाते हुए पकड़ लेती है, जबकि दूसरे वाहनों को छूट देती है। टेंट व्यापारियों के वाहनों को न पकड़ा जाए।
-सुशील कुमार गर्ग, निदेशक, लाला रामनाथ डेरे वाले
टेंट व्यापार के सामने इवेंट मैनेजर ने नई चुनौती है। इस व्यवसाय में आने वाले नए युवाओं को रेट को लेकर गंभीरता से विचार करना होगा, तभी इस व्यवसाय को बचाया जा सकता है। सरकार इसे भी आवश्यक श्रेणी में शामिल करे।
नमन अग्रवाल, टेंट कारोबारी
शहरों में मैरिज हॉल की सुविधा वर्षों से है। पहले मैरिज हॉल में सिर्फ भवन उपलब्ध कराया जाता था। बाकी डेकोरेशन का काम, बर्तन, टेबल-कुर्सी का काम टेंट हाउस वालों को मिलता था।
वीरपाल, हर्ष टेंट हाउस
टेंट व्यापारियों की चुनौतियां और समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। इवेंट मैनेजर ने कारोबारी की रीढ़ को तोड़ दिया है। महंगी होती टेंट सामग्री व्यवसायियों पर दोहरी मार कर
रही है।
सत्यनारायण, निदेशक स्वास्तिक टेंट हाउस
लोगों को ख्याल रखना चाहिए कि टेंट व्यापारियों के जरिए कई लोग उनके सम्मान में रात दिन एक कर काम करते हैं। पूंजी लगाते हैं, तब एक कार्यक्रम सफल होता है। सरकार टेंट व्यापारियों पर ध्यान दे।
-बृजमोहन, निदेशक, पप्पू टेंट सदर
टेंट व्यवसाय को बढ़ाने के लिए सरकार को चाहिए कि सस्ते दरों पर सरल विधि से लोन उपलब्ध कराने की व्यवस्था हो। जीएसटी टैक्स 18 फीसदी है, इसमें केंद्र सरकार कमी कराए
-गंगाराम, निदेशक, गौरव-सौरव अग्रवाल टेंट हाउस
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