मैंने अभ्यर्थी के तौर पर लिखा... UPPCS आंदोलन को लेकर DSP अंजली ने क्या पोस्ट कर दिया, देनी पड़ी सफाई
प्रयागराज में यूपीपीसीएस परीक्षा को लेकर आंदोलन शुरू हुआ है। इसे लेकर यूपी में डीएसपी पद पर तैनात अंजली कटारिया भी एक्स पर पोस्ट के जरिए कूद गई हैं। अब उन्हें सफाई देनी पड़ रही है।
यूपीपीसीएस (UPPCS) आरओ/एआरओ (RO ARO) परीक्षा दो दिन कराने के विरोध में हजारों छात्र प्रयागराज की सड़कों पर उतरे हुए हैं। सोमवार की सुबह से जबरदस्त धरना प्रदर्शन चल रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और भीम आर्मी प्रमुख सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी अभ्यर्थियों के पक्ष में योगी सरकार पर हमला बोला है। सोशल मीडिया पर भी आंदोलन छाया हुआ है। इस बीच यूपी में डीएसपी पद पर तैनात अंजली कटारिया भी इस मामले में एक्स पर पोस्ट के जरिए कूद गई हैं।
सरकारी पद पर होने के कारण उन्होंने हालांकि अभ्यर्थियों को ही नसीहत दी है लेकिन कुछ ऐसी भी बातें लिख दीं जिससे ऐसा प्रतीत हो रहा जैसे उन्हें अभी से विश्वास है कि लोकसेवा आयोग झुकेगा और अभ्यर्थियों की मांग पूरी होगी। जब एक यूजर ने पूछ लिया आपने अभ्यर्थी के तौर पर पोस्ट लिखा है या अधिकारी के तौर पर? डीएसपी होते हुए भी अंजली कटारिया को लिखना पड़ा कि मैंने अभ्यर्थी के तौर पर लिखा है।
आखिर डीएसपी अंजली ने क्या लिख दिया
डीएसपी अंजली ने प्रयागराज में चल रहे आंदोलन का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि मैं 8 वर्ष अभ्यर्थी रही हूं और आपका दर्द भलीभांति समझती हूं। चाहे 2022 से ऑप्शनल हटा हो या 2018 से UPSC पैटर्न आया हो, UPPSC ने अभ्यर्थियों का तर्क माना है। इसलिए शांति और सम्मान से अपना तर्क रखें। यह भी लिखा कि आप अधिकारी के लिए प्रयासरत हैं ऐसे अराजकता का परिचय न दें।
अंजली की पोस्ट आते ही हजारों रीपोस्ट और कमेंट आने लगे। लोग तरह तरह से उन्हें निशाने पर लेने लगे तो कुछ लोग उनके पक्ष में भी तर्क रख रहे थे। हजारों लोगों के बीच अंजली ने केवल सिखा राजपूत को जवाब दिया। सिखा ने अंजली से मदद मांगते हुए लिखा था कि Madam please co operate with us. (मैडम कृपया हम लोगों का सहयोग करें) हम दंगाई नहीं हैं। अपने अधिकार के लिए सड़कों पर है हमें कोई शौक नहीं अपनी पढ़ाई छोड़कर सड़कों पर आंदोलन करने की। हमारी मनःस्थिति को समझे, हमें सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।
इसके जवाब में डीएसपी अंजली ने लिखा कि मैं तो UPPCS चयन के आठ वर्ष बाद आज भी अभ्यर्थियों के बीच रहती हूं और उनकी भरसक मदद करती हूं। आपकी मांग जायज़ है लेकिन आप उचित माध्यम से उच्चस्तर पर तर्कसहित अपनी मांग रखिए। बैरिकेड तोड़ना, पुलिस से भिड़ना आदि अराजक बातें भावी अधिकारियों के लिए अशोभनीय हैं।
इस बीच अपने पहले पोस्ट पर सफाई देते हुए अनूप दूबे नामक यूजर को जवाब दिया कि मैंने अभ्यर्थी के तौर पर लिखा है। क्यूंकि अभ्यर्थी जीवन के अनुभव से मुझे पता है कि एक तरफ हजारों अभ्यर्थी चुपचाप आज घरों में तैयारी कर रहे होंगे और दूसरी तरफ कई स्वार्थी तत्व आपके प्रदर्शन में शामिल होंगे। बेहतर है कि एक नेतृत्व दल आपकी मांग उच्चस्तर पर रखें।
देर रात अंजली ने एक और पोस्ट करते हुए लिखा कि अभ्यर्थियों की मांगों को कोई नही नकार रहा। जो DCP साहब, ACP साहब, कोतवाल जी, दरोगाजी आपके साथ हैं वे भी अभ्यर्थी दौर से गुजरकर ही वहां पहुंचे हैं। और कल शायद आप उनकी जगह खड़े होंगे।आप अपने मुद्दे रखिए और अनशन को स्वार्थी तत्वों द्वारा हाईजैक मत होने दीजिएगा।
अनूप दूबे ने क्या पूछा था
जिस सवाल के जवाब में अंजली को कहना पड़ा कि मैने अभ्यर्थी के तौर पर लिखा... उसमें डीएसपी से कई सवाल पूछ दिए गए थे। अनूप दूबे ने उनसे पूछा था कि आपने इसके पहले का जो ट्वीट किया, वह एक अभ्यर्थी के तौर पर किया या अधिकारी के तौर पर? अगर आपने एक अभ्यर्थी के तौर पर किया तो यह जो पिछले साल से हो रहा है, वह सही है? और अगर आप इनके जगह सामान्य अभ्यर्थी होती तो अभी उत्पन्न परिस्थिति में क्या करती? अगर एक अधिकारी के तौर पर किया तो इतने दिन से आप क्यों सलाह नहीं दी?और क्या एक छात्र को शांतिपूर्ण प्रदर्शन का अधिकार नहीं है? आपके ट्वीट के अनुसार, एक सामान्य अभ्यर्थी को इस परिस्थिति में किस वाजिब रास्ते को अपनाना चाहिए? अगर जवाब न दे सकें तो अपना ट्वीट डिलीट करें।
अंजली कटारिया 2016 बैच की पीसीएस अफसर हैं
अंजली कटारिया यूपी की 2016 बैच की पीपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली से पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। इसके साथ ही आईआईटी मद्रास से बैचलर ऑफ साइंस भी किया है। इसके अलावा उन्होंने खुद 6 बार यूपीएससी प्रीलिम्स की परीक्षा दी है।