महाकुंभ में महाशिवरात्रि से पहले महाजाम; ट्रैफिक संभालने ADG समेत 6 और IPS भेजे गए
महाकुंभ में महाशिवरात्रि से पहले महाजाम फिर लगने लगा है। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए छह और आईपीएस अफसरों को प्रयागराज भेजा गया है।
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महाकुंभ में महाशिवरात्रि से पहले एक बार फिर महाजाम की स्थिति देखने को मिल रही है। इससे निपटने के लिए योगी सरकार ने छह और आईपीएस अफसरों को ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए प्रयागराज में उतार दिया है। यह सभी अफसर प्रयागराज आने वाले मार्गों की व्यवस्था देखेंगे। सभी को अलग अलग मार्गों पर तैनात किया गया है। इन अफसरों में एक एडीजी और पांच आईजी स्तर के अफसर हैं। सरकार ने एडीजी पीएसी सुजीत पांडे, आईजी चंद्रप्रकाश, प्रीतेंद्र सिंह, राजेश मोदक और मंजिल सैनी को ट्रैफिक मैनेजमेंट व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए अलग अलग मार्गों की कमान सौंपी हैं।
प्रयागराज रेंज में तैनात रहे 2004 बैच के आईपीएस चंद्रप्रकाश को प्रयागराज-वाराणसी मार्ग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डीजीपी मुख्यालय से अटैच आईजी प्रीतिंदर सिंह को प्रयागराज-रीवा राजमार्ग की ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने का निर्देश मिला है। 2003 बैच के आईपीएस आईजी राजेश मोदक को शहर क्षेत्र में यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए तैनात किया गया है। वह अभी आईजी सीबीसीआईडी के पद पर तैनात हैं। 2005 बैच की अफसर आईजी विजिलेंस मंजिल सैनी को लखनऊ के साथ अयोध्या-प्रतापगढ़ मार्ग की ट्रैफिक व्यवस्था देखेंगी।
मेला में रविवार को भीड़ इस कदर उमड़ी कि पैदल चलना भी मुश्किल रहा। वहीं चौबीस घंटों से हाईवे से लेकर शहर तक सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हैं। पुलिस के आलाधिकारी तक स्थिति को नियंत्रित करने को सड़क पर उतर आए हैं। इसके बावजूद महाजाम से राहत नहीं मिल सकी है।
प्रयागराज को जोड़ने वाली वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, रीवा-चित्रकूट, कानपुर, प्रतापगढ़ व कौशाम्बी हाईवे पर 20 से 25 किमी तक लंबा जाम लगा है। प्रयागराज के इंट्री प्वांइट से ही हाईवे पर वाहनों का रेला देखने को मिल रहा है। भीषण जाम से प्रयागराज शहर के अंदर भी स्थिति बेकाबू हो गई है। जाम में चारपहिया से लेकर दोपहिया वाहन तक फंसे हैं। यहां तक कि लोगों को पैदल चलने तक की जगह नहीं मिल रही है।
मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र सहित कई प्रदेशों से आने वाली गाड़ियों को गौहनिया से करछना की तरफ डायवर्ट करने से रामपुर से करछना तक जाम लगा है। रीवा-प्रयागराज हाईवे और चित्रकूट हाईवे पर वाहनों के दबाव से जाम लगा है। वाहनों को करमा करछना मार्ग की ओर डायवर्ट कर घूरपुर होते हुए निकाला गया। गौहनिया से मध्य प्रदेश सीमा तक करीब 10 किमी वहीं बांदा राजमार्ग पर लंबा जाम लगा रहा।
प्रयागराज मिर्जापुर मार्ग पर रेमंड तिराहे से 12 किमी दूर कटका बैरियर तक जाम लगा रहा। साधुकुटी जारी मार्ग व पचदेवरा गौहनिया मार्ग पर दिनभर जाम से लोग जूझते रहे। नवाबगंज क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर पुलिस व अर्द्धसैनिक बल को लगाया गया है। शनिवार रात से ही दिल्ली, लखनऊ-रायबरेली- प्रयागराज राजमार्ग पर राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, बिहार, झारखंड समेत अन्य प्रदेशों से आने वाले वाहनों का तांता लगा है।
प्रयागराज शहर में भी जाम का झाम
प्रयागराज शहर के शास्त्री ब्रिज, नैनी नया पुल, प्रयागराज जंक्शन और नैनी व झूंसी रेलवे स्टेशन मार्ग, बालसन चौराहा, मेडिकल कॉलेज मार्ग, सीएमपी डिग्री कॉलेज मार्ग, बमरौली एयरपोर्ट मार्ग आदि प्रमुख जगह वाहनों का दबाव व श्रद्धालुओं की भीड़ कायम है। सबसे ज्यादा अलोपीबाग चुंगी में स्थिति दयनीय रही। मेला में लगातार श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए नो-व्हीकल जोन को जारी रखा गया है। मेला क्षेत्र से बाहर निर्धारित पार्किंग स्थलों में ही वाहनों को खड़ी कर श्रद्धालुओं को आने की सूचना प्रसारित की जा रही है।
पैदल चलना भी मुश्किल
शहर के अलोपीबाग चुंगी, शास्त्री ब्रिज, नैनी नया पुल, प्रयागराज जंक्शन और नैनी व झूंसी रेलवे स्टेशन मार्ग के अलावा बालसन चौराहा, मेडिकल कॉलेज मार्ग, सीएमपी डिग्री कॉलेज मार्ग, लेप्रोसी चौराहा, बांगड़ धर्मशाला, बैरहना चौराहे पर जाम के कारण पैदल निकलना मुश्किल हो रहा था। एंबुलेंस तक को नहीं मिला रास्ता भीषण जाम की वजह श्रद्धालु व शहरवासी ही नहीं, गंभीर मरीजों को भी परेशानी उठानी पड़ी। बांगड़ धर्मशाला के पास शनिवार की दोपहर जाम में एंबुलेंस घंटों फंसी रही।
महाकुंभ की भीड़ से कारोबार प्रभावित
महाकुंभ की भीड़ के कारण सड़कों पर जाम ने कारोबार प्रभावित कर दिया है। बाहर से आने वाले फलों के दामों में जहां उछाल आया है, वहीं सब्जियां मंडी तक नहीं पहुंच पाने से औने-पौने दाम में बेचने को किसान विवश हैं। वहीं, खाद्यान्न व्यापारियों के गोदाम खाली हो गए हैं। आपूर्ति बाधित होने से ईंट बिक्री ठप है। फूलपुर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के निदेशक एवं प्रगतिशील किसान उमेश पटेल बताते हैं कई सालों से बहादुरपुर ब्लॉक के कई गांवों की सब्जियां विदेशों में भेजी जा रही हैं। लेकिन ट्रांसपोर्टेशन बंद होने से बड़े स्तर पर किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उमेश पटेल ने बताया कि दिसंबर के दूसरे हफ्ते में दो बार में मात्र 25 क्विंटल गाजर ही दुबई भेजा जा सका। विदेशों में यहां के मटर की भी खूब डिमांड थी। रतौरा के राम अभिलाष ने टमाटर गाजर, कटियारी चकिया के शोभनाथ ने बैगन, दलापुर के शिव नारायण ने गोभी, करनपुर के मानसिंह ने बैगन, टमाटर, पालकी, करनपुर के सूबेदार, वंशीलाल और रमईपुर के रामचंद्र पटेल ने बड़े पैमाने पर मटर-गाजर की खेती की थी। जाम के कारण मंडी में सब्जियां नहीं पहुंच पा रही हैं।
ईंट भट्ठा संचालक पप्पू सिंह, सौरभ सिंह, ननकू यादव आदि ने बताया कि जाम का यह आलम है कि ईंट बिक्री ठप हो गई है। कोयले की गाड़ियां भट्ठे तक नहीं पहुंच पा रही हैं। मौसम अनुकूल था यदि समय पर कोयला मिलता तो उत्पादन में भी वृद्धि होती। इसी तरह किराना व्यापारी फतूहां के सतीश केसरवानी, हनुमानगंज के संजय केसरवानी, परशुराम केसरवानी, फूलचंद केसरवानी, झूंसी के राजू केसरवानी ने बताया कि शादियों का सीजन है। सामग्री खत्म हो रही है। जितना ऑर्डर दिया जाता है उसका आधा ही दुकानों पर पहुंच रहा है। होली भी निकट है व्यवसाय अब प्रभावित होने लगा है।