एलडीए की प्रबंध नगर योजना को नहीं मिली पर्यावरण विभाग की मंजूरी
एलडीए की बहु प्रतीक्षित प्रबंध नगर योजना को पर्यावरण विभाग से फिर मंजूरी नहीं मिली। राज्यस्तरीय कमेटी ने शिकायतें निपटाने के बाद अगली बैठक में प्रस्ताव रखने को कहा। 2077 एकड़ में प्रस्तावित इस योजना...
एलडीए की बहु प्रतीक्षित प्रबंध नगर योजना को एक बार फिर पर्यावरण विभाग से मंजूरी नहीं मिल पाई। राज्यस्तरीय कमेटी ने इस योजना से जुड़ी शिकायतें निपटाने के बाद फिर से अगली बैठक में प्रस्ताव रखने को कहा है। इससे योजना लटक गई है। अब प्राधिकरण को नए सिरे से इसके लिए आवेदन करना होगा। एलडीए की प्रबंध नगर योजना लम्बे समय से अटकी है। एक तो यहां किसानों के लिए मुआवजे की दरों पर फैसला नहीं हो पा रहा है। दूसरा पर्यावरण विभाग से इसे एन्वायरन्मेंट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा है। 14 अगस्त 2024 को राज्यस्तरीय पर्यावरण कमेटी की बैठक हुई थी। इसमें एलडीए की प्रबंध नगर योजना का भी प्रस्ताव रखा गया था, लेकिन अंत में इसे हटा दिया गया।
दरअसल, एलडीए की इस योजना को लेकर पर्यावरण विभाग को तमाम शिकायतें मिली हैं। इनमें कहा गया है कि एलडीए यहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा। जलाशयों को समाप्त करने की तैयारी है। योजना का विकास होने पर तमाम पेड़ों को काटा जाएगा। इसलिए शिकायतकर्ताओं ने कमेटी से एलडीए की इस योजना को क्लीयरेंस न देने का अनुरोध किया था। इसी वजह से कमेटी ने इसका प्रस्ताव हटा दिया। जनता की शिकायतों का प्राधिकरण स्तर पर निदान कराने का निर्देश दिया। इसी के साथ इसे अगली बैठक में रखने को कहा है।
2077 एकड़ में प्रस्तावित है एलडीए की प्रबंध नगर योजना
एलडीए की प्रबंधन नगर योजना सीतापुर रोड पर आईआईएम रोड के पास प्रस्तावित है। इसके लिए एलडीए ने 2077 एकड़ जमीन अधिग्रहित की है। हालांकि, किसानों ने अपनी जमीन का मुआवजा नहीं लिया है। इसी वजह से वे जमीन पर एलडीए को कब्जा भी नहीं करने दे रहे हैं। इस योजना के विकास के लिए एलडीए ने 4500 करोड़ रुपये के खर्च का प्रस्ताव बनाया है, लेकिन विवाद की वजह से यहां काम नहीं हो पा रहा है।
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