बाहुबली उदयभान करवरिया की रिहाई पर हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, हत्या में मिली थी उम्रकैद
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा विधायक विजमा यादव ने पति जवाहर यादव व तीन अन्य के हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की समय पूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा विधायक विजमा यादव ने पति जवाहर यादव व तीन अन्य के हत्या में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व विधायक उदयभान करवरिया की समय पूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने उदयभान करवरिया को नोटिस जारी करते हुए उनसे भी से याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता एवं न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने विजमा यादव की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता पीपी यादव व अधिवक्ता अभिषेक कुमार यादव को सुनकर दिया है।
सीनियर एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि याची के पति की प्रयागराज के सिविल लाइंस थानाक्षेत्र में 13 अगस्त 1996 को गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई। एके 47 से हुई अंधाधुंध फायरिंग में जवाहर पंडित सहित चार लोगों की मौत हुई थी और कुछ लोग घायल हुए थे। मारे गए जवाहर पंडित के भाई सुलाकी यादव ने घटना की एफआईआर दर्ज कराई थी। मामले की विवेचना सीबीसीआईडी को सौंपी गई। जिसने उदयभान करवरिया, उनके भाई कपिल मुनि करवरिया व सूरजभान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। ट्रायल कोर्ट ने करवरिया बंधुओं सहित चारों आरोपियों को हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में अपील फिलहाल लंबित है।
याचिका में कहा गया है कि इस दौरान उदयभान करवरिया को 20 बार पेरोल दिया गया। हाईकोर्ट ने नौ मई 2023 को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। राज्य सरकार ने केस वापस लेने की भी अर्जी दी थी। उसे भी अदालत ने खारिज कर दिया था। बाद में उदयभान करवरिया ने संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत राज्यपाल के समक्ष दया याचिका प्रस्तुत की, जिस पर राज्यपाल ने गत 19 जुलाई को उदयभान करवरिया की समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया।
इस आदेश के वैधता व संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। उदयभान करवरिया ने नैनी जेल में कुल आठ साल नौ माह 11 दिन की सजा काटी है। कहा गया है कि सरकारी आदेश के अनुसार 14 साल की सजा काटने के बाद समय पूर्व रिहाई की जा सकती है। याचिका में समय पूर्व रिहाई आदेश को रद्द किए जाने की मांग की गई है।
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