शुरू हुई पशुओं की ऑनलाइन डिजिटल गणना
देशभर में पशुओं की 21वीं गणना का कार्य एक सितंबर से शुरू हो गया है। पशुपालन विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर पशुओं की जानकारी जुटाएंगे और इसे मोबाइल एप पर फीड करेंगे। 2019 में 20वीं गणना के अनुसार जिले...
देशभर में पशुओं की 21 वीं गणना का कार्य एक सितंबर से शुरू हो गया है। इसके लिए पशुपालन विभाग के स्टाफ को ट्रेनिंग प्रदान की गई है, जो जिले के प्रत्येक घर में जाकर पशुओं की जानकारी जुटाएंगे। जब संपूर्ण जानकारी एकत्रित हो जाएगी, उसके बाद आवारा पशुओं यानि बेसहारा गोवंश व कुत्तों आदि की गणना का कार्य भी किया जाएगा। यह गणना मोबाइल एप के जरिए की जाएगी, जिसकी ट्रेनिंग पशुपालन विभाग अधिकारियों व कर्मचारियों को दे दी गई है। गणना के लिए 75 कर्मियों को जिले में ट्रेनिंग दी गई है। जिसमें शहर और देहात में अलग अलग डयूटी लगाई गई है। गांव में होने वाली गणना में 3 हजार परिवारों के लिए एक कर्मी जबकि शहर में 4 हजार परिवारों के लिए लगाया गया है। गांव में 15 हजार परिवारों तथा शहर में 40 हजार परिवारों पर एक सुपरवाइजर लगाया गया है। एक सिंतबर से घर-घर जाकर कर्मी डाटा एकत्र करने लगे हैं।
मोबाइल एप पर फीड होगा डाटा
पशु गणना करने के लिए विभाग के प्रशिक्षित कर्मचारी व अधिकारी लोगों के घर-घर जाएंगे व उनके यहां पाले जा रहे पशुओं की जानकारी जुटाएंगे। जो मोबाइल एप पर 16 प्रकार के अलग अलग कैटेगरी के पशु व पक्षियों की जानकारी जुटाकर डाटा फीड करेंगे और इसी डाटा के आधार पर गणना की जाएगी।
2019 की पशुओं की स्थिति
अब पशुओं की जो गणना की जा रही है, वह 21वीं गणना है। इससे पहले 20 वीं गणना 2019 में की गई थी। इसके अनुसार जिले में 3,89000 पशुधन था।
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