गीडा में रखरखाव शुल्क को लेकर उद्यमियों का विरोध
Gorakhpur News - गोरखपुर में गीडा बोर्ड बैठक में उद्यमियों ने औद्योगिक क्षेत्र में रख-रखाव शुल्क की तीन वर्षों में वृद्धि का विरोध किया। उनका कहना है कि बढ़ोतरी पांच वर्षों में होनी चाहिए। वर्तमान में प्रति वर्ग मीटर...

गोरखपुर, वरिष्ठ संवाददाता। गीडा बोर्ड बैठक में औद्योगिक क्षेत्र में रख-रखाव शुल्क का तीन वर्षों में वृद्धि के अनुमोदन का उद्यमियों ने विरोध किया है। उद्यमियों की मांग है कि यह बढ़ोतरी तीन के बजाए पांच साल में किया जाना चाहिए। इसके पहले गीडा प्रशासन के द्वारा रख-रखाव शुल्क को प्रत्येक वर्ष के लिए प्रावधान कर दिया गया था। इसका उद्यमियों के द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा था। उद्यमियों को वर्तमान में प्रति वर्ग मीटर 12 रुपये के हिसाब से रख-रखाव शुल्क देना होता है। ऐसे में उद्यमियों को 10000 रुपये से लेकर कई लाख रुपये तक का शुल्क देना होता है।
लघु उद्योग भारती के मंडल अध्यक्ष दीपक कारीवाल का कहना है कि रख-रखाव शुल्क की बढ़ोतरी पांच वर्षों में एक बार होनी चाहिए। गीडा बोर्ड में उद्यमियों को स्थान नहीं मिलने से बोर्ड में उनकी मांग को दरकिनार किया जा रहा है। वहीं चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज के महासचिव आकाश जालान का कहना है कि इसे लेकर चैंबर की तरफ से कुछ तय नहीं किया गया है। बैठक में चर्चा होगी। गीडा सीईओ अनुज मलिक का कहना है कि बोर्ड बैठक में रख-रखाव शुल्क प्रत्येक तीन साल पर बढ़ोतरी किए जाने की स्वीकृति हुई है। पिछले वर्ष रख-रखाव पर 5.63 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जबकि गीडा को इस मद में 5.13 करोड़ रुपये की आय हुई है।
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