बोले प्रयागराज : मरीजों की कतार, स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं हो पा रहा उपचार
Gangapar News - सैदाबाद के स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बेहद खराब है। चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी अक्सर गायब रहते हैं, जिससे ग्रामीणों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई...

सैदाबाद के बदहाल स्वास्थ्य केंद्र सैदाबाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित उपस्वास्थ्य केंद्र पर तैनात चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी गायब रहते हैं। चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के गायब रहने के कारण लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। ऐसा नहीं है कि शिकायतें नहीं होती लेकिन जिम्मेदार आला अधिकारी दोषी स्वास्थ्यकर्मियों पर कार्रवाई नहीं करते है। स्वास्थ्य केन्द्र पर एंटी रैबीज इंजेक्शन के नाम पर 20 से 50 रुपये मरीजों से वसूला जाता है, वह भी अधीक्षक की नाक के नीचे। ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए गांवों में सीएचओ की तैनाती की गई। कुछ तो कभी कभार केंद्र पर आते है लेकिन अक्सर गायब रहते है।
क्षेत्रीय लोगों द्वारा कई बार विरोध भी किया गया लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कुल मिलाकर सैदाबाद में स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल बेहाल है। यही वजह है कि भीषण गर्मी में मरीजों की निजी अस्पतालों में कतार है लेकिन सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाने से भी लोग कतरा रहे हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व उपकेंद्र बनाए गए है। सैदाबाद में थूलमा, मोतीहा, असढीया, मुगरसन में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के अतिरिक्त कई उपस्वास्थ्य केंद्र है। उपस्वास्थ्य केंद्र पर पर सीएचओ व एएनएम की तैनाती रहती है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र थूलमा में डॉ नरेंद्र सिंह, डा हर्ष पांडेय की तैनाती है। सुबह नौ बजे तक कोई भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद नहीं मिले। ग्रामीणों ने बताया कि यह अक्सर गायब रहते है। मोतिहा स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात जय प्रकाश एलटी, वार्ड बॉय दीपक शुक्ला व चौकीदार प्रवीण कुमार पटेल व डॉ प्रतिभा वर्मा की तैनाती है। सुबह दस बजे फॉर्मसिस्ट मनीष कुमार वर्मा ने ताला खोला। पूछने पर बताया कि अभी कोई नहीं आया है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां चिकित्सक नहीं रहते है जिससे इलाज नहीं हो पाता है। बताया कि डा प्रतिभा वर्मा कभी कभार आती है। लगभग सभी केंद्रों का यही हाल है। थूलमा स्वास्थ्य केंद्र परिसर में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। कमरे में लगी लगभग सभी खिड़कियां टूटी हुई है। परिसर में बड़ी बड़ी झाड़ उगी है। जाने पर ऐसा नहीं लगता कि यह स्वास्थ्य केंद्र है। सैदाबाद के बढ़ौली, बाहरपुर, आसेपुर, बीदा, गनेशीपुर,रसूलपुर, चका, मेलेथुआ,जलालपुर, अराकला, समोधीपुर गांव में आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनाए गए है। यहां पर तैनात सीएचओ प्राथमिक उपचार कर सकती है। गंभीर रूप से बीमार लोगों को संबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भेजा जा सकता ही। लेकिन शायद ही कोई सीएचओ स्वास्थ्य केंद्र पर मिले। सैदाबाद में बीते तीन साल से स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अनीता तिवारी की तैनाती है लेकिन अक्सर छुट्टी लेकर गायब रहती है। इनके गायब रहने से टीकारण, जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री गोल्डन कार्ड योजना, आयुष्मान कार्ड, आभा आईडी की मानटरींग नहीं हो पाती है। मामले में सैदाबाद सीएचसी अधीक्षक डॉ सौरभ रावत ने बताया कि 89 दिनों की छुट्टी पर है। गायब रहते हैं चिकित्सक और फार्मासिस्ट सैदाबाद में डा माधव बरनवाल, डॉ अंकित, डा प्रियंका सिंह, डा सरिता की तैनाती है। डा सरिता अपने चेंबर से गायब थी जबकि डा प्रियंका 11 बजे चली गई थीं। डा सरिता के बारे में कुछ स्वास्थ्यकर्मियों ने बताया कि वह एक दो घंटे के लिए आती है इसके बाद शहर स्थित अपने क्लीनिक पर मरीजों को देखती है। तैनात चिकित्सकों में कोई सर्जन नहीं है। सीएचसी पर तैनात फॉर्मसिस्ट एसपी सिंह, गुरुदेव सिंह, रामसिंह अक्सर गायब रहते है। बोले जिम्मेदार स्वास्थ्य केंद्रों की समस्याओं पर स्थानीय स्तर पर संबंधित अधिकारियों से जांच कराऊंगा। जांच में पाए गए दोषियों के ऊपर कार्रवाई होगी। आम जन को स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर ढंग से मिलनी ही चाहिए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। डॉ वीके सिंह, अध्यक्ष, जिला पंचायत गर्मी का मौसम है, इसके चलते बीमारियां बढ़ रही है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मरीजों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं किया जाना चाहिए। मै खुद अपने स्तर पर मामले को देखूंगा। सक्षम अधिकारियों से शिकायत करने के साथ समाधान का प्रयास करूंगा। -राजेंद्र सिंह पटेल, ब्लॉक प्रमुख, सैदाबाद ------------------- हमारी भी सुनें नियंत्रण ना होने की वजह से सारी समस्याएं हो रही हैं। कर्मचारी व अधिकारी मनमाना है। पूर्व मंत्री राकेशधर त्रिपाठी के समय इस तरह की समस्या नहीं थी। सबकुछ दुरुस्त था। -प्रमोद त्रिपाठी, पूर्व ब्लॉक प्रमुख, सैदाबाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के तमाम आदेशों के बाद भी चिकित्साधीक्षक मरीजों के उपचार पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि मरीजों को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। -उन्मुक्त त्रिपाठी, समाजसेवी सीएचसी सैदाबाद पर मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है। बुखार आने पर टैबलेट देकर घर भेज दिया जाता है। मजबूरी में वे लोग जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। -आकाश भारतीय, ग्रामीण शासन की मंशा है कि मरीजों को समय पर सही उपचार मिल सके। लेकिन समय पर अस्पताल में डाक्टर न आने के कारण। मरीजों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। सैदाबाद सीएचसी पर समय से डॉक्टरों के न बैठेने के कारण मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। -गोल्डी शुक्ला, अधिवक्ता जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा रहा है। आवश्यक दवाएं समय पर नहीं मिल पाती है। इससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन यह देखने वाला कोई नहीं है। -राकेश प्रजापति ग्रामीण बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था देश में गंभीर समस्या है। सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव, डॉक्टरों की कमी और दवाओं की अनुपलब्धता से मरीज परेशान हैं। आपातकालीन सेवाएँ भी असमर्थ दिखती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति और विकट है। सरकार को स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हेतु ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। -आचार्य राघवेंद्र लोगो की मूलभुत आवश्यकताओं में स्वास्थ्य एक है। गांव में बनाए गए स्वास्थ्य केंद्र शोपीस साबित हो रहे हैं। शासन और स्वास्थ्य विभाग को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि लोगों को सुविधाएं मिल सकें। -संजय यादव, समाजसेवी गांवों में झोलाछाप डॉक्टर मनमाना फीस ग्रामीणों से वसूल रहे है। स्वास्थ्य विभाग यदि लापरवाह है तो लापरवाह जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। -सर्वेश पाण्डेय, प्रबन्धक
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