Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Former SP MLA Irfan Solanki gets relief from High Court gets bail in extortion case, but will remain in jail

पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को हाईकोर्ट से राहत, रंगदारी में मिली जमानत, लेकिन जेल में ही रहेंगे

समाजवादी पार्टी के विधायक रहे इरफान सोलंकी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से सोमवार को बड़ी राहत मिल गई है। रंगदारी के मामले में इरफान को जमानत मिल गई है। हालांकि गैंगस्टर समेत दो मामलों में जमानत पेंडिंग होने से अभी जेल में ही रहेंगे।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानMon, 10 March 2025 08:17 PM
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पूर्व सपा विधायक इरफान सोलंकी को हाईकोर्ट से राहत, रंगदारी में मिली जमानत, लेकिन जेल में ही रहेंगे

कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक रहे इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को सोमवार को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। रंगदारी के मामले में दोनों भाइयों को हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने इस मामले में जजमेंट रिजर्व करने के बाद फैसला सुनाया है। दोनों भाई दो साल से जेल में हैं। हालांकि इस जमानत के बाद भी जेल से नहीं निकल पाएंगे। रिजवान सोलंकी के खिलाफ अभी गैंगस्टर के मुकदमे में जमानत नहीं हुई है और इरफान सोलंकी की गैंगस्टर के साथ ही फर्जी आधार कार्ड पर ट्रैवल करने वाले मामले में जमानत पेंडिंग है।

सोलंकी बंधुओं के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अकील अहमद खान ने 6 दिसंबर 2022 को कानपुर नगर के जाजमऊ थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि इरफान और उसके भाई ने उसे 5 दिसंबर को अपने घर पर बुलाकर धमकाया था और 10 लाख रुपये की मांग की थी। साथ ही भविष्य में किसी भी जमीन के कारोबार में दस प्रतिशत हिस्सा रंगदारी के तौर पर देने की मांग की थी। ऐसा नहीं करने पर परिवार सहित जान से मार देने की धमकी दी थी।

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याची का पक्ष रख रहे अधिवक्ता इमरानुल्लाह और विनीत का कहना था कि याची के खिलाफ लगाए गए आरोपों का कोई साक्ष्य नहीं है। रुपये का लेनदेन नहीं हुआ है इसलिए रंगदारी मांगने का आरोप साबित नहीं होता है। वादी मुकदमा याची के खिलाफ दर्ज आगजनी के मुकदमे में गवाह है इसलिए विद्वेष के कारण फर्जी मुकदमा दर्ज़ कराया गया है। याचीगण दो वर्ष से अधिक समय से इस मामले में जेल में बंद हैं।

सरकारी अधिवक्ता ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि याचीगण का लंबा आपराधिक इतिहास है। रंगदारी के मामले में रुपयों का लेनदेन साबित करना जरूरी नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की जिरह सुनने के बाद ज़मानत अर्जी मंजूर कर ली है। हालांकि सोलंकी बंधुओं के खिलाफ गैंगस्टर सहित कई अन्य मुकदमे दर्ज हैं जिनमें अभी उनको जमानत नहीं मिली है।

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