किराएदार की बड़ी बेटी से रेप, छोटी से छेड़खानी, पिता को भी मार डाला, कोर्ट ने पूर्व भाजपा नेता को दी उम्रकैद
यूपी के महाराजगंज में किराएदार की बड़ी बेटी से रेप, छोटी से छेड़खानी और विरोध पर पिता की पिटाई से मौत के मामले में भाजपा नेता को उम्रकैद की सजा सुनाई है। मामले को मैनेज करने की कोशिश करने वाले सिपाही और एक सहयोगी को भी चार-चार साल की सजा हुई है।

यूपी के महाराजगंज में हत्या, दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले में विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो एक्ट विनय कुमार सिंह ने पूर्व भाजपा नेता राही मासूम रजा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 2 लाख 5 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है। इसी मामले में शामिल सिपाही आबिद अली और एक अन्य सहयोगी गुड्डू उर्फ मुमताज शाह को चार-चार साल की सजा सुनाई गई है। इन पर तीन-तीन हजार रुपये का अर्थदंड लगाया गया है। सिपाही आबिद अली और सहयोगी गुड्डू पर मामला मैनेज कराने के आरोप में कार्रवाई हुई थी। तीनों को जेल भेज दिया गया। राही मासूम रजा वारदात के समय भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष थे। वारदात के बाद उन्हें पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था।
पत्रावली के मुताबिक संतकबीरनगर जिले के मेंहदावल थाना क्षेत्र निवासी दुकानदार अपनी चार बेटियों और आठ वर्षीय बेटे के साथ शहर के एक वार्ड में पूर्व भाजपा नेता मासूम रजा राही के घर में किराये पर रहता था। आरोप है कि फुटपाथ पर पानी-पकौड़ा की दुकान लगाने वाले दुकानदार की बड़ी बेटी के साथ बीते 28 अगस्त को भाजपा नेता ने दुष्कर्म किया। वहीं छोटी बेटी के साथ भी लगातार छेड़खानी कर रहा था।
पीड़ित व्यापारी ने जब इस कृत्य का विरोध किया तो आरोपित ने उसकी पिटाई कर दी। इससे उसकी तबियत बिगड़ गई। शहर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान 31 अगस्त को उसकी मौत हो गई। तत्कालीन सीओ अजय सिंह चौहान की जांच-पड़ताल के बाद पांच सितंबर को मृतक की बड़ी बेटी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपित भाजपा नेता के विरुद्ध हत्या, दुष्कर्म, छेड़छाड़, एससी-एसटी व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
60 दिनों के अंदर हुई थी विवेचना
यह केस पांच सितंबर 2023 को दर्ज हुआ। तत्कालीन सीओ सदर अजय सिंह चौहान ने 59 दिन में विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक विनोद सिंह ने 11 साक्ष्यों का परीक्षण कराया। 18 दस्तावेज पेश किए गए। विशेष लोक अभियोजक ने इस मामले में न्यायालय से कड़ी सजा की मांग की। विशेष न्यायाधीश अनन्य न्यायालय पॉक्सो एक्ट विनय कुमार सिंह ने पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों व सबूतों के आधार पर सजा सुनाई।