आरोप, बारिश में भी हो गया मनरेगा में काम
मंगलवार को अखिल भारतीय किसान यूनियन ने धरना स्थल पर बैठक की। अतिवृष्टि के बावजूद मनरेगा में कागज पर काम दिखाने का आरोप लगाया गया। किसानों ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर जांच की मांग की। एटा में लगातार...
मंगलवार को अखिल भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले धरना स्थल पर बैठक की गई। बैठक में अतिवृष्टि में भी मनरेगा की ओर से काम कराया है। यह काम कैसे हो गए। जबकि इन तीन दिनों में बारिश बंद ही नहीं हुई थी। अधिकारियों से मांग की गई कि जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा है कि एटा सहित प्रदेश में 11, 12 सितंबर लगातार बारिश होती रही। इन दिनों में कई मकान गिर गए। फसलों में किसानों का नुकसान होने से किसान बर्बाद हो गए हैं। अधिकारी / कर्मचारी जबरदस्त अतिवृष्टि में भी दस हजार से अधिक मनरेगा मजदूरों को कागज में रोजगार युक्त दिखाया गया है। आरोप लगाया है कि यह तो केवल उदाहरण स्वरूप प्रस्तुत किया गया है विभागीय अधिकारी कर्मचारी मिलकर करोड़ों रुपए का बजट यूंही डकार रहे हैं। ज्ञापन में एटा से दिल्ली को शटल रेल चलाई जाए।
देश की सभी एक्सप्रेस गाड़ियों में कम से कम एक दर्जन सामान्य बोगियों को लगाया जाए ताकि गरीब आदमी भी आराम से यात्रा कर सके। एटा से मालाबन रेल लाइन को मैनपुरी तक जोड़ा जाए। रेलवे के अंडर पास में पानी भरने से रास्ता बंद होने पर जनता को बहुत परेशानी होती है। बरसात के समय में तत्काल पानी निकलवाने की व्यवस्था की जाए। राष्ट्रीय महासचिव तेज सिंह वर्मा, सुरेन्द्र शास्त्री, प्रदेश प्रभारी राजेश शीतलपुर, प्रदेश महासचिव रघुवीर सिंह, जिलाध्यक्ष पिंकी भैया, जिला महासचिव रामनरेश सिंह - शिवशंकर फोजी, जिला उपाध्यक्ष रबी चौधरी, सोनू भाई, हरिवंश राजपूत, सुरेन्द्र लोधी सहित आदि लोग उपस्थित रहे।
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