Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़director arrived at aiims gorakhpur mess and canteen without informing was shocked to see the condition

एम्स के मेस और कैंटीन में बिना बताए पहुंचे निदेशक, हालत देख हैरान रह गए

  • बिना बताए अकेले पहुंचने पर उन्होंने मेस के खाने की जांच की। उन्‍हें वहां हर कदम पर खामियां मिलीं। कमियों को देखकर उन्होंने हैरानी जताई। उन्होंने मेस संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही पांच सदस्यीय कमेटी को रिपोर्ट तैयार कर जुर्माना लगाने की बात कही है।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, संवाददाता, गोरखपुरTue, 14 Jan 2025 07:17 AM
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AIIMS Gorakhpur mess: एम्स के मेस में खाने की गुणवत्ता सुधर नहीं रही है। छात्रों की ओर से मिल रही शिकायतों की जांच के लिए सोमवार की सुबह एम्स के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह मेस और कैंटीन का जांच करने पहुंच गए। बिना बताए अकेले पहुंचने पर उन्होंने मेस के खाने की जांच की, जहां पर उन्हें हर कदम पर खामियां मिलीं। कमियों को देखकर उन्होंने हैरानी जताई। उन्होंने मेस संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। साथ ही पांच सदस्यीय कमेटी को रिपोर्ट तैयार कर जुर्माना लगाने की बात कही है। वहीं कैंटीन में मिली शिकायतों पर इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को निर्माण से संबंधित कमियों को दूर कराने के निर्देश दिए हैं।

मीडियाकर्मियों से बातचीत में निदेशक ने बताया कि निरीक्षण में गंभीर कमियां पकड़ में आई हैं, जो एम्स जैसे चिकित्सा शिक्षा संस्थान के छात्रों के लिए ठीक नहीं हैं। इस पर मेस संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी कर पांच दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है। साथ ही इसी तिथि के अंदर लाइसेंस लेने को कहा गया है। बताया कि मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई गई है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर अनुबंध की शर्तों के अनुसार जुर्माना जैसी कार्रवाई की जाएगी।

60 से अधिक छात्र हुए थे फूड प्वाइजनिंग के शिकारपिछले सप्ताह मंगलवार को एम्स के छात्र व नर्सिंग कॉलेज के हॉस्टल में रहने वाले 60 से अधिक छात्रों को फूड प्वाइजनिंग हो गई थी। जांच में पता चला कि इनमें से करीब 30 लोगों ने चिकन बिरयानी खाई थी। फूड प्वाइजनिंग के चलते 19 छात्रों की स्थिति खराब हो गई थी।

उन्हें एम्स के इमरजेंसी में भर्ती कराना पड़ा था। जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनी थी। कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद सोमवार की सुबह कार्यकारी निदेशक सीधे एम्स के मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में बने किचन में पहुंचे। वहां काफी गंदगी दिखी। खाने की गुणवत्ता ठीक नहीं मिली।

पंजीकरण क्यों नहीं हुआ, जवाब मांगा गया

कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने बताया कि मेस संचालन के लिए नई एजेंसी का चयन किया गया है। एजेंसी के पास राष्ट्रीय स्तर का पंजीकरण तो है, लेकिन स्थानीय स्तर पर पंजीकरण क्यों नहीं कराया गया, इसे लेकर जिम्मेदारों से सवाल पूछे गए हैं। इसके अलावा पुष्पा कैंटीन की जांच में भी कमियां मिली है। इस पर एम्स के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को भी निर्देश दिए गए हैं कि परिसर में जलनिकासी समेत निर्माण से संबंधित अन्य कमियों को तत्काल दूर कराएं। इसके बाद मेस से संबंधित मेंटेनेंस की जिम्मेदारी मेस संचालन करने वाली एजेंसी को दें। इसके बाद अगर मेस और कैंटीन में गंदगी मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।

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