Notification Icon
Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़देवरियाFarmers Struggle as Unseasonal Rainfall Disrupts Rice Crop in Deoria

उड़ जा रहे बादल, सूख रहा धान, किसान परेशान

देवरिया में किसानों को बारिश की कमी से धान की फसल सूखने का सामना करना पड़ रहा है। जून और अगस्त में औसत से कम बारिश हुई, जिससे फसलों की वृद्धि रुकी है। जून में 13.32% और अगस्त में 35.4% बारिश हुई। इससे...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवरियाWed, 18 Sep 2024 08:43 PM
share Share

देवरिया, निज संवाददाता। कुछ दिनों से रोज आसमान में बादल लगने के बाद उड़ जा रहे हैं। इससे धान की फसल सूख रहा है और किसान इसे बचाने को परेशान हैं। इस साल मौसम ने दगा दे दिया है। जून, अगस्त महीने में औसत से कम बरसात हुई है। जून में 13.32 तथा अगस्त में औसत के सापेक्ष महज 35.4 फीसदी बरसात हुई है। बरसात नहीं होने से धान सहित खरीफ की अन्य फसलें सूखने लगी हैं और उसका बढ़वार रूक सा गया है।

इस साल खरीफ सीजन के शुरूआत से ही मौसम दगा दे रहा है। किसानों ने पंपसेट से पानी चलाकर धान की नर्सरी तैयार की। जून महीने में तपती धूप और भीषण गर्मी में किसानों ने 12 से 14 बार सिंचाई कर नर्सरी तैयार की। किसानों को उम्मीद थी कि मानसून आने पर बरसात शुरू होगी। लेकिन पूरा जून महीना सूखा ही रहा। इससे किसानों को पंपसेट व नहरों के पानी से धान की रोपाई करनी पड़ी। उन्हे उम्मीद थी कि मानसून आने के बाद बरसात होने पर धान की फसल अच्छी होगी।

काफी इंतजार के बाद 30 जून को मानसून ने दस्तक दिया। इसके बाद 11 जुलाई तक रूक-रूक कर बरसात होती रही। मानसून के दस्तक देने वाले जून में महज 13.32 फीसदी बरसात हुई। हालांकि जुलाई में सामान्य के सापेक्ष 82.02 फीसदी बरसात होने से फसलों को कुछ राहत मिली। लेकिन अगस्त महीना किसानों को दगा देने वाला साबित हुआ। इस महीने में हर रोज आसमान में बादल उमड़ते-घुमड़ते रहे, लेकिन छिटपुट ही बरसात हुई।

कृषि विभाग के आंकड़े के अनुसार इस महीने 35.04 फीसदी ही बरसात हुआ है। बरसात कम होने से खरीफ की मुख्य फसल धान समेत अन्य फसलों में खरपतवार काफी बढ़ गया। पिछले कुछ दिनों से आये दिन सुबह और शाम को आसमान में बादल छा रहा है, लेकिन कुछ देर बाद ही उड़ जा रहा है। कभी-कभी बूंदाबांदी तक ही सिमट जा रहा है। मौसम के दगा देने और बरसात हुए दो महीने से अधिक समय होने पर किसानों को खरीफ में लगी अपनी पूंजी डूबती नजर आ रही है।

जून, जुलाई और अगस्त में कितनी हुई बरसात

मुख्य रूप से जून से लेकर अगस्त तक बरसात का सीजन माना जाता है। इस साल जिले में जून महीने में 159.10 एमएम की जगह मात्र 21.20 एमएम, जुलाई माह में 308.20 एमएम की जगह 252.80 एमएम तथा अगस्त महीने में 299.20 एमएम की लगह मात्र 105.80 एमएम बरसात हुई है। तीन महीने में एक भी माह में औसत वास्तविक बरसात नहीं होने से फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें