महाकुंभ का विरोध करने वालों से हमारा अर्थशास्त्र बेहतर, सीएम योगी का अखिलेश यादव पर पलटवार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को महाकुंभ को लेकर अखिलेश यादव पर पलटवार किया। महाकुंभ से कारोबारियों को नुकसान के आरोप पर सीएम योगी ने कहा कि हमारा अर्थशास्त्र महाकुंभ का विरोध करने वालों से बेहतर है।
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महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। सीएम योगी ने सोमवार को अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि हमारा अर्थशास्त्र महाकुंभ का विरोध करने वालों की अपेक्षा बेहतर है। सीएम योगी महाराष्ट्र से आये युवा उद्यमियों से संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उद्यमियों से पूछा कि अगर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 7500 करोड़ रुपये खर्च किए जाने से अर्थव्यवस्था में तीन से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपयों की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है तो कौन सा सौदा सही है?
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उस आरोप के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा कि कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है। अखिलेश ने कहा कि धार्मिक आयोजन मुनाफा के लिए नहीं होता है। हमारे मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि दो लाख करोड़ का व्यापार होगा। असलियत यह है कि हमारे व्यापारी बर्बाद हो रहे हैं। वहां दुकान लगाने वाले व्यापारी घाटे में जा रहे हैं। जिन लोगों ने दुकानें लीं उनका सामान नहीं बिका, उनको बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है।
सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में डुबकी लगाने वालों की संख्या अगर 60 करोड़ तक पहुंचती है तो उत्तर प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में सवा तीन से साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि अयोध्या, प्रयागराज, काशी, चित्रकूट, गोरखपुर, नैमिषारण्य में बेहतरीन अवसंरचना है। अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम के दौरान यह लोग विरोध कर रहे थे, लेकिन जब सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति से निर्णय लिया तो परिणाम सामने है। एक वर्ष में श्रीराम जन्म भूमि मंदिर में 700 करोड़ का चढ़ावा आया। इन लोगों (विपक्ष) को अब यह भी बुरा लगेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने मान लिया था कि आस्था में ताकत नहीं है, लिहाजा दुष्परिणाम भुगतना पड़ा। गुलामी के कालखंड में यह बात मन में डाली गई कि भारतीय को कमतर करके आंकों, उसे महत्वहीन कर दो। प्रधानमंत्री मोदी जी ने पहली बार भारतवासियों को अहसास कराया कि देश से जुड़े जीवन मूल्यों, आस्था तथा उत्पाद को महत्व देकर हम स्वयं की महत्ता को बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि दूसरों की उपलब्धियों के बजाय पूर्वजों की विरासत पर गौरव की अनुभूति करेंगे तो दुनिया को बहुत कुछ दे पाएंगे। आज प्रयागराज वही कर रहा है। प्रयागराज, काशी तथा अयोध्या ने अपनी क्षमता को उजागर किया। अनेक लोगों को रोजगार मिला तो कइयों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिली।
सीएम योगी ने कहा कि महाकुंभ में अब तक 53 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। अगले नौ दिन तक यह उत्सव इसी रूप में जारी रहेगा। यही भारत की क्षमता है। भारत की आस्था को यदि सम्मान दिया गया होता तो भारत और भी ऊंचाइयों पर होता। उन्होंने कहा कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देकर किस तरह देश की एकता और आर्थिकी को प्रोत्साहित किया जा सकता है, यह प्रयागराज महाकुंभ के अवसर पर सहज ही अनुभव किया जा सकता है।
युवा भारत संस्था के तत्वावधान में आयोजित इस संवाद कार्यक्रम में मुंबई के औद्योगिक घरानों से जुड़े उद्यमी भी शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 25 करोड़ लोग रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्ष के अंदर पहली बार देश की आस्था को सम्मान प्राप्त हुआ है।