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सिगरेट के छल्ले उड़ाने वालों ने रोक दी एक दर्जन ट्रेनों की रफ्तार, फायर अलार्म और अफरातफरी

  • सिगरेट के धुएं से निकलने वाले छल्लों ने बीते एक साल में 1 दर्जन से अधिक ट्रेनों की रफ्तार रोक दी। स्मोक सेंसर रेक (एलएचबी) वाली ट्रेनें सिगरेट के छल्लों से बेवजह 15 से 25 मिनट तक खड़ी रहीं। बस्ती से लेकर, पनियहवा और छपरा स्टेशन तक ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, गोरखपुर। आशीष श्रीवास्‍तवWed, 18 Sep 2024 12:18 AM
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सिगरेट सिर्फ सेहत के लिए ही हानिकारक नहीं है, इसके धुएं से निकलने वाले छल्लों ने बीते एक साल में एक दर्जन से अधिक ट्रेनों की रफ्तार रोक दी। स्मोक सेंसर रेक (एलएचबी) वाली ट्रेनें सिगरेट के छल्लों से बेवजह 15 से 25 मिनट तक खड़ी रहीं। बस्ती से लेकर, पनियहवा और छपरा स्टेशन तक ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इसका सबसे जीवंत उदाहरण बस्ती स्टेशन का है। गोरखपुर से दिल्ली के रास्ते बठिंडा जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस बस्ती से निकली ही थी कि अचानक ट्रेन रुक गई। थ्री टियर एसी कोच बी-5 में अचानक फायर अलार्म बजने से अफरातफरी मच गई।

कोच के अंदर बैठे यात्री बाहर भागने लगे। रेलवे ने बताया कि फायर अलार्म किसी यात्री के सिगरेट पीने के कारण बजा था। यात्री टॉयलेट के पास सिगरेट पी रहा था, जिसके धुएं से सेंसर एक्टिव हो गया और ट्रेन खड़ी हो गई। इस मामले में ट्रेन के गार्ड की तहरीर पर आरपीएफ बस्ती ने धूम्रपान करने के आरोप में यात्री के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज किया था। एक साल में ऐसी एक दर्जन घटनाएं हो चुकी हैं।

पेंट्रीकार में कार्बन की मात्रा अधिक तो भी बजता है अलार्म

पेंट्रीकार में कार्बन की मात्रा सामान्य से अधिक होने पर अलार्म बजने लगता है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रथम चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के 297 यात्री बोगियों में फायर एंड स्मोक डिटेक्शन सिस्टम और 30 पेंट्रीकार और 53 पॉवर कार में फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम लगाए गए हैं। पेंट्रीकार और पावर कार में लगने वाले फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम में दो 80-80 लीटर क्षमता के वाटर टैंक लगाए गए हैं। 200 लीटर क्षमता का नाइट्रोजन टैंक भी मौजूद है। इससे रेलकर्मी विषम परिस्थिति में भी रेलकर्मी 200 बार के प्रेशर से आग पर पानी और नाइट्रोजन की बौछार कर आग पर काबू पा लेंगे।

क्‍या बोले सीपीआरओ

सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने कहा कि ट्रेन में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलना या धूमपान करना पूर्ण रुप से प्रतिबंधित है। धूमपान से ट्रेन में लगा फायर अलार्म बजने लगता है। हमारी टीम लगातार यात्रियों को जागरूक कर रही है कि ट्रेन में धूम्रपान न करें।

एलएचबी बोगियों में लगाए गए हैं सेंसर

एलएचबी बोगियों में बीड़ी-सिगरेट, लाइटर या माचिस का प्रयोग करने पर अलार्म बज आता है। दरअसल, सेंसर धुएं की पहचान करता है और खुद एक्टिव हो जाता है। अलार्म सक्रिय होता है और फिर वैक्यूम के जरिए ट्रेन खड़ी हो जाती है।

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