VIDEO: मंत्रियों संग बच्चों की तरह जलक्रीड़ा करते दिखे योगी, महाकुंभ स्नान में CM का अलग ही रूप
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने मंत्रियों के साथ महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक की। इसके बाद पूरे मंत्रिमंडल के साथ क्रूज से संगम स्नान के लिए पहुंचे। यहां पर संगम स्नान के दौरान मंत्रियों के साथ बच्चों की तरह जलक्रीड़ा करते योगी का अलग ही रूप दिखाई दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने मंत्रियों के साथ महाकुंभ में कैबिनेट की बैठक की। इसके बाद पूरे मंत्रिमंडल के साथ क्रूज से संगम स्नान के लिए पहुंचे। यहां पर संगम स्नान के दौरान मंत्रियों के साथ बच्चों की तरह जलक्रीड़ा करते योगी का अलग ही रूप दिखाई दिया। पानी में खड़े होकर ही भगवान सूर्य को अध्य भी दिया गया। स्नान के बाद मां गंगा का विधिवत पूजन अर्चन हुआ। इस दौरान गंगा की आरती के साथ ही सीएम योगी ने आचमन भी किया।
सबसे पहले सीएम योगी ने प्रदेश के नीतिगत मामलों पर चर्चा के लिए अरैल के त्रिवेणी संकुल में मंत्रिमंडल की बैठक की। इसमें एक दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों को मंजूरी देने के बाद सीएम योगी ने खुद फैसलों की जानकारी मीडिया को दी। इसके बाद सभी मंत्रियों के साथ संगम स्नान के लिए क्रूज से रवाना हुए। मिनी क्रूज से संगम गए और हंसी मजाक के वातावरण में संगम में डुबकी लगाई। स्नान के दौरान हंसी मजाक और उत्साह का माहौल देखते ही बना।
मुख्यमंत्री प्रफुल्लित नजर आये और सभी साथियों के संग जल क्रीड़ा भी की। उन्होंने इस अवसर पर फोटोग्राफरों को भी निराश नहीं किया और उनके कहने पर विभन्नि कोणों से फोटो भी खिंचवाई। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के स्नान के दौरान घाट पर वैदिक मंत्रोच्चार वातावरण में भक्तिरस का समागम कर रहा था।
क्रूज के किनारे वह अपने साथियों के साथ संगम क्षेत्र का नजारा निहारते रहे और क्रूज के चारों ओर स्टीमर पर सुरक्षकर्मी तैनात थे। आसपास मंडरा रहे साइबेरियाई पक्षियों को दाना भी खिलाया। इस दौरान दोनों उप मुख्यमंत्रियों केशव प्रसाद मौर्य, ब्रृजेश पाठक के साथ ही तीनों सहयोगी दलों के नेता ओपी राजभर, संजय निषाद और रालोद के अनिल कुमार मौजूद रहे।
लोक कल्याण की कामना
त्रिवेणी माधवंसोमं भरद्वाज च वासुकिम्, वन्देSक्षयवटं शेषं प्रयागं तीर्थनायकम्। योगी आदित्यनाथ ने इसी मंत्र के साथ बुधवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी के संगम में पावन डुबकी लगाकर समूचे विश्व के कल्याण की कामना की। मुख्यमंत्री ने संगम स्नान को भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह स्नान आत्मिक शांति, धार्मिक समर्पण और समाज कल्याण का संदेश देता है। त्रिवेणी संगम का स्नान केवल व्यक्तिगत शुद्धि नहीं, बल्कि समग्र लोक कल्याण का आह्वान है।
कहा कि महाकुम्भ 2025 के इस दिव्य आयोजन में दुनिया भर से करोड़ों श्रद्धालु आ रहे हैं और संगम में पावन डुबकी लगा रहे हैं. यह स्नान धर्म, संस्कृति और आस्था का संदेश देता है। यह न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि लोक कल्याण और आत्मशुद्धि का पवित्र आह्वान भी है। महाकुम्भ भारतीय संस्कृति की दिव्यता और सार्वभौमिकता का प्रतीक है। संगम स्नान से जनमानस को यह संदेश मिलता है कि धर्म और संस्कृति की शक्ति से जीवन में शुद्धता और समृद्धि लाई जा सकती है।
महाकुम्भ और सनातन संस्कृति का वैश्विक संदेश
यत्र गङ्गा च यमुना, सरस्वती च पुण्यदा, स्नानेन तत्र तीर्थे, मोक्षः स्यात् सुखमात्मनः। अर्थात जहां गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम होता है, वहां स्नान करने से आत्मा को मोक्ष और शांति मिलती है। समस्त मंत्रिमंडल ने इसी आध्यात्मिक अनुभूति के साथ त्रिवेणी संगम में स्नान कर पूरी दुनिया को संदेश दिया। यह न केवल आस्था और विश्वास का प्रतीक बना, बल्कि जनमानस को आध्यात्मिक ऊर्जा और प्रेरणा प्रदान करने का भी अवसर बनकर सामने आया। यह आयोजन सनातन धर्म के मूल्यों को स्थापित करते हुए समाज में शांति, समृद्धि और समर्पण का संदेश देता है। इस आयोजन के माध्यम से न सिर्फ धार्मिक परंपरा के पालन का, बल्कि लोककल्याण और विश्वशांति का भी संदेश दिया गया।
दूसरी बार मंत्रिमंडल का संगम स्नान
योगी सरकार में यह दूसरा अवसर है, जब पूरे मंत्रिमंडल ने एक साथ कुम्भ के सुअवसर पर संगम स्नान किया है। इससे पूर्व 2019 में भी तीर्थराज प्रयागराज में आयोजित कुम्भ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ संगम में आस्था की डुबकी लगाई थी। तब मुख्यमंत्री और समस्त मंत्रिमंडल के साथ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि और अन्य साधु संतों ने भी संगम की धारा में पवित्र स्नान किया था।
मंत्रिमंडल की बैठक भी हुई संपन्न
इससे पूर्व, योगी सरकार ने महाकुम्भ में कैबिनेट बैठक का भी आयोजन किया। बैठक में यूपी सरकार के सभी 54 मंत्रियों को बुलाया गया। यह बैठक अरैल के त्रिवेणी संकुल में आयोजित की गई। संगम में स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधा न हो, इसके लिए अरैल में बैठक करने का फैसला लिया गया। पहले ये बैठक मेला प्राधिकरण के सभागार में होनी थी, लेकिन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बाद में बैठक का स्थान बदल दिया गया, क्योंकि अगर मेला प्राधिकरण के सभागार में मंत्रियों की बैठक की जाती है तो वीआईपी सुरक्षा के चलते श्रद्धालुओं को दिक्कत हो सकती थी।
योगी कैबिनेट से पहले डीजीपी प्रशांत कुमार ने लगाई संगम में डुबकी
योगी कैबिनेट से पहले उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने गंगा-यमुना और सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई। इसके बाद उन्होंने भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही मां गंगा की पूजा आराधना की। दर्शन करने के बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ भ्रमण कर मेले में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उनका ज्यादातर जोर जल पुलिस और डूबने से बचाने वालों और महाकुंभ में आग से बचाव और इसके प्रति जागरूकता पर रहा।