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यूपी उपचुनाव में लोकसभा का बदला चुकाने की जुगत में BJP, उतारी जातीय क्षत्रपों की फौज; प्‍लान तैयार

  • भाजपा अब स्थितियों से सबक लेकर सधे अंदाज में कदम बढ़ा रही है। पूरा फोकस सामाजिक समीकरण साधने और प्रखर हिन्दुत्व के एजेंडे पर है। दलितों को साधने के लिए अलग योजना बनाई गई है। पार्टी से जुड़े दलित नेता अनुसूचित वर्ग की बस्तियों में ही डेरा डालेंगे।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, लखनऊ। विशेष संवाददाताSat, 26 Oct 2024 06:21 AM
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BJP in UP By-Election: उत्‍तर प्रदेश की उपचुनाव वाली नौ सीटों पर सियासी बिसात बिछ चुकी है। भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रमुख प्रतिद्वंदी सपा से लोकसभा चुनाव का बदला चुकाने की जुगत में है। पार्टी की कोशिश लोकसभा चुनाव में बिखरे अपने जातीय गुलदस्ते को फिर सजाने की है। टिकट वितरण के साथ इसकी शुरुआत कर दी गई है। वहीं चुनाव प्रचार को लेकर भी पार्टी ने खास रणनीति तय की है। एक ओर जातीय क्षत्रपों की फौज उपचुनाव वाली सीटों पर उतारी जाएगी। वहीं दूसरी ओर सामाजिक ध्रुवीकरण पर भी पार्टी पूरा फोकस करेगी।

2014 से यूपी में लगातार जीत हासिल करने वाली भाजपा का विजय रथ इसी साल हुए लोकसभा चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन ने रोक दिया था। भाजपा 62 से खिसककर 33 पर आ गई थी। जबकि सपा पांच से बढ़कर 37 पर जा पहुंची। वहीं छह सीटों उसकी सहयोगी कांग्रेस ने जीत ली थीं। तब विपक्ष संविधान और आरक्षण बदलने को लेकर चलाए गए अपने प्रचार अभियान में सफल हो गया था, वहीं भाजपा के पक्ष में 2014 से बना सामाजिक ताना-बाना भी गड़बड़ा गया था। रही-सही कसर कार्यकर्ताओं की उदासीनता ने पूरी कर दी थी।

मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर भी स्पष्ट संदेश

पार्टी अब इन स्थितियों से सबक लेकर सधे अंदाज में कदम बढ़ा रही है। पूरा फोकस सामाजिक समीकरण साधने और प्रखर हिन्दुत्व के एजेंडे पर है। दलितों को साधने के लिए अलग योजना बनाई गई है। तमाम दलित नेता अनुसूचित वर्ग की बस्तियों में ही डेरा डालेंगे। भाजपा ने एक बार फिर कुंदरकी व सीसामऊ जैसी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर गैर मुस्लिम प्रत्याशी देकर अपने इरादे भी जता दिए हैं। जबकि सपा के कब्जे वाली कटेहरी सीट पर ओबीसी वर्ग से निषाद प्रत्याशी उतारकर अगड़े-पिछड़ों की जुगलबंदी का दांव चला है।

जबकि सपा की परंपरागत सीट करहल पर उसे अपने परिवार में घेरने और यादव वोट बैंक में सेंधमारी की जुगत भिड़ाई है। हालांकि इस प्रयोग की सफलता नतीजे तय करेंगे। खैर में वाल्मीकि चेहरे के जरिए अगड़े-पिछड़ों के साथ गैर जाटव दलितों को रिझाने का दांव चला गया है। फूलपुर में सपा के मुस्लिम प्रत्याशी के मुकाबिल कुर्मी चेहरे के जरिए ध्रुवीकरण की कोशिश है। बता दें कि यूपी की नौ में से आठ सीटों पर भाजपा और मुजफ्फरनगर की मीरापुर सीट से उसका सहयोगी दल रालोद चुनाव मैदान में है।

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