मूर्ख लोगों के बजाय बुद्धिमान की संगति ही उत्तम
दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया और बुद्ध संस्कृति विश्वविद्यापीठ ने महामंगल सूत पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत बौद्ध भिक्षु अक्षयदीप ने भगवान बुद्ध और डॉ आंबेडकर की प्रतिमा के...
दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया एवं बुद्ध संस्कृति विश्वविद्यापीठ की ओर से महामंगल सूत विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन किया। गुरुवार को सत्य विहार कॉलोनी स्थित डॉ सहदेव के आवास पर दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया एवं बुद्ध संस्कृति विश्वविद्यापीठ की ओर से महामंगल सूत विषय पर व्याख्यानमाला का शुभारंभ बौद्ध भिक्षु अक्षयदीप ने भगवान बुद्ध व डॉ भीमराव आंबेडकर के प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती प्रज्जवलित कर के किया। त्रिशरण पंचशील के साथ बुद्ध वंदना, धम्म वंदना, संघ वंदना के साथ कार्यक्रम शुरू हुआ।
डॉ. सहदेव की अध्यक्षता व बौद्धाचार्य मामराज सिंह के संचालन में दि बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया के प्रदेश महासचिव बौद्धाचार्य एवं केंद्रीय शिक्षक राकेश मोहन भारती ने कहा कि माता-पिता की सेवा, पुत्र ,पुत्री और पत्नी का पालन, मूर्ख लोगों की संगति न करके, बुद्धिमान लोगों की संगति करना तथा पूजनीयों की सेवा -पूजा करना उत्तम मंगल है।
डीएमआर डिग्री कॉलेज के प्रबंधक आर के सागर, बुद्ध संस्कृति विश्वविद्यापीठ के अध्यक्ष गोविंद सिंह बौद्ध, समय सिंह बौद्ध, राजकुमार आदि ने महामंगल सूत विषय पर अपने विचार व्यक्त किये। केवल सिंह, नरेंद्र सिंह, हर गोविंद सिंह, योगेंद्र सिंह, विमल कुमार, रघुवीर सिंह, वीर सिंह, धर्मवीर सिंह सहित अनेक उपासक, उपासिकाओं उपस्थिति रहें।
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