शेख हसीना ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें मारने की साजिशें कई बार रची गईं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि 21 अगस्त की हत्याओं से बचना या कोटलीपारा में बम से बच जाना और 5 अगस्त, 2024 को भी जीवित रहना... अल्लाह की मर्जी से हुआ।’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने कहा कि हसीना के भारत में रहने के मुद्दे पर भारत सरकार को विचार करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ढाका भारत में अपने नए उच्चायुक्त के संबंध में भारत के जवाब का इंतजार कर रहा है।
भारत म्यानमार में चल रहे इस संघर्ष पर करीबी नजर रखे हुए है। भारत के लिए यह स्थिति और भी चिंताजनक है, क्योंकि रखाइन राज्य में स्थित कालादान मल्टी-मॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के भविष्य पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
दावा किया जा रहा है कि लंदन की जिन संपत्तियों में सिद्दीक रहती हैं, वो उन्हें आवामी लीग की तरफ से गिफ्ट की गई हैं। हालांकि, खुद सिद्दीक का कहना है कि उन्होंने 'कुछ गलत नहीं किया है।'
सवालों के दौरान मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान और भारत के रिश्तों पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी हम भारतीयों जैसे ही हैं, केवल विभाजन का हादसा ही उन्हें एक अलग देश बना दिया।
भारत और बांगलादेश के बीच शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि, भारत की ओर से फिलहाल कोई ठोस कदम उठाने की स्थिति नहीं दिख रही है।
शेख हसीना के खिलाफ मोहम्मद यूनुस सरकार ने नया ऐक्शन लिया है। पूर्व पीएम समेत 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं। अपहरण और हत्या समेत कई आपराधिक मामलों का हवाला देकर इन सभी पर कार्रवाई की गई है।
Taslima Nasreen: बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने शेख हसीना को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने प्रधानमंत्री रहते हुए मुझे बहुत नुकसान पहुंचाया है। लेकिन तब भी मैंने उनका कभी विरोध नहीं किया। आज भी मैं उनकी पार्टी के नेताओं के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठा रही हूं।
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने 23 दिसंबर को पुष्टि की थी कि भारत को बांग्लादेश से एक नोट प्राप्त हुआ है, लेकिन उन्होंने इस पर और कोई टिप्पणी करने से इनकार किया।
बांग्लादेश में आवामी लीग के सत्ता से हटते ही देश का माहौल बदलने लगा है। पहले हिंदुओं के खिलाफ लगातार हो रहे हमले, संविधान को बदलने की खबरें आने के बाद अब खबर है कि बांग्लादेश 1971 के मुक्ति संग्राम की कहानी ही बदल देगा।
वकर-उज-जमान ने कहा कि भारत को बांग्लादेश की स्थिरता में बहुत रुचि है और दोनों पक्षों के बीच रोजी-रोटी से जुड़ा ऐसा रिश्ता है जो निष्पक्षता पर आधारित होना चाहिए।
बांग्लादेश में उस संविधान को ही खत्म करने का ऐलान हो सकता है, जो 1972 में शेख मुजीबर रहमान के दौर में बना था। इसके अलावा राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जैसे पदों का भी खात्मा हो सकता है। वहीं जुलाई में शेख हसीना के खिलाफ हुए आंदोलन को क्रांति का दर्जा दिया जा सकता है।
बांग्लादेश ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत को नोट लिखा था लेकिन इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण का इस्तेमाल शेख हसीना के लिए किया जाएगा।
Bangladesh news: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने मीडिया के ऊपर नया प्रतिबंध लगा दिया है। पत्रकारों की सचिवालय तक पहुंच को सुनिश्चित करने वाले कार्डों को यूनुस सरकार ने रद्द कर दिया है।
बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद रफीकुल आलम ने इस बात को स्वीकार किया कि बांग्लादेश और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि में जवाब देने के लिए कोई समय-सीमा निर्दिष्ट नहीं की गई है।
बांग्लादेश में पूर्व स्वतंत्रता सेनानी को शर्मसार करने का एक मामला सामने आया है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो को आवामी लीग ने भी अपने पेज शेयर किया है। इसमें लोग पूर्व स्वतंत्रता सेनानी को जूतों की माला पहनने पर मजबूर करते नजर आ रहे हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को कहा कि उसने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को ढाका वापस भेजने के लिए भारत को एक राजनयिक संदेश भेजा है।
भारत और बांग्लादेश ने प्रत्यर्पण संधि पर 2013 में हस्ताक्षर किए थे। 2016 में इसमें संशोधन किया गया था। यह एक रणनीतिक उपाय है जिसका उद्देश्य दोनों देशों की साझा सीमाओं पर उग्रवाद और आतंकवाद के मुद्दे को सुलझाना है।
बांग्लादेश ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की देश वापसी के लिए भारत सरकार को पत्र लिखा है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है पर टिप्पणी से इनकार कर दिया है।
इसी सप्ताह बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर एक मालवाहक जहाज पहुंचा, जो कराची से निकला था और दुबई होते हुए आया। बीते कुछ दिनों में यह दूसरा जहाज है, जो पाकिस्तान से बांग्लादेश की जलसीमा में दाखिल हुआ। इस जहाज में 811 कंटेनर थे, जिनमें जरूरी औद्योगिक सामान थे।
आरोप है कि शेख हसीना, उनके बेटे वाजेद और भतीजी ट्यूलिप सिद्दीक, जो ब्रिटेन की राजकोष मंत्री हैं, ने मलेशिया के बैंक खातों के जरिए परमाणु ऊर्जा परियोजना में 5 अरब डॉलर का गबन किया है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से शेख हसीना को वापस भेजने की मांग की है। मोहम्मद यूनुस की लीडरशिप वाली सरकार ने भारत को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजने की पुष्टि की है, जिसमें मांग की गई है कि शेख हसीना को ढाका भेजा जाए। फिलहाल बांग्लादेश की पूर्व पीएम दिल्ली में ही किसी अज्ञात स्थान पर रह रही हैं।
शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग का दावा है कि उसके 400 कार्यकर्ता मारे गए हैं। पार्टी ने दावा किया है कि इस साल जुलाई से अब तक उसके 400 लोगों का कत्ल कट्टरपंथियों के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के दौर में हुआ है।
शेख हसीना की टिप्पणी पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। हसीना ने कहा कि अवामी लीग 2041 तक रहमान के स्वर्णिम बांग्लादेश के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
आयोग के अध्यक्ष एवं उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मैनुल इस्लाम चौधरी ने यूनुस को बताया कि जांच के दौरान उन्हें एक व्यवस्थित तरीके की जानकारी मिली जिसके कारण इन घटनाओं का पता नहीं चल सका।
बांग्लादेश में शेख हसीना की विदाई के बाद धीरे-धीरे उनके पिता शेख मुजीबुर्रहमान की निशानियां मिटाई जा रही हैं। पहले करेंसी नोटों से शेख मुजीबुर्रहमान तस्वीर हटाई गई और अब 'जय बांग्ला' को राष्ट्रीय नारे के दर्जे से भी हटा दिया गया है।
Taslima Nasreen: बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने यूनुस को 1971 की लड़ाई की याद दिलाते हुए कहा कि भारत ने बांग्लादेश के लिए अपने 17 हजार सैनिकों को खोया था।आज उसे आप बांग्लादेश का दुश्मन बता रहे हैं। वहीं पाकिस्तान ने अत्याचारों की आज तक माफी नहीं मांगी उसे दोस्त बता रहे हैं।
शेख हसीना ने कहा कि जिस दिन वो बांग्लादेश छोड़कर भारत लौटी, उससे पहले उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को साफ निर्देश दे रखे थे कि चाहे कुछ हो जाए, गोली मत चलाना। अगर गोली चल जाती तो कई निर्दोष लोगों की जान चली जाती।
शेख हसीना ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी का संदर्भ देते हुए कहा कि हिंदू, बौद्ध, ईसाई किसी को भी नहीं बख्शा गया। 11 चर्चों को तोड़ दिया गया, मंदिरों और बौद्ध धर्मस्थलों को तोड़ दिया गया।
बांग्लादेश की यूनुस सरकार के विदेश सलाहकार मोहम्मद तौहीद हुसैन के हवाले से समाचार एजेंसी PTI ने कहा है कि बांग्लादेश और भारत के बीच निर्धारित विदेश सचिव स्तर की विदेश कार्यालय परामर्श (FOC) 9 या 10 दिसंबर को ढाका में होगी।