बांग्लादेश में हुए उथल पुथल के बाद मोहम्मद युनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने जिम्मेदारी संभाल ली थी। स्थिति सुधरने के बाद अब देश में जल्द ही चुनाव कराए जाने की संभावना है। हालांकि इन चुनावों में शेख हसीना की पार्टी को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है।
यूनुस ने कहा कि हम भारत से तानाशाह शेख हसीना की वापसी की मांग करेंगे। मैंने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के मुख्य अभियोजक करीम खान के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है।
बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि देश में सेकुलरिज्म की ही कोई जरूरत नहीं है। बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने ऐसा कहा है। बांग्लादेशी अखबार Prothom Alo के अनुसार हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान असदुज्जमां ने यह बात कही।
मोहम्मद यूनुस के कार्यालय से शेख हसीना के पिता और बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की तस्वीर हटा दी गई है। यूनुस के सलाहकार आलम ने कहा कि यह शर्म की बात है कि इतने लंबे वक्त तक हम ऐसा नहीं कर सके।
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार में तीन नए लोगों को जगह मिली है, जिसे लेकर आरोप लगे हैं कि वे कट्टरपंथी हैं। खासतौर पर ऐसे वक्त में इन लोगों को सरकार में एंट्री मिली है, जब अल्पसंख्यक हिंदू हिंसा के शिकार हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में कुछ और कट्टरपंथियों की सरकार में एंट्री चिंता बढ़ाने वाली है।
शेख हसीना ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत पर उन्हें बधाई दी। हसीना की पार्टी अवामी लीग ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी।
गुरुवार सुबह राजधानी ढाका में एक बार फिर हिंसा भड़क गई। सेना और पुलिस की कपड़ा दुकानदारों के साथ झड़प हो गई। गुस्साए लोगों ने सेना और पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी। इससे तनाव फैल गया।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के महल को ‘क्रांति संग्रहालय’ बनाया जाएगा। अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि इस संग्रहालय में शेख हसीना के कथित कुशासन की यादों को संरक्षित किया जाएगा।
बांग्लादेश में राजनीतिक संरक्षण के चलते मजबूत रहा कट्टरपंथी संगठन हिंदुओं के खिलाफ हिंसा से लेकर सामाजिक बहिष्कार और बदनामी अभियान का सहारा ले रहा है। चरमपंथी समूहों ने 'लव ट्रैप' अभियान शुरू किया है।
बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों पर शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार की ओर से कार्रवाई की गई थी। इन प्रदर्शनों के कारण हसीनों को प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
मध्य दिल्ली में सुरक्षित घरों की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा घेरे की देखभाल केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों द्वारा की जाती है। दिल्ली पुलिस की कमांडो यूनिट आने-जाने वालों पर नजर रखते हैं।
बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़कर भागने के बाद अब राष्ट्रपति शहाबुद्दीन पर तलवार लटक रही है। हसीना को लेकर दिया उनका बयान सरकार की नजर में चढ़ चुका है। उन्हें पद से हटाने को लेकर यूनुस सरकार ने अन्य दलों से चर्चा की है।
शेख हसीना को भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली के लुटियंस बंगला जोन में एक सुरक्षित आवास मुहैया कराया गया है, जहां वे अपने करीबी सहयोगियों के साथ रह रही हैं।
शेख हसीना को बड़ा झटका देते हुए उनके छात्र संगठन बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यूनुस सरकार ने यह फैसला उस छात्र संगठन के हिंसक हमलों में शामिल होने के कारण लिया है।
छात्र समूह के नेता ने राष्ट्रपति शहाबुद्दीन को 'अपराधी' कहा क्योंकि उन्हें ‘हत्यारी हसीना’ द्वारा अवैध रूप से नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि हम उनसे तत्काल इस्तीफा देने और बंग भवन खाली करने का अनुरोध करते हैं। अन्यथा, हम जुलाई जैसांआंदोलन शुरू करेंगे।
84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में पदभार ग्रहण किया था। इससे पहले, हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना भारत भाग आईं थीं।
बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन का कहना है कि देश छोड़ने से पहले हसीना ने मुझे दो फोन जरूर किए, लेकिन इस्तीफा नहीं सौंपा, शायद उनके पास समय नहीं था। हमारे पास हसीना के इस्तीफा से जुड़ा कोई भी सबूत नहीं है।
स्थानीय मीडिया के अनुसार देश की एक अदालत ने उन पर मानवता के खिलाफ अपराध किए जाने के आरोपों में गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। शेख हसीना ने बांग्लादेश से हेलिकॉप्टर पर सवार होकर देश छोड़ा था और दिल्ली के पास स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरी थीं।
कुल 8 राष्ट्रीय अवकाशों को मोहम्मद यूनुस सरकार ने रद्द कर दिया है। इनमें 7 मार्च और 15 अगस्त शामिल हैं, जिन्हें मुक्त संग्राम से जोड़ा जाता है। इन छुट्टियों को रद्द करने का फैसला हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में लिया गया था। इसका नोटिफिकेशन भी जल्द जारी होगा।
मोहम्मद यूनुस सरकार के इस कदम से यह चिंता बढ़ गई है कि बिना जांच और छानबीन के पाकिस्तानी माल पहुंचने से हथियारों के अवैध हस्तांतरण और तस्करी को बढ़ावा मिल सकता है। पाकिस्तान में आतंक की जड़ें बहुत गहरी हैं और वहां भारत विरोधी अभियान लंबे समय से चलता रहा है।
आपको बता दें कि ब्रिटेन के पाकिस्तानी मूल के वकील ने फिलिस्तीन संघर्ष को लेकर इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और हमास नेताओं के खिलाफ आईसीसी से गिरफ्तारी वारंट जारी करवाने सफलता पाई थी। साथ ही यूक्रेन की स्थिति को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ भी वारंट जारी किया जा चुका है।
शेख हसीना सरकार के वक्त हनक दिखाने वाली अवामी लीग के नेताओं के दिन गर्दिश में चल रहे हैं। कई नेताओं ने अपने घर लौटने की कोशिश की तो उन्हें इसके लिए लाखों रुपए चुकाने पड़े। कई केंद्रीय नेता अभी भी अंडरग्राउंड हैं।
अंतरिम सरकार के सलाहकार ने कहा कि महफूज आलम ने अपने भाषणों और अपने समर्पण भाव से पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इसके बाद उन्होंने कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन महफूज आलम के दिमाग की ही उपज थी।
मंगलवार को न्यूयॉर्क में एक होटल के बाहर कई बांग्लादेशी इकठ्ठा हो गए। लोगों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस के खिलाफ नारेबाजी की है।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में हुए हिसंक विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को भारत में शरण ली थी। उसके बाद से वह भारत में ही रह रही हैं।
छात्र की हत्या के प्रयास में हसीना और 58 अन्य के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हुआ। इस तरह हसीना के खिलाफ मुकदमों की संख्या 155 हो गई है। जिसमें हत्या के 136, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के सात मामले शामिल हैं।
शेख हसीना ने कहा कि कुछ लोग अजीब बातें कह रहे हैं। मैं देश (बांग्लादेश) के बहुत करीब हूं। मैं बहुत दूर नहीं हूं, मैं जल्दी वापस लौटने के लिए काफी करीब हूं।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर उठाए जा रहे कदमों के बीच बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने फैसला लिया है कि जुलाई में हुए नरसंहार में पूर्व पीएम शेख हसीना की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
बांग्लादेशी अखबार ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय की सलाहकार फरीदा अख्तर ने भारत को हिलसा मछली के निर्यात पर बैन लगाने की पुष्टि की है और कहा है कि सरकार ने स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ये प्रतिबंध लगाया है।
इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के वकील मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पित करने के लिए बांग्लादेश सभी जरूरी कदम उठाएगा।