बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में हुए हिसंक विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को भारत में शरण ली थी। उसके बाद से वह भारत में ही रह रही हैं।
छात्र की हत्या के प्रयास में हसीना और 58 अन्य के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हुआ। इस तरह हसीना के खिलाफ मुकदमों की संख्या 155 हो गई है। जिसमें हत्या के 136, मानवता के खिलाफ अपराध और नरसंहार के सात मामले शामिल हैं।
शेख हसीना ने कहा कि कुछ लोग अजीब बातें कह रहे हैं। मैं देश (बांग्लादेश) के बहुत करीब हूं। मैं बहुत दूर नहीं हूं, मैं जल्दी वापस लौटने के लिए काफी करीब हूं।
शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर उठाए जा रहे कदमों के बीच बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने फैसला लिया है कि जुलाई में हुए नरसंहार में पूर्व पीएम शेख हसीना की सुनवाई का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
बांग्लादेशी अखबार ढाका ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के मत्स्य पालन और पशुधन मंत्रालय की सलाहकार फरीदा अख्तर ने भारत को हिलसा मछली के निर्यात पर बैन लगाने की पुष्टि की है और कहा है कि सरकार ने स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ये प्रतिबंध लगाया है।
इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के वकील मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने कहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत से प्रत्यर्पित करने के लिए बांग्लादेश सभी जरूरी कदम उठाएगा।
बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस हिंदुओं पर हमलों को बीच भारत को सीख देने लगे हैं। उन्होंने कहा है कि बांग्लादेश अफगानिस्तान नहीं बनने जा रहा है। यूनुस ने भारत सरकार से गुहार लगाई है कि वह हमारे साथ संबंधों को मजबूती देने पर काम करे।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने हत्याओं के आरोपियों और भ्रष्टाचार के तहत विदेश भेजी गई धनराशि की वापसी की मांग की है। उनका यह बयान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की ओर इशारा करता है।
बांग्लादेश का कहना है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत में बैठकर जिस प्रकार की राजनीतिक टिप्पणियां कर रही हैं वह उचित नहीं है। जब तक ढाका उनके प्रत्यर्पण का अनुरोध नहीं करता, तब तक उन्हें चुप रहना चाहिए।
शेख हसीना (76) ने पिछले महीने इस्तीफा दे दिया था और भारत चली आई थीं। अवामी लीग नेता हसीना के खिलाफ अब तक कम से कम 94 मामले दर्ज किए गए हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मंत्री तौहीद हुसैन का कहना है कि अगर उनके देश की अदालत आदेश जारी करें तो वो पूर्व पीएम शेख हसीना को भारत से वापस लाने की कोशिश करेंगे।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में पांच अगस्त को सरकार विरोधी प्रदर्शन चरम पर पहुंचने के बाद शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा और देश छोड़कर भारत जाना पड़ा।
पिछले दो महीने में हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश में विद्रोह के दौरान एक हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। अंतरिम सरकार में स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहां बेगम ने गुरुवार को यह जानकारी दी है।
छात्रों के विरोध को देखते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना को न केवल अपना पद छोड़ना पड़ा बल्कि 5 अगस्त को उन्हें बांग्लादेश से भागकर भारत आना पड़ा था। हसीना पर विभिन्न अपराधों के आरोप लगाते हुए अब तक 70 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें 65 हत्या के मामले और 8 नरसंहार के मामले शामिल हैं।
जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख ने कहा है कि नकी पार्टी भारत के साथ अच्छे संबंध चाहती है लेकिन भारत को पड़ोस के लिए अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। रहमान ने दावा किया कि जमात को भारत विरोधी पार्टी के रूप में भारत की धारणा गलत है।
रविवार को ढाका में नौकरी को नियमित करने की मांग कर रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारी के साथ छात्रों की झड़प में कम से कम 50 लोग घायल हो गए है। दोनों गुटों ने इस दौरान एक-दूसरे पर ईंटें फेंकी और एक-दूसरे को खदेड़ते नजर आएं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सेना के जवानों को तैनात किया गया है।
बांग्लादेश में पिछले महीने हुए छात्र आंदोलन के दौरान सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद अब तक कम से कम 56 लोगों को अज्ञात के तौर पर दफनाया गया है।
बीडीआर के सहायक उप निदेशक रहे रहीम 2010 में पिलखाना में कत्लेआम के सिलसिले में दर्ज मामले में आरोपी थे। उसी साल 29 जुलाई को हिरासत में रहते हुए जेल में उनकी मौत हो गई थी।
सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर में कहा गया है कि हसीना के पास उनके नाम से जारी राजनयिक पासपोर्ट के अलावा कोई अन्य पासपोर्ट नहीं है।
भारत और बांग्लादेश सीमा पर तनाव बढ़ता नजर आ रहा है। बांग्लादेश ने भारत को सीमा पर फेंसिंग से से रोक दिया है। यह मामला कूचबिहार स्थित सीमाक्षेत्र का है, जहां जानवरों को रोकने के लिए मवेशी बाड़ बनाई जा रही थी।
बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और सीनियर क्रिकेटर शाकिब अल हसन पर मर्डर का आरोप लगाया गया है। इस मामले में शाकिब के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है। शाकिब इस समय पाकिस्तान में हैं और दो मैचों की टेस्ट सीरीज में हिस्सा ले रहे हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हसीना, उनकी सरकार में रहे कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों के राजनयिक पासपोर्ट रद्द करने का फैसला लिया है। इसके लिए प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
अखबार के मुताबिक, इस मामले के साथ ही हसीना पर अबतक दायर मुकदमों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। बांग्लादेश में हसीना के नेतृत्व वाली सरकार को हटाकर अंतरिम सरकार बनाई गई है और 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को इसका मुख्य सलाहकार नियुक्त किया गया।
बांग्लादेश छोड़े शेख हसीना को पंद्रह दिन हो चुके हैं, इन पंद्रह दिन में काफी कुछ बदल गया है। 2010 में शेख हसीना ने जिस अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण की स्थापना पाकिस्तान के अत्याचारों की जांच के लिए की थी, वह आज उन्हीं के खिलाफ सामूहिक हत्या की जांच कर रहा है।
रविवार को शेख हसीना के खिलाफ तीन नए केस दर्ज हुए। उनके खिलाफ अब कुल 10 मामले दर्ज हो चुके हैं। इनमें से हत्या के आठ, अपहरण का एक और नरसंहार का एक मामला शामिल हैं।
शेख हसीना और अन्य पर 2013 में एक रैली पर अंधाधुंध गोलीबारी करके नरसंहार का आरोप है। बांग्लादेश की एक अदालत में रविवार को हसीना और 33 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए एक आवेदन दायर किया गया।
हसीना सरकार गिरने के बाद देश भर में हिंसक घटनाओं में 230 से अधिक लोगों की मौत हो गई, जिसके साथ ही तीन सप्ताह तक हुई हिंसा के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़कर 560 हो गई।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। देश छोड़कर भागने पर मजबूर हुई हसीना को बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों के हुई हिंसा में मौतों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। इस बीच उन पर हत्या का एक और केस दर्ज हो गया है।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ढाका महानगर इकाई के कार्यकर्ता और समर्थक अपनी मांगों को लेकर बैतुल मुकर्रम नेशनल मस्जिद के दक्षिणी गेट, हसीना की पार्टी अवामी लीग के कार्यालयों के सामने और सेंट्रल शहीद मीनार पर एकत्र हुए।
अवामी लीग के नेता ढाका में स्थित धानमंडी के कमरा नंबर 32 में जाना चाहते थे, जहां शेख मुजीबर रहमान की हत्या हुई थी। आज के दिन ही उन्हें परिवार के 4 लोगों समेत कत्ल कर दिया गया था। ऐसे में इस दिन को बांग्लादेश में अब तक शहीदी दिवस के तौर पर मनाया जाता रहा है।